स्वतंत्रता के पश्चात विधिवता रूप से हमारे प्रदेश का नाम ‘राजस्थान’ कब किया गया -
30 मार्च,1949 को चार बड़ी रियासतों - जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बीकानेर का राज्य में विलय होने के बाद वृहत राजस्थान का गठन हुआ। तभी से 30 मार्च को ‘राजस्थान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को विधिवत् रूप से इस प्रदेश का नाम राजस्थान स्वीकार किया गया।
वाल्मिकी ने राजस्थान के भू भाग को क्या नाम दिया था -
वैदिक काल में ऋगवेद में राजस्थान को ‘ब्रह्मवर्त’ तथा रामायण में वाल्मीकि ने राजस्थान प्रदेश को ‘मरुकांतर’ कहा है। राजस्थान शब्द का प्राचीनतम उपयोग ‘राजस्थानियादित्य’ वि संवत 682 में उत्कीर्ण वसंतगढ़ (सिरोही ) के शिलालेख में मिलता है। उसके बाद मुहणोत नैणसी की ख्यात व राजरूपक में राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ है। लेकिन यह शब्द राजपूताना के इस भू-भाग के लिए प्रयोग नहीं हुआ है।
स्वतंत्रता के समय राजस्थान में कितनी रियासतें एवं ठिकाने थे
राजस्थान के एकीकरण के समय कुल 19 रियासतें 3 ठिकाने- लावा(जयपुर), कुशलगढ़(बांसवाड़ा) व नीमराना(अलवर) तथा एक चीफशिफ अजमेर-मेरवाड़ा थे।
राजस्थान का वह शहर जो त्रिकोणात्मक शैली बसा हुआ है-
झालावाड़ नगर कालीसिंध नदी के तट पर स्थित है। झालावाड़ शहर त्रिकोणात्मक शैली में बसा हुआ है। राजस्थान का यह एकमात्र जिला है जहाँ केवल तिराहे है, चौराहा नहीं है।
आधुनिक राजस्थान के निर्माता माने जाते है-
मोहन लाल सुखाड़िया को आधुनिक राजस्थान का निर्माता कहा जाता है। इन्होंने सर्वाधिक समय लगभग 17 वर्ष तक राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया। वे 1954 से 1971 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। बाद में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे।
राजस्थान दिवस कब मनाया जाता है-
30 मार्च,1949 को चार बड़ी रियासतों - जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बीकानेर का राज्य में विलय होने के बाद वृहत राजस्थान का गठन हुआ। तभी से 30 मार्च को ‘राजस्थान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
राजस्थान का निर्माण किस तिथि को हुआ-
राज्य पुनर्गठन आयोग 1955 (सदस्य – फजल अली, हृदयनाथ कुंजरु, के. एम्. पणिक्कर)की सिफारिशों के आधार पर 1 नवम्बर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम लागू हो जाने से अजमेर-मेरवाड़ा, आबू तहसील को राजस्थान में मिलाया गया। इस चरण में कुछ भाग इधर-उधर कर भौगोलिक और सामाजिक त्रुटि भी सुधारी गई। इसके तहत मध्यप्रदेश में शामिल हो चुके सुनेल टप्पा क्षेत्र को राजस्थान के झालावाड़ जिले में मिलाया गया और झालावाड़ जिले का सिरनौज को मध्यप्रदेश को दे दिया गया। राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर 1956 को आया।
राजस्थान उच्च न्यायलय की मुख्यपीठ कहां है-
कालांतर में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 49 के तहत नवीन उच्च न्यायालय स्थापित हुआ जिसकी मुख्य पीठ जोधपुर में स्थित की गयी।
राजस्थान में प्रथम आम चुनाव कब हुए थे-
1952 में हुए आम चुनावों के बाद प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री श्री टीकाराम पालीवाल बने।
राजस्थान का लोह पुरूष कहा जाता है-
दामोदरलाल व्यास का जन्म टोंक जिले के मालपुरा शहर में हुआ था। उन्हें राजस्थान का लौह पुरुष कहा जाता था।
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