राजस्थानी भाषा एवं बोलियां
- प्रश्न 11 संत दादू एवं उनके शिष्यों की रचनाएं किस भाषा में है -
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- (अ) मेवाड़ी
- (ब) ढुंढाडी
- (स) मारवाड़ी
- (द) गौड़ावडी
उत्तर : ढुंढाडी
व्याख्या :
पूर्वी राजस्थानी के मध्यपूर्वी भाग या प्राचीन ढूंढाड़ प्रदेश जिसका संबंध आमेर राज्य से रहा है की प्रधान बोली जयपुरी या ढूंढाड़ी है। आधुनिक राजस्थान में जयपुर, दौसा, बगरू, दूदू तक का क्षेत्र ढूंढाड़ी का क्षेत्र कहा जा सकता है। दादूपंथ का अधिकांश साहित्य इसी बोली में लिपिबद्ध है। ईसाई मिशनरियों ने बाईबिल का ढूंढाड़ी अनुवाद भी प्रकाशित किया था।
- प्रश्न 12 पृथ्वीराज रासौ की साहित्य शैली में लिखा गया है -
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- (अ) पिंगल
- (ब) डिंगल
- (स) सोरठा
- (द) भाट
उत्तर : पिंगल
- प्रश्न 13 राजस्थान की किस बोली को जयपुरी या झाड़शाही भी कहा जाता है -
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- (अ) मारवाड़ी
- (ब) मेवाड़ी
- (स) ढूंढाड़ी
- (द) हाडौती
उत्तर : ढूंढाड़ी
व्याख्या :
पूर्वी राजस्थानी के मध्यपूर्वी भाग या प्राचीन ढूंढाड़ प्रदेश जिसका संबंध आमेर राज्य से रहा है की प्रधान बोली जयपुरी या ढूंढाड़ी है।
- प्रश्न 14 राजस्थान की किस बोली पर मराठी भाषा का भी कुछ प्रभाव है -
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- (अ) मारवाड़ी
- (ब) मेवाड़ी
- (स) हाड़ौती
- (द) मालवी
उत्तर : मालवी
व्याख्या :
प्राचीन मालव क्षेत्र की बोली मालवी कहलाती है। यह बोली राजस्थान के झालावाड़, कोटा एवं प्रतापगढ़ के कुछ क्षेत्रों व मध्यप्रदेश के रतलाम, झाबुआ आदि क्षेत्र में बोली जाती है। यह कोमल एवं मधुर बोली है। सम्पूर्ण क्षेत्र में इसकी एकरूपता इसकी विशेषता है। काल रचना में हो, ही के स्थान पर थो, थी का प्रयोग होता है। इस बोली पर गुजराती एवं मराठी भाषा का भी न्यूनाधिक प्रभाव देखने को मिलता है।
- प्रश्न 15 निम्नलिखित में से किस क्षेत्र के बोली मेवाती है -
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- (अ) अलवर
- (ब) भरतपुर
- (स) धौलपुर
- (द) ये सभी
उत्तर : ये सभी
व्याख्या :
पूर्वोत्तर राजस्थान के अलवर, भरतपुर में ‘मेव’ जाति का आधिक्य होने इसे ‘मेवात क्षेत्र कहा गया है। इस क्षेत्र में मेवाती बोली का विशेष महत्त्व है। इस क्षेत्र को पूर्वकाल में मत्स्य जनपद कहा जाता था। मेवाती बोली का क्षेत्र – अलवर, भरतपुर, धौलपुर, और करौली के पूर्वी भाग में बोली जाती है।
- प्रश्न 16 निम्नलिखित में से किस स्थान पर ढंूढाडी नहीं बाली जाती है -
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- (अ) सीकर
- (ब) किशनगढ़
- (स) जयपुर का अधिकांश भाग
- (द) टोंक
उत्तर : सीकर
- प्रश्न 17 बूंदी, कोटा तथा उदयपुर के पूर्वी भाग में किस भाषा का प्रचलन है -
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- (अ) मेवाड़ी
- (ब) ढूंढाड़ी
- (स) हाड़ौती
- (द) मेवाती
उत्तर : हाड़ौती
व्याख्या :
हाड़ा राजपूतों के राज्य से संबंधित क्षेत्र (कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़) को हाड़ौती बोली का क्षेत्र माना जाता है। इसे ढूंढाड़ी की उपबोली माना जाता है। हाड़ौती पर प्राचीनकाल में हूणों एवं गुर्जरों के सम्पर्क का प्रभाव भी देखा जा सकता है।
- प्रश्न 18 जयपुर (शेखावटी के अतिरिक्त) और टोंक तथा अजमेर के कुछ क्षेत्रों में किस भाषा का प्रचलन है -
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- (अ) मारवाड़ी
- (ब) ढूंढाड़ी
- (स) मालवी
- (द) मेवात
उत्तर : ढूंढाड़ी
- प्रश्न 19 राजस्थानी भाषा का उत्पति काल है -
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- (अ) तेहरवीं शताब्दी का प्रारम्भीक काल
- (ब) बाहरवीं शताब्दी का अन्तिम चरण
- (स) ग्याहरवीं शताब्दी
- (द) चैदहवीं शताब्दी
उत्तर : बाहरवीं शताब्दी का अन्तिम चरण
- प्रश्न 20 राजस्थानी शैलीी का उद्गम का काल है -
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- (अ) तुगलक काल
- (ब) मुगल काल
- (स) मौर्य काल
- (द) कम्पनी काल
उत्तर : मुगल काल
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