चौहान वंश
- प्रश्न 97 ‘हरकेलि’ संस्कृत नाटक के रचयिता कौन हैं -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -B) -
- (अ) अजयराज चौहान
- (ब) विग्रहराज प्रथम
- (स) विग्रहराज चतुर्थ
- (द) पृथ्वीराज चौहान
उत्तर : विग्रहराज चतुर्थ
व्याख्या :
हरकेलि संस्कृत नाटक के लेखक विग्रहराज चतुर्थ थे। विग्रहराज चहमान वंश के एक हिन्दू राजा थे, जिन्होंने 1153-1163 तक उत्तर-पश्चिमी भारत पर शासन किया।
- प्रश्न 98 गुर्जर प्रतिहारों की राजधानी कौन सी थी -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -B) -
- (अ) पी-लो-मो-लो(भीनमाल)
- (ब) बूढ़ा पुष्कर(अजमेर)
- (स) मांडव्यपुर(जोधपुर)
- (द) जांगल(बीकानेर)
उत्तर : पी-लो-मो-लो(भीनमाल)
व्याख्या :
चीनी यात्री ह्वेनसांग जब भीनमाल आया तो उसने अपने 72 देशों के वर्णन में इसे कू-चे-लो(गुर्जर) बताया तथा उसकी राजधानी का नाम ‘पीलोमोलो/भीलामाल’ यानि भीनमाल बताया।
- प्रश्न 99 किस चौहान शासक द्वारा 'जवालिपुर' को ‘ज्वालापुर' परिवर्तित किया गया -
2nd Grade Teacher (SANSKRIT EDUCATION) Comp. Exam-2018 (Group -A) -
- (अ) अरणोराज
- (ब) जग्गदेव
- (स) विग्रहराज-IV
- (द) देवदत्त
उत्तर : विग्रहराज-IV
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ (बीसलदेव) 1158 ई. के लगभग अजमेर का शासक बना। चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ का काल सपादलक्ष का स्वर्णयुग कहलाता है।
- प्रश्न 100 किस कोटा नरेश को मुगल सेना के कंधार अभियान व मध्य एशिया अभियान में वीरता दिखाने के कारण शाहजहां ने ‘बाद रफ्तार’ नामक घोड़ा पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया -
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- (अ) राव माधोसिंह
- (ब) राव मुकुन्दसिंह
- (स) राव भीमसिंह
- (द) राव उम्मेदसिंह
उत्तर : राव माधोसिंह
व्याख्या :
कोटा नरेश माधोसिंह ने मुगलों की बड़ी सेवा की। खानेजहाँ लोदी के विद्रोह को दबाने का काम माधोसिंह पर छोड़ा गया। माधोसिंह ने केन नदी के किनारे खानेजहाँ लोदी तथा उसके दो पुत्रों के सिर काट दिये और शाहजहाँ को लाकर भेंट किये। शाहजहाँ ने माधोसिंह को तीन हजारी मनसबदार बनाया। काधार, कांगड़ा, बल्ख बदखंशा की लड़ाइयों में भी माधोसिंह ने अच्छी कीर्ति अर्जित की। बल्ख व बदखंशा को शाहजहाँ अपने पैतृक राज्य का अंश मानता था क्योंकि पूर्व में यहाँ पर बाबर का राज्य रहा था इसलिये बल्ख पर आधिपत्य स्थापित करने के लिये राजपूत राजाओं के नाम शाही सेना के साथ कुच करने के फरमान जारी हुए। माधोसिंह उस समय लाहौर में थे। उनके नाम भी लाहौर से बल्ख रवाना होने का फरमान जारी हुआ। माधोसिंह ने हिम्मत व बहादुरी के साथ अल्पसंख्यक राजपूत सैनिकों की सहायता से दुर्ग की सफलता पूर्वक रक्षा की। 25 मई 1647 ई. को औरंगजेब बख्श पहुँचा। बादशाह ने औरंगजेब के साथ माधोसिंह के वास्ते चाँदी के आभूषणों अलंकृत एक घोड़ा जिसका नाम ‘‘बाद रफ्तार‘‘ (पवनवेग) भेजा था। औरंगजेब ने माधोसिंह जी को यह घोड़ा देकर सम्मानित किया।
- प्रश्न 101 किसके शासन काल में मुगल शासक फर्रूखसियर ने बूंदी का नाम बदलकर ‘फर्रूखाबाद’ कर दिया था -
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- (अ) उम्मेद सिंह
- (ब) बुद्ध सिंह
- (स) दलेल सिंह
- (द) भाव सिंह
उत्तर : बुद्ध सिंह
व्याख्या :
मुगल बादशाह फर्रूखशियार के समय बूंदी नरेश् बुद्धसिंह के जयपुर नरेश जयसिंह के खिलाफ अभियान पर न जाने के करण बूंदी राज्य का नाम फर्रूखाबाद रख उसे कोटा नेरश को दे दिया परंतु कुछ समय बाद बुद्धसिंह को बूंदी का राज्य वापस मिल गया। बाद में बूंदी के उत्तराधिकार के संबंध में बार-बार युद्ध होते रहे, जिनमें में मराठै, जयपुर नरेश सवाई जयसिंह एवं कोटा की दखलंदाजी रही। राजस्थान में मराठो का सर्वप्रथम प्रवेश बूंदी में हुआ, जब 1734ई. में यहा बुद्धसिंह की कछवाही रानी आनन्द (अमर) कुवरी ने अपने पुत्र उम्मेदसिंह के पक्ष में मराठा सरदार होल्कर व राणोजी को आमंत्रित किया।
- प्रश्न 102 किस बूंदी नरेश ने अपने जीवन काल में ही अपनी स्वर्ण प्रतिमा बनवाकर उसका दाह संस्कार करवा दिया था -
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- (अ) राव उम्मेदसिंह
- (ब) राव बरसिंह
- (स) राव बुद्धसिंह
- (द) राव भावसिंह
उत्तर : राव उम्मेदसिंह
व्याख्या :
उम्मेदसिंह ने जीवन काल में ही अपनी स्वर्ण प्रतिमा बनवाकर उसका दाह संस्कार करवा दिया था।
- प्रश्न 103 ‘विजयादित्य’ नामक कवि किस राजा के दरबार में रहता था -
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- (अ) राणा कुंभा
- (ब) हम्मीर देव
- (स) विग्रहराज चतुर्थ
- (द) सवाई मानसिंह
उत्तर : हम्मीर देव
व्याख्या :
हम्मीर के दरबार में कवि विजयादित्य रहता था। हम्मीर ने अपने जीवन में 17 युद्ध लड़े थे, जिनमें से हम्मीर ने 16 युद्धों में विजय प्राप्त की थी, अन्तिम युद्ध में अलाउद्दीन खिलजी से पराजय का सामना करना पड़ा था।
- प्रश्न 104 किस कोटा नरेश ने कोटा और शेरगढ़ का नाम क्रमशः ‘नन्दग्राम’ एवं ‘बरसाना’ रख दिया था -
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- (अ) महाराव उम्मेद सिंह
- (ब) महाराव भीमसिंह
- (स) महाराव राजेन्द्र सिंह
- (द) महाराव सुर्जन सिंह
उत्तर : महाराव भीमसिंह
व्याख्या :
कोटा के महाराव भीमसिंह प्रथम (1707-1720) कृष्ण के इतने बड़े भक्त थे कि अपना नाम भी कृष्णदास रख लिया। इसके साथ ही कोटा भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित कर शहर का नाम नंदग्राम रख दिया। सरकारी आदेशों पर श्रीकृष्ण की मोहरें लगने लगीं। यहीं नहीं, उन्होंने बारां के शेरगढ़ का नाम भी बरसाना रख दिया था। सांवलियाजी का मंदिर उन्होंने ही बनवाया।
- प्रश्न 105 किस चौहान शासक ने 1192 ई. में तराइन का दूसरा युद्ध लड़ा था -
Junior Instructor(welder) -
- (अ) अजयपाल चौहान
- (ब) पृथ्वीराज चौहान III
- (स) अर्णोराज चौहान
- (द) विग्रहराज चौहान IV
उत्तर : पृथ्वीराज चौहान III
व्याख्या :
पृथ्वीराज चौहान III और मुहम्मद गौरी की सेनाओं के मध्य तराइन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.) हुआ जिसमें मुहम्मद गौरी की विजय हुई।
- प्रश्न 106 अजमेर नगर की स्थापना के पहले अजमेर के चौहानों की राजधानी कौन-सी थी -
Junior Instructor(Eco. Investigator) -
- (अ) सांभर
- (ब) नाड़ोल
- (स) जालोर
- (द) रणथम्भोर
उत्तर : सांभर
व्याख्या :
राजस्थान में चौहानों के मूल स्थान सांभर(शाकम्भरी देवी - तीर्थों की नानी,देवयानी तीर्थ) के आसपास वाला क्षेत्र माना जाता था, इस क्षेत्र को सपादलक्ष(सपादलक्ष का अर्थ सवा लाख गांवों का समूह) के नाम से जानते थे, प्रारम्भिक चौहान राजाओं की राजधानी अहिच्छत्रपुर (हर्षनाथ की प्रशस्ति) थी जिसे वर्तमान में नागौर के नाम से जानते हैं।
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