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तोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 87 दशमलव पांच- आठ मीटर की दूरी तक भाला फैंककर स्वर्ण पदक देश के नाम किया। नीरज चोपड़ा, निशानेबाजी में अभिनव बिन्द्रा के बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नीरज को स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी।
भारत का यह सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है। लंदन ओलिंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते थे। टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने 7 मेडल जीत लिए हैं। नीरज के गोल्ड के अलावा मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर, पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज और लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इसके अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज और कुश्ती में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता। वहीं बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
पहलवान बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में पुरुष फ्रीस्टाइल के 65 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने कांस्य पदक के मैच में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया। बजरंग ने कुश्ती में भारत को दूसरा पदक दिलाया है, इससे पहले रवि दहिया ने फाइनल तक का सफर तय करते हुए रजत पदक देश के नाम किया था।
लद्दाख प्रशासन ने उन सभी भारतीय नागरिकों के लिए इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit – ILP) की आवश्यकता को हटा दिया है जो लद्दाख के संरक्षित क्षेत्रों का दौरा करना चाहते हैं। लद्दाख प्रशासन ने 6 अगस्त 2021 को इनर लाइन परमिट के संबंध में अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना के अनुसार, संरक्षित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए घरेलू पर्यटकों और स्थानीय निवासियों सहित भारतीय नागरिकों के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्यकता को पूरी तरह से हटा दिया गया है। न्योमा, नुब्रा जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों के टूर सर्किट और लेह और कारगिल जिलों के स्थानों में विदेशी पर्यटकों के ठहरने पर प्रतिबंध को सात दिन से बढ़ाकर 15 दिन कर दिया गया है। इस कदम से भारतीय नागरिकों को लद्दाख जाने में मदद मिलेगी और विदेशियों के विस्तार से लद्दाख में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ILP एक दस्तावेज है जो गैर-मूल निवासियों को उन राज्यों में जाने या रहने के लिए आवश्यक है जो Inner Line Permit प्रणाली के तहत संरक्षित हैं। वर्तमान में, चार उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड इस प्रणाली के अंतर्गत आते हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ की कोच्चि में नवल, फिजिकल और ओसियनोग्राफिक लैबोरेट्री ने केरल सरकार के सार्वजनिक उपक्रम केल्ट्रोन के साथ तकनीक हस्तांतरण के लिए एक समझौते पर आज हस्ताक्षर किए। डीआरडीओ की इस प्रयोगशाला ने तीन प्रणालियां विकसित की हैं। इनमें नौ-सैनिकों के प्रशिक्षण, पनडुब्बियों के रख-रखाव और समुद्र के भीतर संचार से संबंधित प्रणालियां शामिल हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर प्रयोगशाला परिसर में राज्य के उद्योग मंत्री पी. राजीव की मौजूदगी में किए गए।
भारत को रूस के नेतृत्व वाली ‘विस्तारित ट्रोइका बैठक’ के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। विस्तारित ट्रोइका बैठक अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रहे हालात पर होगी। इस बैठक में पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के भाग लेने की उम्मीद है। विस्तारित ट्रोइका बैठक 11 अगस्त को कतर में आयोजित की जाएगी। इस बैठक से पहले 18 मार्च और 30 अप्रैल को बातचीत हुई थी। रूस के नेतृत्व वाली बैठक इसलिए आयोजित की जा रही है क्योंकि तालिबान ने अभी भी अफगानिस्तान में अपनी आक्रामक कार्यवाही जारी रखी है। इसलिए, रूस ने युद्धग्रस्त अफ़ग़ानिस्तान में सभी प्रमुख हितधारकों तक पहुंचने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि हिंसा को रोका जा सके। इस बैठक से अफगान शांति प्रक्रिया को भी बल मिलेगा।
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने बिहार के बक्सर में एक विकेन्द्रीकृत जैव चिकित्सा अपशिष्ट भस्मक (Decentralized Biomedical Waste Incinerator) का वर्चुअली उद्घाटन किया। यह तकनीक गणेश इंजीनियरिंग वर्क्स द्वारा विकसित की गई थी। इसे बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट इनोवेशन चैलेंज (Biomedical Waste Treatment Innovation Challenge) के माध्यम से चुना गया था जिसे जून 2020 में लॉन्च किया गया था। इसे वेस्ट टू वेल्थ मिशन (Waste to Wealth Mission) के तहत आयोजित इनोवेशन चैलेंज के तहत विकसित किया गया था। विकेन्द्रीकृत जैव चिकित्सा अपशिष्ट भस्मक एक पोर्टेबल इंसिनरेटर है जो प्रति घंटे कपास, प्लास्टिक या इसी तरह की सामग्री से बने 50 किलोग्राम बायोमेडिकल कचरे को हैंडल करने की क्षमता रखता है। इस प्रकार, यह प्रति बैच 5 किलो कचरे को हैंडल कर सकता है। इसमें वेस्ट हीट रिकवरी का भी प्रावधान है। इस यूनिट को कचरे के प्रारंभिक प्रज्वलन के लिए दो वर्ग मीटर क्षेत्र और 0.6 kWh बिजली की आवश्यकता होती है।
भारतीय रेल हाइड्रोजन ईंधन सेल से रेलगाडियों के संचालन की दिशा में आगे बढ रहा है। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की घोषणा की थी। इससे देश में हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों में तेजी आयेगी। हाइड्रोजन हरित ऊर्जा का शुद्धतम रूप है क्योंकि इससे कार्बन डाइआक्सइड का उत्सर्जन बिल्कुल नहीं होता। फिलहाल बहुत कम देश हाइड्रोजन से बिजली उत्पादन की दिशा में काम कर रहे हैं। इस सिलसिले में जर्मनी और पोलैंड में रेलवे की एक-एक रैक पर काम हो रहा है। भारतीय रेल ने उत्तर रेलवे के 89 किलोमीटर लंबे सोनीपत-जींद रेलखंड पर हाइड्रोजन ईंधन तकनीक के उपयोग के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 की एक ही खुराक वाली वैक्सीन को देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन, जिसे जैनसेन COVID-19 वैक्सीन (Janssen COVID-19 Vaccine) भी कहा जाता है, को नीदरलैंड के लीडेन में जैनसेन वैक्सीन द्वारा विकसित किया गया है। इसकी बेल्जियम की मूल कंपनी जानसेन फार्मास्युटिकल्स अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनी है। एक ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि अब भारत के पास आपातकालीन उपयोग के लिए पांच अधिकृत वैक्सीन हो गये हैं। उन्होंने कहा कि इससे कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई को और बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार ने 7 अगस्त, 2021 को घोषणा की कि 2 अगस्त, 2021 तक प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान योजना (Pradhan Mantri Gramin Digital Saksharta Abhiyan Scheme) के तहत लगभग 5 करोड़ लाभार्थियों को नामांकित किया गया है और 4 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अनुसार, इस योजना के तहत 2 करोड़ से अधिक महिला लाभार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से एक करोड़ महिला लाभार्थियों को योजना के तहत प्रमाणित किया गया है, जो इसके तहत कुल प्रमाणित लाभार्थियों का 54% है। सरकार ने मार्च, 2022 तक 6 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था। यह योजना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 6 करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए शुरू की गई थी। इसे डिजिटल अंतर को पाटने और विशेष रूप से ग्रामीण आबादी को लक्षित करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अल्पसंख्यक, गरीबी रेखा से नीचे (BPL), महिलाएं, दिव्यांग जन और समाज के हाशिए के वर्ग भी शामिल हैं। यह योजना डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत शुरू की गयी है।
भारतीय वैज्ञानिक, चीन, रूस और ब्राजील के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एसएआरएस सीओवी-2 का गुणसूत्रीय अनुक्रमण की (जीनोमिक सीक्वेंसिंग) करेंगे और कोविड-19 महामारी के महामारी विज्ञान और उसके गणितीय मॉडलिंग पर अध्ययन करेंगे। इससे इस वायरस के आनुवंशिक उत्परिवर्तन और पुनर्संयोजन के साथ-साथ इसके वितरण का पता लगाने में मदद मिलेगी और इस वायरस के भविष्य में प्रसार के बारे में अनुमान भी लगाया जा सकेगा । आनुवंशिक उत्परिवर्तन (जेनेटिक म्यूटेशन) और वायरस के पुनर्संयोजन (रीकम्बीनेशन) की पहचान के लिए एक संपूर्ण-गुण सूत्रीय (जीनोम) अनुक्रमण की आवश्यकता होती है जबकि महामारी विज्ञान के अध्ययन इसके वितरण का आकलन करने में मदद कर सकते हैं। भविष्य में इसके प्रसार का आकलन करने के लिए गणितीय मॉडलिंग की आवश्यकता पडती है।
श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी) में देश के पहले हार्ट फेलियर रिसर्च बायो-बैंक (एनएचएफबी) का उद्घाटन किया गया, जो भविष्य के उपचारों के लिए एक गाइड के रूप में रक्त, बायोप्सी और नैदानिक डेटा एकत्र करेगा। एनएचएफबी का 5 अगस्त को वर्चुअल उद्घाटन करते हुए, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) के सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि देश में कोई हार्ट फेलियर बायो-बैंक नहीं है और यह भविष्य के उपचारों और प्रौद्योगिकियों का मार्गदर्शन करने में बहुत मदद करेगा, साथ ही यह हार्ट फेलियर के रोगियों को काफी लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि बायो-बैंक भारतीय बच्चों और वयस्कों में दिल की बीमारियों और दिल की विफलता के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा, जो कि पश्चिमी देशों की तुलना में काफी अलग हैं।
उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने सरदार वल्लभ भाई पटेल कांफ्रेंस हॉल, 6, मौलाना आजाद रोड, नई दिल्ली में एक सार्वजनिक समारोह में 'माननीय चमन लाल' पर स्मृति डाक टिकट जारी किया। इस स्मृति डाक टिकट में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और संघ प्रचारक माननीय चमन लाल के जीवन और कार्यों को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है। सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में 25 मार्च, 1920 को जन्मे माननीय चमन लाल कम उम्र से ही लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए उत्साहित थे। यद्यपि वह स्वर्ण पदक विजेता थे और उन्हें कई नौकरियों के प्रस्ताव भी मिले थे, लेकिन लेकिन उन्होंने भारत विभाजन के पीड़ित लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के काम को चुना। अपनी लगन, जुनून और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने विदेशों में बसे भारतीयों की मदद के लिए एक संस्थागत व्यवस्था की और भारत की विदेश नीति के विभिन्न रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय ई-अभिशासन प्रभाग के सहयोग से विकसित 'पीएम-दक्ष' पोर्टल और 'पीएम-दक्ष' मोबाइल ऐप का आज शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य लक्षित समूहों के लिए कौशल विकास योजनाओं को सुलभ बनाना है। इन पोर्टल और ऐप के माध्यम से लक्षित समूहों के युवा अब कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अधिक आसानी से लाभ उठा सकेंगे। अब कोई भी व्यक्ति 'पीएम-दक्ष' पोर्टल पर जाकर एक ही स्थान पर कौशल विकास प्रशिक्षण से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकता है। इतना ही नहीं, केवल एक क्लिक करने पर अब कोई भी लाभार्थी अपने आस-पास चल रहे कौशल विकास प्रशिक्षणों के बारे में सूचना प्राप्त कर सकता है और आसानी से कौशल प्रशिक्षण के लिए अपना नाम पंजीकृत करा सकता है।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 (1990 का 20) की धारा 3 के तहत श्रीमती रेखा शर्मा को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में 3 साल के एक अन्य कार्यकाल के लिए नामांकित किया है। उनका दूसरा कार्यकाल 07.08.021 से प्रभावी होगा। वह 65 वर्ष की उम्र तक अथवा अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, इस पद पर बनी रहेंगी।
केंद्र सरकार की एक अधिसूचना के अनुसार, उन लोगों के लिए RT-PCR रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है, जिन्होंने राज्यों में यात्रा करने के लिए कोविड 19 टीकों की दोनों डोज़ ले ली हैं। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group on Immunisation – NTAGI) ने मई में अधिसूचित किया था कि अगर किसी व्यक्ति को पूरी तरह से टीका लगाया जाता है, तो उसे यात्रा के लिए नकारात्मक RT-PCR परीक्षण रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि कोविड-19 टीके मजबूत प्रतिरक्षा और बीमारी से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) हैदराबाद में हीरो लेक्ट्रो कार्गो (HLC) के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक-साइकिल (ई-साइकिल) लॉन्च कर रहा है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत अगस्त, 2021 में ही ई-साइकिल शुरू की जाएगी। हीरो लेक्ट्रो कार्गो (HLC) से ई-साइकिल लास्ट माइल फूड डिलीवरी के लिए इस्तेमाल की जाएगी। यह पहल स्विगी की अपने डिलीवरी बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रतिबद्धता के मुताबिक शुरू की गई है। इस कदम से राइडर्स की कमाई में भी बढ़ोतरी होगी क्योंकि इन इलेक्ट्रिक साइकिलों से मेंटेनेंस और वाहन चलाने की लागत कम होगी।
अलास्का में तीन ज्वालामुखी विस्फोट के विभिन्न चरणों में हैं। एक ज्वालामुखी में से लावा निकल रहा है जबकि अन्य ज्वालामुखियों में से भाप और राख निकल रही है। ज्वालामुखियों के आसपास का कोई भी छोटा समुदाय अब तक प्रभावित नहीं हुआ है। 6 अगस्त को पावलोफ ज्वालामुखी (Pavlof Volcano) से निम्न-स्तरीय राख उत्सर्जन शुरू हुआ। उत्सर्जन के बाद, वेधशाला (observatory) ने ज्वालामुखी के खतरे के स्तर को पीले से नारंगी तक बढ़ा दिया है जो इंगित करता है कि मामूली ज्वालामुखीय राख उत्सर्जन के साथ एक विस्फोट चल रहा है। पावलोफ ज्वालामुखी आखिरी बार 2016 में फटा था। इसके अलावा ग्रेट सिटकिन ज्वालामुखी (Great Sitkin volcano) और अलेशियन द्वीप (Aleutian Island) में सेमीसोपोचनॉय ज्वालामुखी (Semisopochnoi Volcano) के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हुई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation – ISRO) 12 अगस्त को एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लॉन्च (Earth Observation Satellite) करने जा रहा है। इस उपग्रह को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। EOS-03 नामक उपग्रह को GSLV-F10 की 14वीं उड़ान में ले जाया जाएगा। GSLV-F10 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा। EOS-03 अपने ऑनबोर्ड प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करके अंतिम भूस्थिर कक्षा (geostationary orbit) में पहुंच जाएगा। EOS-03 एक अत्याधुनिक उपग्रह है। यह बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वास्तविक समय की निगरानी में सक्षम होगा। यह जल निकायों (water bodies), फसलों (crops), वन आवरण परिवर्तन (forest cover changes) और वनस्पति की स्थिति (vegetation condition) की निगरानी भी करेगा। EOS-03 पूरे देश की प्रतिदिन चार से पांच बार इमेजिंग करने में सक्षम है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर अधिनियम के प्रावधानों को रद्द करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है। इस विधेयक ने विवादास्पद पूर्वव्यापी कर (retrospective tax) कानून को समाप्त कर दिया है जिसने वोडाफोन और केयर्न जैसे विदेशी निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया है। सरकार ने कंपनियों द्वारा मुकदमेबाजी में भुगतान की गई राशि को बिना किसी ब्याज के वापस करने का भी प्रस्ताव रखा। वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन के अनुसार, सभी मामलों में शामिल कुल राशि लगभग 8,100 करोड़ रुपये है। करीब 7,900 करोड़ रुपये केयर्न विवाद से जुड़े हैं।
थाईलैंड ने अपने सभी समुद्री राष्ट्रीय उद्यानों (marine national parks) से मूंगे (coral) को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों से युक्त सनस्क्रीन पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यटकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सन प्रोटेक्शन द्वीप राष्ट्र में धीमी गति से बढ़ने वाले मूंगों (coral) को नुकसान पहुंचा रहे हैं। थाई संरक्षण विभाग के अनुसार, सन क्रीम में पाए जाने वाले चार तत्व कोरल लार्वा को नष्ट कर रहे हैं, प्रवाल प्रजनन में बाधा डाल रहे थे और रीफ ब्लीचिंग का कारण बन रहे थे। नियम का उल्लंघन करने वालों पर 1,00,000 बाहत का जुर्माना लगाया जाएगा। प्रतिबंधित लोशन में ऑक्सीबेनज़ोन, ऑक्टिनॉक्सेट, 4-मिथाइलबेन्ज़िलिडीन कपूर या ब्यूटाइलपरबेन शामिल हैं। इसी तरह के प्रतिबंध पलाऊ और अमेरिकी राज्य हवाई द्वारा भी लगाए गए हैं।
एक संसदीय पैनल ने लोकसभा के समक्ष अपनी रिपोर्ट में नदी बेसिन में पानी की उपलब्धता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दूर करने के लिए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर फिर से बातचीत करने की सिफारिश की है। यह अन्य चुनौतियों का समाधान करने की भी सिफारिश करता है जो सिंधु-जल समझौते के तहत शामिल नहीं हैं। जल संसाधन पर स्थायी समिति (Standing Committee on Water Resources) ने यह भी सिफारिश की कि भारत को लगातार चीनी कार्यों की निगरानी करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे ब्रह्मपुत्र नदी पर कोई बड़ा हस्तक्षेप न करे। क्योंकि, ब्रह्मपुत्र नदी पर हस्तक्षेप भारत के राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
असम और मिजोरम की सरकारों के वरिष्ठ मंत्रियों ने 5 अगस्त, 2021 को असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के संबंध में विस्तृत चर्चा की। इस बैठक के बाद, एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि सीमा विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाएगा। असम सरकार ने राज्य के निवासियों के लिए एक ट्रेवल एडवाइजरी को रद्द करने का निर्णय लिया। असम और मिजोरम की सरकारें बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा की गई पहलों को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुईं। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अंतरराज्यीय सीमाओं के आसपास व्याप्त तनाव को दूर करने के लिए कहा गया था। अंतर-राज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए, दोनों सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, असम और मिजोरम अपने संबंधित वन और पुलिस बलों को गश्त, वर्चस्व, प्रवर्तन या किसी भी क्षेत्र में नए सिरे से तैनाती के उद्देश्य से नहीं भेजेंगे। दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच टकराव हुआ था। इसमें असम-मिजोरम सीमा के साथ करीमगंज जिले, असम में हैलाकांडी और कछार और मिजोरम के ममित और कोलासिब जिले शामिल हैं।
संसदीय पैनल ने लोकसभा के समक्ष अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की चीन के साथ कोई जल संधि नहीं है। हालांकि, दोनों देशों ने ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों पर समझौता ज्ञापन पांच साल के लिए लागू रहेगा। इन समझौता ज्ञापनों का नियमित रूप से नवीनीकरण किया जाता है। इस पैनल के अनुसार बाढ़ के मौसम, आपातकालीन प्रबंधन और सीमा पार नदियों से संबंधित अन्य मुद्दों में चीन द्वारा हाइड्रोलॉजिकल डेटा के प्रावधान के संबंध में सहयोग सुनिश्चित करने के लिए भारत और चीन के बीच विशेषज्ञ स्तर तंत्र (Expert Level Mechanism) भी मौजूद है। इस पैनल ने भुगतान के आधार पर चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी के हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करने पर संतोष व्यक्त किया है। 2017 में दोनों देशों के बीच 73 दिनों के डोकलाम गतिरोध के बीच कोई डेटा प्रदान नहीं किया गया था। इस पैनल ने चीन द्वारा रन-ऑफ-द-रिवर परियोजनाओं के बारे में अपनी आशंका व्यक्त की क्योंकि इस तरह की परियोजनाओं से पानी का डायवर्जन नहीं हो सकता है, लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि पानी को संग्रहित किया जा सकता है और टर्बाइन चलाने के लिए छोड़ा जा सकता है। इसके कारण डाउनस्ट्रीम प्रवाह में दैनिक भिन्नता पैदा हो सकती है, जिससे ब्रह्मपुत्र नदी में जल प्रवाह प्रभावित हो सकता है। नतीजतन, समिति ने भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए चीनी कार्यों की लगातार निगरानी करने की सिफारिश की है कि वे ब्रह्मपुत्र नदी पर कोई बड़ा हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
भारत ने अफगानिस्तान के पटकिया प्रांत के चमकानी में स्थित गुरुद्वारा थाला साहिब पर लगे सिख धार्मिक ध्वज निशान साहिब हटाए जाने की निंदा की है। भारत ने अपना दृढ़ विश्वास फिर से दोहराया कि अफगानिस्तान का भविष्य ऐसा होना चाहिए जहां अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित अफगानी समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा हो।
तोक्यो ओलिंपिक में गोल्फ में महिलाओं के व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले में अदिति अशोक पदक से चूक गई हैं। खेले गए चौथे और अंतिम दौर में अदिति चौथे स्थान पर रहीं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अदिति अशोक को तोक्यो ओलिंपिक खेलों की गोल्फ स्पर्धा में चौथा स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी है। दीक्षा डागर का स्थान संयुक्त रूप से 50वां रहा।
कपड़ा मंत्रालय द्वारा 7 अगस्त को 7वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान के लिए बुनकर समुदाय को सम्मानित किया गया। हथकरघा क्षेत्र सीधे तौर पर महिलाओं का सशक्तिकरण करता है। 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हथकरघा और इससे जुड़े कार्यों में लगी हैं। कपड़ा मंत्रालय तीन राज्य सरकारों के साथ मिलकर हथकरघा शिल्प-ग्राम स्थापित कर रहा है। ये शिल्प-ग्राम केरल में तिरूअनंतपुरम के कोवलम, असम में गोलाघाट के मोहपाड़ा और श्रीनगर में बडगांव के कनिहामा में स्थापित किये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य स्वदेशी तथा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना और क्षेत्र के प्रसिद्ध हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देना है। स्वीधनता की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से आग्रह किया था कि वे भारतीय हथकरघा उत्पादों को खरीदें। एक ट्वीट में, श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय हथकरघा दिवस माई हैंडलूम, माई प्राइड की भावना को बढ़ाकर देश के बुनकरों को प्रोत्साहित करने का अवसर है। भारत के हथकरघा उद्योग के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जुलाई, 2015 में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया था। ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में कलकत्ता टाउन हॉल में 1905 में शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन को मनाने के लिए 7 अगस्त की तारीख को चुना गया था। इस आंदोलन का उद्देश्य घरेलू उत्पादों और उत्पादन प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित करना था। पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन 7 अगस्त 2015 को चेन्नई, तमिलनाडु में मद्रास विश्वविद्यालय के शताब्दी हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। उन्होंने ‘इंडिया हैंडलूम’ ब्रांड का भी अनावरण किया था।
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