जिला प्रशासन
- प्रश्न 1 जिला स्तर के किस विभाग का प्रमुख जिलाधीश होता है -
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- (अ) राजस्व विभाग और पुलिस विभाग
- (ब) पुलिस विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग
- (स) सामान्य प्रशासन विभाग और न्यायिक विभाग
- (द) राजस्व और सामान्य प्रशासन विभाग
उत्तर : राजस्व और सामान्य प्रशासन विभाग
व्याख्या :
जिला कलेक्टर के रूप में उपायुक्त जिले में राजस्व प्रशासन का उच्चतम अधिकारी है। राजस्व मामलों में, वह विभागीय आयुक्त और वित्तीय आयुक्त, राजस्व के माध्यम से सरकार के लिए जिम्मेदार है।
- प्रश्न 2 भारत में प्रशासन की आधारभूत इकाई निम्नलिखित में से कौन-सी है -
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- (अ) राजस्व प्रभाव / उप-सम्भाग
- (ब) तहसील / मंडल
- (स) जिला
- (द) ग्राम
उत्तर : जिला
व्याख्या :
भारत में प्रशासन की बुनियादी क्षेत्रीय इकाई जिला है।
- प्रश्न 3 जिला दण्डनायक के रूप में जिला कलेक्टर की शक्तियाँ हैं -
A. कानून व्यवस्था बनाए रखना।
B. पुलिस पर नियन्त्रण रखना।
C. विदेशियों के पारपत्रों की जाँच करना।
D. भू-राजस्व एकत्र करना।
कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
कूट: -
- (अ) A, B, C
- (ब) A, C, D
- (स) B, C, D
- (द) A, B, D
उत्तर : A, B, C
- प्रश्न 4 निम्न में से किसने जिलाधीश को ‘संस्थागत करिश्मा’ कहा था -
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- (अ) रजनी कोठारी
- (ब) पी. आर. दुभाषी
- (स) टी. एन. चतुर्वेदी
- (द) जे.डी. शुक्ला
उत्तर : रजनी कोठारी
व्याख्या :
रजनी कोठारी ने जिलाधिकारी को ‘संस्थागत करिश्मा’ बताया है। वह भारत के एक प्रसिद्ध राजनीतिक वैज्ञानिक, राजनीतिक सिद्धांतकार, शिक्षाविद और लेखक हैं। उन्होंने 1963 में ‘चेयर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ (CSDS) की स्थापना की।
- प्रश्न 5 सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा दिये गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए -
कूट :सूची-I (जिलाधीश के बारे में कथन) सूची-II (द्वारा) (1) जिलाधीश की तुलना एक कछुए से की है जिस की पीठ पर भारत सरकार का हाथी खड़ा है (i) भारतीय स्टेच्युटरी कमिशन प्रतिवेदन, 1930 (2) जिलाधीश को एक अधिवक्ता, एक लेखाविद्य, एक सर्वेक्षण कर्ता तथा राज्यपत्रों का तैयार लेखक होना चाहिए (ii) 20 मई 2005 को दिया गया प्रधनमंत्री का भाषण (3) कहीं दूसरी जगह जिलाधीश के समान न तो कोई अधिकारी हुआ है और न ही होगा (iii) रेम्जे मैक्डोनल्ड (4) प्रशासन की धुरी (iv) के. के. दास -
- (अ) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(iv), (4)-(ii)
- (ब) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii), (4)-(iv)
- (स) (1)-(iii), (2)-(iv), (3)-(ii), (4)-(i)
- (द) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(iv), (4)-(ii)
उत्तर : (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(iv), (4)-(ii)
व्याख्या :
जिलाधीश के व्यापक और विशद कार्यों को देखते हुए रजनी कोठारी ने उसे ‘संस्थागत करिश्मा’ की उपमा दी। जिलाधीश के कार्यभार की अधिकता एवं अतिव्यस्तता के कारण रेम्जेमेक्डोनॉल्ड कहा “जिलाधीश की तुलना एक कछुए के समान है जिसकी पीठ पर भारत सरकार का हाथी खड़ा है।” के.के. दास ने कहा है कि “कहीं दूसरी जगह जिलाधीश के समान न तो कोई अधिकारी हुआ है और न ही होगा।” जब साइमन कमीशन (भारतीय स्टेटयूटरी कमिशन) भारत आया तो उसने जून, 1930 के अपने प्रतिवेदन में अन्य बातों के साथ जिलाधीश की भूमिका के लिए कहा कि “जिलाधीश को एक अधिवक्ता, एक लेखाविद्य, एक सर्वेक्षणकर्त्ता तथा राजपत्रों का तैयार लेखक होना चाहिए।” मई, 2005 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि “जिलाधीश प्रशासन की धुरी है।”
- प्रश्न 6 निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक स्वतंत्रता के बाद जिला कलेक्टर की बदलती भूमिका के संबंध में सही नहीं है
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- (अ) कलेक्टर के पास, विभिन्न केन्द्रीय व राज्य विधियों के अन्तर्गत, या तो अभिव्यक्त उपबन्धों द्वारा या प्रत्यायोजन द्वारा शक्तियाँ निहित हैं।
- (ब) राज्य के अधीन जिला स्तर पर विभिन्न तकनीकी विभागों के आविर्भाव से, कलेक्टर के प्राधिकार में कमी आई है।
- (स) प्राकृतिक आपदाओं के समय भी कलेक्टर की सर्वोच्चता अब नहीं बनी रहती।
- (द) ग्रामीण विकास में कलेक्टर की भूमिका जिला परिषद् के साथ उनके संबंधों से प्रभावित होती है।
उत्तर : प्राकृतिक आपदाओं के समय भी कलेक्टर की सर्वोच्चता अब नहीं बनी रहती।
व्याख्या :
स्वतंत्रता के बाद भी, प्राकृतिक आपदाओं के समय जिला कलेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण और सर्वोच्च बनी रहती है। कलेक्टर आपातकालीन स्थितियों में राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व करता है और आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों के समन्वयक के रूप में कार्य करता है।
- प्रश्न 7 निम्नलिखित में से किसने भारत में जिला कलेक्टर का पद सूचित किया -
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- (अ) लॉर्ड कॉर्नवालिस
- (ब) वारेन हेस्टिंग्स
- (स) दि रॉयल कमीशन ऑन डिसेन्ट्रलाइजेशन
- (द) सर चार्ल्स मेटकॉफ
उत्तर : वारेन हेस्टिंग्स
- प्रश्न 8 कथन (A)—– स्वतंत्र भारत में जिला कलेक्टर को स्वतंत्रता पूर्व के जिला कलेक्टर की अपेक्षा कम न्यायिक प्राधिकार प्राप्त है।
कारण (R) — भारत के संविधान का अनुच्छेद 50 न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करता है। -
- (अ) कूट : (1) A और R दोनों सही है और R, A का सही स्पष्टीकरण है
- (ब) A और R दोनों सही हैं, परन्तु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है
- (स) A सही है, परन्तु R गलत है
- (द) A गलत है, परन्तु R सही है।
उत्तर : कूट : (1) A और R दोनों सही है और R, A का सही स्पष्टीकरण है
व्याख्या :
न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करने की गारंटी संविधान के अनुच्छेद 50 में दी गई है। अनुच्छेद 50 में बताया गया है कि राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से असंबद्ध करने के लिए राज्य कार्रवाई करेगा। सेवा निवृत्त अधिकारी ई.एन. मंगतराय के अनुसार स्वाधीनता के बाद कलक्टर एवं जिले का महत्व एवं प्रभाव कम हुआ है अब जिले में आर्थिक लाभों (Economic Patronage) को वितरित करने वाला वही (कलक्टर) एकमात्र अधिकारी नहीं है।
- प्रश्न 9 निम्नलिखित में से किसने जिला स्तर पर नियामक एवं विकास कार्यों में पृथक्करण की सिफारिश की -
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- (अ) दन्तवाला समिति
- (ब) हनुमन्त राव समिति
- (स) प्रशासनिक सुधार आयोग
- (द) जी.वी.के. राव समिति
उत्तर : प्रशासनिक सुधार आयोग
व्याख्या :
5 जनवरी, 1966 को मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन हुआ। बाद में मोरारजी के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल हो जाने की वज़ह से के. हनुमंतैया को अध्यक्ष नियुक्त किया गया आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट 20 अक्तूबर, 1966 को तथा दूसरी रिपोर्ट 30 जून, 1970 को पेश की जिनमें कुल 578 सुझाव दिये गए थे। इनमें ज़िला प्रशासन को दो भागों- नियामकीय तथा विकासात्मक में बाँटा जाए भी शामिल थी।
- प्रश्न 10 राज्य सरकार और जिले के बीच समन्वय कार्य करता है-
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- (अ) तहसीलदार
- (ब) उप तहसीलदार
- (स) जिलाधीश
- (द) राजकोष अधिकारी
उत्तर : जिलाधीश
व्याख्या :
राज्य सरकार और जिले के बीच समन्वय का कार्य मुख्य रूप से जिला कलेक्टर (District Collector) करता है। जिला कलेक्टर राज्य सरकार का प्रतिनिधि होता है और जिले के विभिन्न प्रशासनिक, विकासात्मक, और कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों का देखरेख करता है।
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