चौहान वंश
- प्रश्न 91 अलाउद्दीन खिलजी की निम्नांकित विजयों को कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिये -
अ. रणथम्भौर ब. जालौर स. चित्तौड़ द. सिबाना -
- (अ) अ, स, द, ब
- (ब) अ, ब, स, द
- (स) अ, ब, द, स
- (द) अ, स, ब, द
उत्तर : अ, स, द, ब
व्याख्या :
रणथंभौर की लड़ाई (1301): हम्मीरदेव ने अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति उलुग खान और नुसरत खान को हराया था; बाद में, अलाउद्दीन ने हम्मीर देव को हराया था।
चित्तौड़ की लड़ाई (1303): 1303 में, अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ की घेराबंदी की। निम्नलिखित लड़ाई में, चित्तौड़ के राणा रतन सिंह लड़ते हुए मारे गए और रानी पद्मिनी ने जौहर किया था। इस घटना को चित्तौड़ के प्रथम जौहर के रूप में याद किया जाता है।
सिवाना की लड़ाई (1308): अलाउद्दीन खिलजी के एक जनरल मलिक कमालुद्दीन ने शीतल देव को हराया था।
जालौर की लड़ाई (1310-11): अलाउद्दीन खिलजी ने लंबे और खूनी युद्ध के बाद कान्हड़ देव को हराया था।
- प्रश्न 92 किस शासक ने बूंदी में तारागढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया -
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- (अ) बैरीसाल
- (ब) वरसिंह
- (स) सुभाण्ड देव
- (द) राव नरपाल
उत्तर : वरसिंह
व्याख्या :
बूंदी में तारागढ़ दुर्ग का निर्माण वरसिंह द्वारा करवाया गया।
- प्रश्न 93 अलाउद्दीन खिलजी की राजपूत राज्यों पर विजय के सही तिथिक्रम का चयन करें -
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- (अ) रणथम्भौर, चित्तौड़, जालौर, सिवाना
- (ब) रणथम्भौर, जालौर, सिवाना, चित्तौड़
- (स) रणथम्भौर, चित्तौड़, सिवाना, जालौर
- (द) चित्तौड़, रणथम्भौर, जालौर, सिवाना
उत्तर : रणथम्भौर, चित्तौड़, सिवाना, जालौर
व्याख्या :
रणथंभौर की लड़ाई (1301): हम्मीरदेव ने अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति उलुग खान और नुसरत खान को हराया था; बाद में, अलाउद्दीन ने हम्मीर देव को हराया था।
चित्तौड़ की लड़ाई (1303): 1303 में, अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ की घेराबंदी की। निम्नलिखित लड़ाई में, चित्तौड़ के राणा रतन सिंह लड़ते हुए मारे गए और रानी पद्मिनी ने जौहर किया था। इस घटना को चित्तौड़ के प्रथम जौहर के रूप में याद किया जाता है।
सिवाना की लड़ाई (1308): अलाउद्दीन खिलजी के एक जनरल मलिक कमालुद्दीन ने शीतल देव को हराया था।
जालौर की लड़ाई (1310-11): अलाउद्दीन खिलजी ने लंबे और खूनी युद्ध के बाद कान्हड़ देव को हराया था।
- प्रश्न 94 किस चौहान शासक ने शाकम्भरी के स्थान पर अजमेर को राजधानी बनाया -
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- (अ) विग्रहराज तृतीय
- (ब) गोविन्दराज तृतीय
- (स) अर्णोराज
- (द) अजयराज
उत्तर : अजयराज
व्याख्या :
पृथ्वीराज प्रथम के पुत्र का नाम अजयराज था। अपने साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए उसने 1113 ई. में अजयमेरु (अजमेर) बसाकर उसे अपनी राजधानी बनाया। उसने अजयमेरु में दुर्ग का निर्माण करवाया जिसे गढ़बीठली कहते हैं।
- प्रश्न 95 पृथ्वीराज चौहान तृतीय के पिता कौन थे -
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- (अ) पृथ्वीराज द्वितीय
- (ब) अर्णोराज
- (स) सोमेश्वर
- (द) अजयराज
उत्तर : सोमेश्वर
व्याख्या :
चौहान वंश के अंतिम प्रतापी सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय का जन्म 1166 ई. (वि.सं. 1223) में सोमेश्वर की रानी कर्पूरीदेवी की कोख से अन्हिलपाटन (गुजरात) में हुआ। अपने पिता का असमय देहावसान हो जाने के कारण मात्र 11 वर्ष की अल्पायु में पृथ्वीराज तृतीय अजमेर की गद्दी के स्वामी बने।
- प्रश्न 96 अजमेर के चौहानों को ........ के चौहानों के नाम से भी जाना जाता है -
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- (अ) जालोर
- (ब) रणम्भौर
- (स) सपादलक्ष
- (द) नाडोल
उत्तर : सपादलक्ष
व्याख्या :
राजस्थान में चौहानों के मूल स्थान सांभर(शाकम्भरी देवी - तीर्थों की नानी,देवयानी तीर्थ) के आसपास वाला क्षेत्र माना जाता था, इस क्षेत्र को सपादलक्ष(सपादलक्ष का अर्थ सवा लाख गांवों का समूह) के नाम से जानते थे, प्रारम्भिक चौहान राजाओं की राजधानी अहिच्छत्रपुर (हर्षनाथ की प्रशस्ति) थी जिसे वर्तमान में नागौर के नाम से जानते हैं।
- प्रश्न 97 ‘हरकेलि’ संस्कृत नाटक के रचयिता कौन हैं -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -B) -
- (अ) अजयराज चौहान
- (ब) विग्रहराज प्रथम
- (स) विग्रहराज चतुर्थ
- (द) पृथ्वीराज चौहान
उत्तर : विग्रहराज चतुर्थ
व्याख्या :
हरकेलि संस्कृत नाटक के लेखक विग्रहराज चतुर्थ थे। विग्रहराज चहमान वंश के एक हिन्दू राजा थे, जिन्होंने 1153-1163 तक उत्तर-पश्चिमी भारत पर शासन किया।
- प्रश्न 98 गुर्जर प्रतिहारों की राजधानी कौन सी थी -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -B) -
- (अ) पी-लो-मो-लो(भीनमाल)
- (ब) बूढ़ा पुष्कर(अजमेर)
- (स) मांडव्यपुर(जोधपुर)
- (द) जांगल(बीकानेर)
उत्तर : पी-लो-मो-लो(भीनमाल)
व्याख्या :
चीनी यात्री ह्वेनसांग जब भीनमाल आया तो उसने अपने 72 देशों के वर्णन में इसे कू-चे-लो(गुर्जर) बताया तथा उसकी राजधानी का नाम ‘पीलोमोलो/भीलामाल’ यानि भीनमाल बताया।
- प्रश्न 99 किस चौहान शासक द्वारा 'जवालिपुर' को ‘ज्वालापुर' परिवर्तित किया गया -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -A) -
- (अ) अरणोराज
- (ब) जग्गदेव
- (स) विग्रहराज-IV
- (द) देवदत्त
उत्तर : विग्रहराज-IV
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव) 1158 ई. के लगभग अजमेर का शासक बना। चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ का काल सपादलक्ष का स्वर्णयुग कहलाता है।
- प्रश्न 100 किस कोटा नरेश को मुगल सेना के कंधार अभियान व मध्य एशिया अभियान में वीरता दिखाने के कारण शाहजहां ने ‘बाद रफ्तार’ नामक घोड़ा पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया -
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- (अ) राव माधोसिंह
- (ब) राव मुकुन्दसिंह
- (स) राव भीमसिंह
- (द) राव उम्मेदसिंह
उत्तर : राव माधोसिंह
व्याख्या :
कोटा नरेश माधोसिंह ने मुगलों की बड़ी सेवा की। खानेजहाँ लोदी के विद्रोह को दबाने का काम माधोसिंह पर छोड़ा गया। माधोसिंह ने केन नदी के किनारे खानेजहाँ लोदी तथा उसके दो पुत्रों के सिर काट दिये और शाहजहाँ को लाकर भेंट किये। शाहजहाँ ने माधोसिंह को तीन हजारी मनसबदार बनाया। काधार, कांगड़ा, बल्ख बदखंशा की लड़ाइयों में भी माधोसिंह ने अच्छी कीर्ति अर्जित की। बल्ख व बदखंशा को शाहजहाँ अपने पैतृक राज्य का अंश मानता था क्योंकि पूर्व में यहाँ पर बाबर का राज्य रहा था इसलिये बल्ख पर आधिपत्य स्थापित करने के लिये राजपूत राजाओं के नाम शाही सेना के साथ कुच करने के फरमान जारी हुए। माधोसिंह उस समय लाहौर में थे। उनके नाम भी लाहौर से बल्ख रवाना होने का फरमान जारी हुआ। माधोसिंह ने हिम्मत व बहादुरी के साथ अल्पसंख्यक राजपूत सैनिकों की सहायता से दुर्ग की सफलता पूर्वक रक्षा की। 25 मई 1647 ई. को औरंगजेब बख्श पहुँचा। बादशाह ने औरंगजेब के साथ माधोसिंह के वास्ते चाँदी के आभूषणों अलंकृत एक घोड़ा जिसका नाम ‘‘बाद रफ्तार‘‘ (पवनवेग) भेजा था। औरंगजेब ने माधोसिंह जी को यह घोड़ा देकर सम्मानित किया।
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