चौहान वंश
- प्रश्न 81 अलाउद्दीन खिलजी ने किस दुर्ग को विजित कर उसका नाम खैराबाद रखा -
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- (अ) चित्तौड़गढ़
- (ब) रणथम्भौर
- (स) सिवाणा
- (द) लोहागढ़
उत्तर : सिवाणा
व्याख्या :
जालौर के मार्ग में सिवाना का दुर्ग पड़ता है, अतः पहले अलाउद्दीन खिलजी ने 1308 ई. में सिवाना दुर्ग पर आक्रमण कर उसे जीता और उसका नाम खैराबाद रख कमालुद्दीन गुर्ग को वहाँ का दुर्ग रक्षक नियुक्त कर दिया।
- प्रश्न 82 हम्मीर रासो के अनुसार रणथम्भौर किले का प्रांरभिक नाम क्या था -
Librarian Grade III 2018 -
- (अ) रणस्तम्भपुर
- (ब) रणदेवपुर
- (स) रणथनपुर
- (द) रणथम्बपुरा
उत्तर : रणस्तम्भपुर
व्याख्या :
हम्मीर रासो के अनुसार रणथम्भौर किले का प्रांरभिक नाम रणस्तंभपुर था।
- प्रश्न 83 सूफी संत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती किसके शासनकाल में राजस्थान आये थे -
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- (अ) महाराणा प्रताप सिंह
- (ब) राणा कुम्भा
- (स) सोमेश्वर चौहान
- (द) पृथ्वीराज चौहान
उत्तर : पृथ्वीराज चौहान
व्याख्या :
मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का जन्म वर्ष 1141-42 ई. में ईरान के सिज़िस्तान (वर्तमान सिस्तान) में हुआ था। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने वर्ष 1192 ई. में अजमेर में रहने के साथ ही उस समय उपदेश देना शुरू किया, जब मुहम्मद गोरी (मुईज़ुद्दीन मुहम्मद बिन साम) ने तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हराकर दिल्ली में अपना शासन स्थापित कर लिया था।
- प्रश्न 84 पृथ्वीराज चौहान तृतीय का समकालीन चन्देल शासक था -
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- (अ) परमार्दी देव
- (ब) जयवर्मा
- (स) कीर्तिवर्मा
- (द) यशोवर्मा
उत्तर : परमार्दी देव
व्याख्या :
महोबा (तुमुल) का युद्ध : 1182 ई. में पृथ्वीराज ने महोबा के चंदेल वंश के शासक परमाल(परमार्दी) देव पर आक्रमण किया। इस युद्ध (तुमुल का युद्ध) में परमार्दिदेव के दो सेनानायक आल्हा व उदल वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 85 किस शासक को ‘अन्तिम हिन्दू सम्राट’ कहा जाता है -
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- (अ) पृथ्वीराज तृतीय
- (ब) बीसलदेव चौहान
- (स) वासुदेव चौहान
- (द) अजयराज
उत्तर : पृथ्वीराज तृतीय
व्याख्या :
पृथ्वीराज तृतीय का ‘अंतिम हिन्दू सम्राट’ कहा जाता है।
- प्रश्न 86 निम्न में से किस राजपूत शासक द्वारा ‘नेह तरंग’ रचित है -
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-B) -
- (अ) राव बुद्धसिंह
- (ब) महाराजा रायसिंह
- (स) महाराजा जसवंतसिंह
- (द) राजा सावंतसिंह
उत्तर : राव बुद्धसिंह
व्याख्या :
नेह तरंग के रचयिता राव बुद्ध सिंह हैं।
- प्रश्न 87 कान्हड़देव था -
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- (अ) नागौर का शासक
- (ब) जालौर का शासक
- (स) एक कवि
- (द) चौहानों का एक सामन्त
उत्तर : जालौर का शासक
व्याख्या :
सन् 1311 ई. में अलाउद्दीन ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरे के बाद अंतिम युद्ध में अलाउद्दीन की विजय हुई और सभी राजपूत शहीद हुए। वीर कान्हड़देव सोनगरा और उसके पुत्र वीरमदेव युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 88 चौहान राजवंश का प्रारंभिक केन्द्र था -
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- (अ) सपादलक्ष
- (ब) नागदा
- (स) नागौर
- (द) रणथम्भौर
उत्तर : सपादलक्ष
व्याख्या :
बिजौलिया शिलालेख, हम्मीर महाकाव्य, सुर्जन चरित्र, प्रबंध कोष, अर्ली चौहान डायनेस्टी आदि साक्ष्यों के अनुसार सपादलक्ष के चहमानों का आदि पुरूष वासुदेव चहमान था। इसने 551 ई. के लगभग सपादलक्ष में ‘चहमान’ राज्य की स्थापना की तथा अहिच्छत्रपुर को राजधानी बनाया।
- प्रश्न 89 कौनसा कूट सुमेलित नहीं है -
रियासत - शासक -
- (अ) झालावाड़ - सुमेर सिंह
- (ब) सिरोही - अभय सिंह
- (स) करौली - गणेश पाल
- (द) अलवर - तेज सिंह
उत्तर : झालावाड़ - सुमेर सिंह
व्याख्या :
सुमेरसिंह जाेधपुर के शासक थे।
रामसिंह के समय सन् 1838 ई. में महारावल झाला मदनसिंह जो कि कोटा का दीवान एवं फौजदार था तथा झाला जालिमसिंह का पौत्र था, को कोटा से अलग कर ‘झालावाड़’ का स्श्वतंत्र राज्य दे दिया गया। इस प्रकार 1838 ई. में झालावाड़ एक स्वतंत्र रियासत बनी। यह राजस्थान में अंग्रेजों द्वारा बनायी गई आखिरी रियासत थी। इसकी राजधानी झालरापाटन बनाई गई।
- प्रश्न 90 अंग्रेजों ने मांगरोल के युद्ध (1821 ई.) में कोटा महाराजा के विरूद्ध किसकी सहायता की थी -
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- (अ) बलवंत सिंह
- (ब) बन्ने सिंह
- (स) जालिम सिंह
- (द) शम्भू सिंह
उत्तर : जालिम सिंह
व्याख्या :
मांगरोल विशेष रूप से कोटा के महाराव एवं सेनानायक फौजदार जालिम सिंह झाला के मध्य युद्ध के कारण प्रसिद्ध रहा है।
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