मेवाड़ का गुहिल वंश
- प्रश्न 81 डूँगरपुर राज्य से गुहिल राजवंश का संस्थापक कौन था -
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 29 June 2022 Paper-1 -
- (अ) आसकरण
- (ब) सीसमल
- (स) सामन्त सिंह
- (द) उदयसिंह
उत्तर : उदयसिंह
व्याख्या :
महारावल उदयसिंह ने अपने जीवनकाल में ही अपना राज्य दो भागों में बाँट दिया था-पश्चिमी भाग (डूंगरपुर) ज्येष्ठ पुत्र पृथ्वीराज को तथा पूर्वी भाग (बाँसवाड़ा) दूसरे पुत्र जगमाल को दे दिया।
- प्रश्न 82 निम्नलिखित में से किस राजपूत ने ‘विजय कटकातू’ की उपाधि धारण की थी -
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- (अ) महाराणा राजसिंह
- (ब) महाराणा सांगा
- (स) महाराणा कुम्भा
- (द) महाराजा जसवंत सिंह
उत्तर : महाराणा राजसिंह
व्याख्या :
राजसिंह ने अपने साथियों तथा प्रजा में सैनिक-जीवन की अभिव्यक्ति के लिए ‘विजय कटकातु’ की उपाधि धारण की।
- प्रश्न 83 मेवाड़ के इतिहास में शासन का त्याग कर सौतेले भाई को राजा स्वीकार करने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी -
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- (अ) लाखा ने
- (ब) रणमल ने
- (स) क्षेत्र सिंह ने
- (द) चूंडा ने
उत्तर : चूंडा ने
व्याख्या :
राणा लाखा के बड़े पुत्र चूँडा ने यह प्रतिज्ञा ली कि ‘मेवाड़ के सिंहासन पर उसका या उसके उत्तराधिकारी का कोई अधिकार नहीं होगा, बल्कि राजकुमारी हंसाबाई से उत्पन्न होने वाली संतान का होगा।’
- प्रश्न 84 राणा साँगा की मृत्यु कब हुई -
REET-2022 Level 2 (सामाजिक अध्ययन) Shift-IV -
- (अ) 30 जनवरी, 1528
- (ब) 30 जुलाई, 1527
- (स) 28 अगस्त, 1529
- (द) 29 नवम्बर, 1530
उत्तर : 30 जनवरी, 1528
व्याख्या :
युद्ध के मैदान से मूर्च्छित अवस्था में सांगा को पालकी में बसवा ले जाया गया। ज्यों ही उसको होश आया वह पुनः युद्ध स्थल के लिए उद्यत हुआ। उसने फिर से चारों ओर अपने सामन्तों को रण-स्थल में उपस्थित होने के लिए पत्र लिखे और स्वयं ईरिच (मध्य प्रदेश) के मैदान में बाबर से टक्कर लेने के लिए आ डटा। जब उसके साथियों ने देखा कि इस बार पराजय से मेवाड़ का सर्वनाश होगा तो उन्होंने मिलकर उसे विष दे दिया, जिसके फलस्वरूप 30 जनवरी, 1528 को 46 वर्ष की आयु में उसकी मृत्यु हो गयी।
- प्रश्न 85 अकबर द्वारा महाराणा प्रताप से मैत्री स्थापित करने के लिए गठित तृतीय शिष्ट मण्डल का नेतृत्व किया था -
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- (अ) मानसिंह ने
- (ब) जलाल खां ने
- (स) टोडरमल ने
- (द) भगवन्तदास ने
उत्तर : भगवन्तदास ने
व्याख्या :
अकबर ने अपनी गुजरात विजय के बाद अपने मनसबदार जलाल खाँ कोरची को राणा प्रताप के पास इस आशय से भेजा कि वह (राणा) अकबर की अधीनता स्वीकार कर ले। राणा प्रताप ने शिष्टता के साथ इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। अकबरनामा और इकबालनामा के अनुसार जब मानसिंह गुजरात से लौट रहा था तो उसे आदेश दिया गया कि वह उदयपुर जाकर राणा प्रताप को समझाये कि वह अकबर की सर्वोपरि शक्ति को मान्यता दे और शाही दरबार में उपस्थित हो। इसके बाद इसी आशय से दो और पैगाम महाराणा के पास भगवन्तदास तथा टोडरमल के नेतृत्व में भेजे गये, परन्तु पहले की भाँति वे भी विफल रहे।
- प्रश्न 86 महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को कौनसे युद्ध में पराजित किया -
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- (अ) पानीपत
- (ब) खातोली
- (स) नागौर
- (द) उदयपुर
उत्तर : खातोली
व्याख्या :
खातोली का युद्ध (1517 ई.) : मेवाड़ के महाराणा सांगा एवं दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की महत्त्वाकांक्षाओं के फलस्वरूप दोनों के मध्य 1517 ई. में ‘खातोली’ (पीपल्दा तहसील, कोटा) में युद्ध हुआ। महाराणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
- प्रश्न 87 “विषमघाटी पंचानन” की संज्ञा मेवाड़ के किस शासक को दी गई थी -
REET-2022 Level 2 (सामाजिक अध्ययन) Shift-II -
- (अ) राणा हमीर
- (ब) राणा लाखा
- (स) राणा कुंभा
- (द) राणा उदयसिंह
उत्तर : राणा हमीर
व्याख्या :
गौरीशंकर हिराचंद औझा के अनुसार मालदेव सोनगरा चौहान के पुत्र जयसिंह/जैसा चौहान को पराजित कर सीसोदा शाखा के राणा अरिसिंह के पुत्र राणा हमीर ने चित्तौड़गढ़ पर अधिकार कर लिया। तब से मेवाड़ के शासक महाराणा/राणा तथा वंश सिसोदिया कहलाने लगा। कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति (चित्तौड़गढ़) में हमीर सिसोदिया को विषम घाटी पंचानन कहा गया है।
- प्रश्न 88 अकबर के आक्रमण के विरूद्ध चित्तौड़गढ़ की रक्षा कौन कर रहा था -
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- (अ) उदयसिंह
- (ब) राणा प्रताप
- (स) जयमल
- (द) मानसिंह
उत्तर : जयमल
व्याख्या :
महाराणा ने सभी सरदारों को बुलाकर इस संबंध में मन्त्रणा की। इसके द्वारा यह निश्चिय किया गया कि जयमल मेडतिया और फत्ता सिसोदिया पर तो चित्तौड़ की रक्षा का भार रखा जाये और स्वयं राणा नवस्थापित राजधानी उदयपुर और उसके आस-पास वाली गिरवा की बस्तियों की रक्षा करे। अकबर से युद्ध में जयमल और कल्ला राठौड़ हनुमानपोल व भैरवपोल के बीच और रावत व पत्ता सिसोदिया रामपोल के भीतर वीरगति को प्राप्त हुए व राजपूत स्त्रियों ने जौहर किया। यह चित्तौड़ दुर्ग का ‘तृतीय साका’ था।
- प्रश्न 89 राणा राजसिंह (मेवाड़) समकालीन था -
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- (अ) अकबर
- (ब) जहांगीर
- (स) औरंगजेब
- (द) शाहजहां
उत्तर : औरंगजेब
व्याख्या :
महाराणा जगतसिंह के पुत्र राजसिंह का राज्याभिषेक 10 अक्टूबर, 1652 को हुआ। सितम्बर, 1657 ई. में जब शाहजहाँ के बीमार होने पर सम्राट के पुत्रों में राजसिंहासन प्राप्त करने के प्रयत्नों में तेजी आ गयी तो औरंगजेब ने महाराजा राजसिंह को पत्र लिखने आरम्भ किये जिनके द्वारा उसने उसको दक्षिण में अपनी सैनिक सहायता भेजने की अभ्यर्थना की।
- प्रश्न 90 राजस्थान का कौनसा पूर्व राजवंश शैव परम्परा का निर्वहन करता है -
Lab Assistant Exam 2022 (Science) 28 June 2022 Paper-1 -
- (अ) राणा
- (ब) चौहान
- (स) गुहिल
- (द) सिसोदिया
उत्तर : सिसोदिया
व्याख्या :
मेवाड़ का सिसोदिया वंश शैव धर्म को मानने वाला था।
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