अंतरिक्ष अनुसंधान
- प्रश्न 91 मानव को अंतरिक्ष में भेजने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन का नाम क्या है -
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- (अ) व्योमनॉट
- (ब) शक्ति
- (स) गगनयान
- (द) नाविका
उत्तर : गगनयान
व्याख्या :
गगनयान मिशन के साथ भारत की अंतरिक्ष संबंधी महत्वाकांक्षाएं नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं, जो मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साहसिक प्रयास तीन अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को पृथ्वी के चारों ओर 400 किमी (250 मील) की कक्षा में लॉन्च करने की इच्छा रखता है, जहां वे हिंद महासागर में घर लौटने से पहले हमारे चमकदार नीले ग्रह को देखने में तीन दिन बिताएंगे।
- प्रश्न 92 चंद्रयान 3 मिशन के रोवर को कहा जाता है
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- (अ) विक्रम
- (ब) भीम
- (स) प्रज्ञान
- (द) ध्रुव
उत्तर : प्रज्ञान
व्याख्या :
चंद्रयान-3 मिशन को इसरो ने 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया था। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर को ‘विक्रम’ और ‘रोवर’ को ‘प्रज्ञान’ नाम दिया है जो एक वैज्ञानिक पेलोड है। चंद्रयान-3 मिशन 2019 के चंद्रयान-2 मिशन का अनुवर्ती है। चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
- प्रश्न 93 चन्द्रयान मिशन जैसे भारी पेलोड के लिए किस प्रक्षेपण वाहन का उपयोग किया जाता है -
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- (अ) GSLV Mk3
- (ब) GSLV Mk2
- (स) LVM3
- (द) Geosynchronous Satellite Launch Vehicle
उत्तर : LVM3
- प्रश्न 94 अंतरिक्ष में मानव भेजने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन का नाम क्या है -
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- (अ) व्योमनौत
- (ब) शक्ति
- (स) गगनयान
- (द) नाविका
उत्तर : गगनयान
- प्रश्न 95 निम्न में से कौन सा संचार उपग्रहों द्वारा उपयोग की जाने वाली कक्षा का एक प्रकार है जो उन्हें पृथ्वी की सतह के सापेक्ष एक निश्चित स्थिति में रहने की अनुमति देता है -
Assistant Engineer - Civil (Local Self Govt. Deptt.) Comp. Exam - 2022 -
- (अ) निम्न पृथ्वी की कक्षा
- (ब) भूस्थैतिक कक्षा
- (स) ध्रुवीय कक्षा
- (द) सूर्य समकालिक कक्षा
उत्तर : भूस्थैतिक कक्षा
व्याख्या :
भूस्थैतिक कक्षा, पृथ्वी की भूमध्य रेखा से 35,785 किलोमीटर (22,236 मील) ऊपर एक वृत्ताकार कक्षा होती है. इसे भू-समकालिक भूमध्यरेखीय कक्षा (GEO) भी कहा जाता है। इस कक्षा में उपग्रह की परिक्रमा अवधि, पृथ्वी के घूर्णन की अवधि के बराबर होती है। यानी, उपग्रह पृथ्वी के घूर्णन की दिशा में ही गति करता है। इस वजह से, भूस्थैतिक कक्षा में मौजूद उपग्रह, पृथ्वी के घूर्णन से मेल खाते हैं। पृथ्वी की सतह से देखने पर, भूस्थैतिक कक्षा में मौजूद उपग्रह हमेशा स्थिर दिखाई देते हैं।
- प्रश्न 96 भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल 1 कब लॉन्च किया गया -
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- (अ) 22 जनवरी 2024
- (ब) 2 सितंबर, 2023
- (स) 23 मार्च, 2023
- (द) 1 जनवरी 2024
उत्तर : 2 सितंबर, 2023
- प्रश्न 97 किस संगठन ने “व्योममित्र” नामक भारतीय रोबोट विकसित किया -
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- (अ) C-DAC, पुणे
- (ब) ISRO
- (स) TIFR
- (द) DRDO
उत्तर : ISRO
- प्रश्न 98 इसरो (ISRO) द्वारा चंद्रयान-3 मिशन के साथ भेजे गए रोवर को क्या नाम दिया गया था -
Hostel Superintendent Grade-II(SJED)-2024 -
- (अ) ज्ञान गंगा
- (ब) विक्रम
- (स) प्रज्ञान
- (द) आदित्य L-1
उत्तर : प्रज्ञान
व्याख्या :
चंद्रयान 3 के रोवर का नाम प्रज्ञान है, जिसका संस्कृत में अर्थ है ज्ञान।
- प्रश्न 99 ‘इन्सेट’ का पूरा नाम क्या है -
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- (अ) भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह
- (ब) भारतीय संचार और प्रसारण प्रणाली
- (स) भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संगठन
- (द) भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान
उत्तर : भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह
व्याख्या :
भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इनसैट) प्रणाली भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा देश की दूरसंचार, प्रसारण, मौसम विज्ञान, तथा खोज एवं बचाव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रक्षेपित उपग्रहों की एक श्रृंखला है।
- प्रश्न 100 उस अंतरिक्ष यान का नाम बताइए जो हाल ही में (जुलाई 2024 में) सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु 1 (Lpoint) के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा पूरी करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला मिशन बन गया है।
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- (अ) XPoSat
- (ब) आदित्य-L1
- (स) बैंडवैगन-1
- (द) एस्ट्रोसैट
उत्तर : आदित्य-L1
व्याख्या :
2 जुलाई 2024 को, आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान, लैग्रेंजियन पॉइंट 1 (एल1) पर भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला मिशन, सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा पूरी कर लेगा। हेलो कक्षा में अंतरिक्ष यान को एल1 के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगते हैं।
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