राजस्थान का इतिहास जानने के स्त्रोत
- प्रश्न 91 निम्नलिखित में से कौनसा सोमेश्वर के इतिहास का स्त्रोत है -
JSA Serology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) नेणसी की ख्यात
- (ब) गीत गोविन्द
- (स) पृथ्वी राज विजय
- (द) हम्मीर गाथा
उत्तर : पृथ्वी राज विजय
- प्रश्न 92 वंश-भास्कर का लेखन कार्य निम्नलिखित में से कहां के शासकों के आदेश पर किया गया -
JSA Physics-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) कोटा
- (ब) जयपुर
- (स) बूंदी
- (द) बीकानेर
उत्तर : बूंदी
- प्रश्न 93 किस शिलालेख में ‘विप्रः श्रीवस्तगोत्रेभूत्’ शब्द का उल्लेख हुआ है -
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- (अ) बिजौलिया शिलालेख
- (ब) घोसुण्डी शिलालेख
- (स) घटियाला शिलालेख
- (द) मानमोरी शिलालेख
उत्तर : बिजौलिया शिलालेख
व्याख्या :
बिजोलिया में उपलब्ध लेख संस्कृत भाषा में है। इसमें 13 पद्य हैं। इसमें मन्दिर निर्माण की जानकारी के साथ-साथ सांभर और अजमेर के चौहान वंश के शासकों की उपलब्धियों का भी प्राचीन उल्लेख किया गया है। इस लेख की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें चौहानों के लिए विप्रः श्रीवत्सगोत्रेभूत अंकन हुआ है, जिसके आधार पर डॉ. दशरथ शर्मा ने चौहानों को ब्राह्मण वंश की संतान सिद्ध किया है। कायम ख़ाँ रासो तथा चन्द्रावती के लेख भी चौहानों को ब्राह्मण वंशीय लिखते हैं।
- प्रश्न 94 मुहणोत नैणसी को ‘राजस्थान का अबुल फजल’ किसने कहा -
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- (अ) मुंशी देवीप्रसाद
- (ब) दशरथ शर्मा
- (स) गोपीनाथ शर्मा
- (द) गौरीशंकर हीरानन्द ओझा
उत्तर : मुंशी देवीप्रसाद
व्याख्या :
मुंशी देवी प्रसाद ने नैणसी को राजपूताने का अबुल फजल कहा है। इन्होंने दो महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना कि थी। एक का नाम ‘‘मुंहणोत नैणसी री ख्यात’’ और दूसरे का नाम ‘‘मारवाड़ रा परगना री विगत’’ है। यह दोनों इतिहास के स्त्रोत में विशिष्ट महत्व रखते है। नैणसी का ‘‘मारवाड़ रा परगना री विगत’’ राजस्थान की ऐतिहासिक-सांख्यिकी अर्थात् गजेटीयर है। इसमें गावों और परगनों की उत्पति के साथ-साथ उनके ऐतिहासिक-भूगोल का हवाला प्रदान कर नैणसी ने ‘‘विगत का महत्वपूर्ण सूचना-स्त्रोत के रूप में प्रतिष्ठित किया है। इसीलिये इसे ‘‘गांवा री ख्यात’’ भी पुकारा जाता है।
- प्रश्न 95 श्यामलदास को ‘केसर-ए-हिन्द’ की उपाधि किसने प्रदान की थी -
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- (अ) कर्नल इम्पी
- (ब) मेजर मैकेंजी
- (स) जेम्स टाॅड
- (द) एडवर्ड पंचम
उत्तर : कर्नल इम्पी
व्याख्या :
वीर विनोद राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध काव्य ग्रंथ है। इस ऐतिहासिक ग्रंथ की रचना कविराज श्यामलदास द्वारा की गई थी। थी। कविराजा श्यामलदास का जन्म 1838 में मेवाड़ के छाली वाड़ा गांव में हुआ था। 'वीर विनोद' में राणा साँगा और मुग़ल बादशाह बाबर के मध्य हुए प्रसिद्ध 'खानवा युद्ध' का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। श्यामलदास मेवाड़ के महाराणा सज्जनसिंह (शंभूसिंह) का दरबारी कवि थे। कविराज श्यामलदास ने 'वीर विनोद' की रचना महाराणा सज्जनसिंह के आदेश से प्रारम्भ की थी। चार खंडों में रचित इस ग्रंथ पर कविराज श्यामलदास का ब्रिटिश सरकार(कर्नल इम्पी) द्वारा 'केसर-ए-हिंद' की उपाधि प्रदान की गई।
- प्रश्न 96 ‘शेखावाटी’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1803 ई. में किसने किया -
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- (अ) कर्नल गार्डन
- (ब) कर्नल टाॅड
- (स) स्टेनले रीड
- (द) जाॅर्ज थाॅमस
उत्तर : कर्नल गार्डन
- प्रश्न 97 किस लेख में बूंदी का नाम ‘वृन्दावती’ मिलता है -
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- (अ) रणकपुर
- (ब) सारणेश्वर
- (स) बिजौलिया
- (द) घटियाला
उत्तर : रणकपुर
व्याख्या :
कुम्भाकालीन रणकपुर लेख में बूंदी का नाम वृन्दावती मिलता है
- प्रश्न 98 राजपूताना की किस रियासत के सिक्कों पर एक ओर सम्राज्ञी विक्टोरिया का चेहरा और अंग्रेजी में ‘विक्टोरिया एम्प्रैस’ लिखा होता था और दूसरी ओर नागरी तथा उर्दू लिपि में महाराजा का नाम लिखा होता था -
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- (अ) जोधपुर
- (ब) जयपुर
- (स) बीकानेर
- (द) उदयपुर
उत्तर : बीकानेर
- प्रश्न 99 निम्नलिखित लेखकों में से कौन ‘ए हिस्ट्री ऑफ राजस्थान’ के लेखक है -
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- (अ) रीमा हूजा
- (ब) सतीश चन्द्रा
- (स) सुमित सरकार
- (द) आर. जी. मजूमदार
उत्तर : रीमा हूजा
व्याख्या :
‘ए हिस्ट्री ऑफ राजस्थान’ की लेखक रीमा हुजा हैं।
- प्रश्न 100 अभिलेख, जो प्राचीन राजस्थान में भागवत सम्प्रदाय के प्रभाव की पुष्टि करता है -
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- (अ) घटियाला अभिलेख
- (ब) हेलियोदोरस का बेसनगर अभिलेख
- (स) बुचकला अभिलेख
- (द) घोसुण्डी अभिलेख
उत्तर : घोसुण्डी अभिलेख
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