चौहान वंश
- प्रश्न 87 कान्हड़देव था -
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- (अ) नागौर का शासक
- (ब) जालौर का शासक
- (स) एक कवि
- (द) चौहानों का एक सामन्त
उत्तर : जालौर का शासक
व्याख्या :
सन् 1311 ई. में अलाउद्दीन ने जालौर दुर्ग पर आक्रमण किया और कई दिनों के घेरे के बाद अंतिम युद्ध में अलाउद्दीन की विजय हुई और सभी राजपूत शहीद हुए। वीर कान्हड़देव सोनगरा और उसके पुत्र वीरमदेव युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
- प्रश्न 88 चौहान राजवंश का प्रारंभिक केन्द्र था -
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- (अ) सपादलक्ष
- (ब) नागदा
- (स) नागौर
- (द) रणथम्भौर
उत्तर : सपादलक्ष
व्याख्या :
बिजौलिया शिलालेख, हम्मीर महाकाव्य, सुर्जन चरित्र, प्रबंध कोष, अर्ली चौहान डायनेस्टी आदि साक्ष्यों के अनुसार सपादलक्ष के चहमानों का आदि पुरूष वासुदेव चहमान था। इसने 551 ई. के लगभग सपादलक्ष में ‘चहमान’ राज्य की स्थापना की तथा अहिच्छत्रपुर को राजधानी बनाया।
- प्रश्न 89 कौनसा कूट सुमेलित नहीं है -
रियासत - शासक -
- (अ) झालावाड़ - सुमेर सिंह
- (ब) सिरोही - अभय सिंह
- (स) करौली - गणेश पाल
- (द) अलवर - तेज सिंह
उत्तर : झालावाड़ - सुमेर सिंह
व्याख्या :
सुमेरसिंह जाेधपुर के शासक थे।
रामसिंह के समय सन् 1838 ई. में महारावल झाला मदनसिंह जो कि कोटा का दीवान एवं फौजदार था तथा झाला जालिमसिंह का पौत्र था, को कोटा से अलग कर ‘झालावाड़’ का स्श्वतंत्र राज्य दे दिया गया। इस प्रकार 1838 ई. में झालावाड़ एक स्वतंत्र रियासत बनी। यह राजस्थान में अंग्रेजों द्वारा बनायी गई आखिरी रियासत थी। इसकी राजधानी झालरापाटन बनाई गई।
- प्रश्न 90 अंग्रेजों ने मांगरोल के युद्ध (1821 ई.) में कोटा महाराजा के विरूद्ध किसकी सहायता की थी -
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- (अ) बलवंत सिंह
- (ब) बन्ने सिंह
- (स) जालिम सिंह
- (द) शम्भू सिंह
उत्तर : जालिम सिंह
व्याख्या :
मांगरोल विशेष रूप से कोटा के महाराव एवं सेनानायक फौजदार जालिम सिंह झाला के मध्य युद्ध के कारण प्रसिद्ध रहा है।
- प्रश्न 91 अलाउद्दीन खिलजी की निम्नांकित विजयों को कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिये -
अ. रणथम्भौर ब. जालौर स. चित्तौड़ द. सिबाना -
- (अ) अ, स, द, ब
- (ब) अ, ब, स, द
- (स) अ, ब, द, स
- (द) अ, स, ब, द
उत्तर : अ, स, द, ब
व्याख्या :
रणथंभौर की लड़ाई (1301): हम्मीरदेव ने अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति उलुग खान और नुसरत खान को हराया था; बाद में, अलाउद्दीन ने हम्मीर देव को हराया था।
चित्तौड़ की लड़ाई (1303): 1303 में, अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ की घेराबंदी की। निम्नलिखित लड़ाई में, चित्तौड़ के राणा रतन सिंह लड़ते हुए मारे गए और रानी पद्मिनी ने जौहर किया था। इस घटना को चित्तौड़ के प्रथम जौहर के रूप में याद किया जाता है।
सिवाना की लड़ाई (1308): अलाउद्दीन खिलजी के एक जनरल मलिक कमालुद्दीन ने शीतल देव को हराया था।
जालौर की लड़ाई (1310-11): अलाउद्दीन खिलजी ने लंबे और खूनी युद्ध के बाद कान्हड़ देव को हराया था।
- प्रश्न 92 किस शासक ने बूंदी में तारागढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया -
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- (अ) बैरीसाल
- (ब) वरसिंह
- (स) सुभाण्ड देव
- (द) राव नरपाल
उत्तर : वरसिंह
व्याख्या :
बूंदी में तारागढ़ दुर्ग का निर्माण वरसिंह द्वारा करवाया गया।
- प्रश्न 93 अलाउद्दीन खिलजी की राजपूत राज्यों पर विजय के सही तिथिक्रम का चयन करें -
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- (अ) रणथम्भौर, चित्तौड़, जालौर, सिवाना
- (ब) रणथम्भौर, जालौर, सिवाना, चित्तौड़
- (स) रणथम्भौर, चित्तौड़, सिवाना, जालौर
- (द) चित्तौड़, रणथम्भौर, जालौर, सिवाना
उत्तर : रणथम्भौर, चित्तौड़, सिवाना, जालौर
व्याख्या :
रणथंभौर की लड़ाई (1301): हम्मीरदेव ने अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति उलुग खान और नुसरत खान को हराया था; बाद में, अलाउद्दीन ने हम्मीर देव को हराया था।
चित्तौड़ की लड़ाई (1303): 1303 में, अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ की घेराबंदी की। निम्नलिखित लड़ाई में, चित्तौड़ के राणा रतन सिंह लड़ते हुए मारे गए और रानी पद्मिनी ने जौहर किया था। इस घटना को चित्तौड़ के प्रथम जौहर के रूप में याद किया जाता है।
सिवाना की लड़ाई (1308): अलाउद्दीन खिलजी के एक जनरल मलिक कमालुद्दीन ने शीतल देव को हराया था।
जालौर की लड़ाई (1310-11): अलाउद्दीन खिलजी ने लंबे और खूनी युद्ध के बाद कान्हड़ देव को हराया था।
- प्रश्न 94 किस चौहान शासक ने शाकम्भरी के स्थान पर अजमेर को राजधानी बनाया -
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- (अ) विग्रहराज तृतीय
- (ब) गोविन्दराज तृतीय
- (स) अर्णोराज
- (द) अजयराज
उत्तर : अजयराज
व्याख्या :
पृथ्वीराज प्रथम के पुत्र का नाम अजयराज था। अपने साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए उसने 1113 ई. में अजयमेरु (अजमेर) बसाकर उसे अपनी राजधानी बनाया। उसने अजयमेरु में दुर्ग का निर्माण करवाया जिसे गढ़बीठली कहते हैं।
- प्रश्न 95 पृथ्वीराज चौहान तृतीय के पिता कौन थे -
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- (अ) पृथ्वीराज द्वितीय
- (ब) अर्णोराज
- (स) सोमेश्वर
- (द) अजयराज
उत्तर : सोमेश्वर
व्याख्या :
चौहान वंश के अंतिम प्रतापी सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय का जन्म 1166 ई. (वि.सं. 1223) में सोमेश्वर की रानी कर्पूरीदेवी की कोख से अन्हिलपाटन (गुजरात) में हुआ। अपने पिता का असमय देहावसान हो जाने के कारण मात्र 11 वर्ष की अल्पायु में पृथ्वीराज तृतीय अजमेर की गद्दी के स्वामी बने।
- प्रश्न 96 अजमेर के चौहानों को ........ के चौहानों के नाम से भी जाना जाता है -
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- (अ) जालोर
- (ब) रणम्भौर
- (स) सपादलक्ष
- (द) नाडोल
उत्तर : सपादलक्ष
व्याख्या :
राजस्थान में चौहानों के मूल स्थान सांभर(शाकम्भरी देवी - तीर्थों की नानी,देवयानी तीर्थ) के आसपास वाला क्षेत्र माना जाता था, इस क्षेत्र को सपादलक्ष(सपादलक्ष का अर्थ सवा लाख गांवों का समूह) के नाम से जानते थे, प्रारम्भिक चौहान राजाओं की राजधानी अहिच्छत्रपुर (हर्षनाथ की प्रशस्ति) थी जिसे वर्तमान में नागौर के नाम से जानते हैं।
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