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राजस्थान की जलवायु

प्रश्न 116 ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान के किन जिलों में वायु की गति अधिक होगी -
  • (अ) पूर्वी
  • (ब) पश्चिमी
  • (स) उत्तरी
  • (द) दक्षिणी
उत्तर : पश्चिमी
व्याख्या :
राजस्थान में मार्च से मध्य जून तक ग्रीष्म ऋतु होती है। इसमें मई व जून के महीने में सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। अधिक गर्मी के वायु मे नमी समाप्त हो जाती है। परिणाम स्वरूप वायु हल्की होकर उपर चली जाती है। अतः पश्चिमी राजस्थान में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता है परिणामस्वरूप उच्च वायुदाब से वायु निम्न वायुदाब की और तेजगति से आती है इससे गर्मियों में आंधियों का प्रवाह बना रहता है।
प्रश्न 117 कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार निम्न में से किन जिलों में ‘Aw’ प्रकार की जलवायु पायी जाती है -
Agriculture Officer 2020
  • (अ) भरतपुर एवं अलवर
  • (ब) बांसवाड़ा एवं झालावाड़
  • (स) सीकर एवं नागौर
  • (द) हनुमानगढ़ एवं बीकानेर
उत्तर : बांसवाड़ा एवं झालावाड़
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया। कोपेन के अनुसार स्थानीय वनस्पति ही मौसम की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति है, हालांकी कोपेन ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वर्षा एवं तापमान को भी महत्व दिया है क्योंकि परोक्ष रूप से वनस्पति वर्षा और तापमान पर निर्भर होती है अत: कोपेन ने राजस्थान की जलवायु को वनस्पति के आधार पर चार सांकेतिक शब्दो में वर्णीत किया है।
Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
प्रश्न 118 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार बाड़मेर एवं झुंझुनू जिले किस जलवायु प्रदेश में समाहित हैं -
Agriculture Officer 2020
  • (अ) Bwhw
  • (ब) Bshw
  • (स) Cwg
  • (द) Aw
उत्तर : Bshw
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।
  1. Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
  2. Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
  3. Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
  4. Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
बाड़मेर एवं झुंझुनू जिले Bshw जलवायु प्रदेश में समाहित हैं।
प्रश्न 119 निम्नलिखित में से राजस्थान का कौन सा जिला अति-आर्द्र जलवायु क्षेत्र में स्थित है -
Agriculture Research Officer - 2020
  • (अ) अजमेर
  • (ब) राजसमंद
  • (स) दौसा
  • (द) बारां
उत्तर : बारां
व्याख्या :
द.पू. कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाडा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, द.पू. सलूम्‍बर तथा माउण्ट आबू क्षेत्र अति-आर्द्र जलवायु क्षेत्र में स्थित है।
प्रश्न 120 राजस्थान में शीत ऋतु में होने वाली भूमध्यसागरीय चक्रवातीय वर्षा कहलाती है -
Agriculture Research Officer - 2020
  • (अ) उत्तर पूर्वी मानसून
  • (ब) मावट
  • (स) आम्र वर्षा
  • (द) खेजड़ी वर्षा
उत्तर : मावट
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है। इन वर्षा कि बूदों को गोल्डन ड्रोप्स या सोने कि बुंद के उप नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 121 राजस्थान में शीतकालीन वर्षा उन चक्रवातों के परिणामस्वरूप होती है, जो उत्पन्न होते हैं -
  • (अ) लाल सागर में
  • (ब) काला सागर में
  • (स) अरब सागर में
  • (द) भूमध्य सागर में
उत्तर : भूमध्य सागर में
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है। इन वर्षा कि बूदों को गोल्डन ड्रोप्स या सोने कि बुंद के उप नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 122 ‘थार्नथ्वेट’ के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार निम्नलिखित में से कौन सा जैसलमेर की जलवायु को प्रस्तुत करता है -
  • (अ) EA′d
  • (ब) DA′w
  • (स) CA′w
  • (द) DB′w
उत्तर : EA′d
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।
  1. CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
  2. DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
  3. DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
  4. EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनूपगढ़ EA′d जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आते हैं।
प्रश्न 123 निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा युग्म सुमेल नहीं है -
कोपेन के अनुसार जलवायु प्रदेश जिला
  • (अ) Aw - बांसवाड़ा
  • (ब) Bwhw - बाड़मेर
  • (स) Bshw - पाली
  • (द) Cwg - टोंक
उत्तर : Bwhw - बाड़मेर
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।
  1. Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
  2. Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
  3. Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
  4. Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
बाड़मेर Bshw जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आता है।
प्रश्न 124 निम्न में से कौन सी समवर्षा रेखा राजस्थान को दो भागों में विभक्त करती है -
  • (अ) 50 सेंटीमीटर
  • (ब) 55 सेंटीमीटर
  • (स) 110 सेंटीमीटर
  • (द) 100 सेंटीमीटर
उत्तर : 50 सेंटीमीटर
व्याख्या :
राजस्थान को 50 सेमी. रेखा दो भागों में बांटती है। 50 सेमी. वर्षा रेखा की उत्तर-पश्चिम में कम होती है। जबकि दक्षिण पूर्व में वर्षा अधिक होती है। यह 50 सेमी. मानक रेखा अरावली पर्वत माला को माना जाता है।
प्रश्न 125 राजस्थान में जून माह में न्यूनतम वायुदाब जिस जिले में सम्भावित है, वह है -
  • (अ) नागौर
  • (ब) झुन्झुनू
  • (स) जैसलमेर
  • (द) उदयपुर
उत्तर : जैसलमेर
व्याख्या :
ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम क्षेत्र क्षेत्र का वायुदाब पूर्वी क्षेत्र से कम होता है। ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाऐं चलती है जिन्हें लू कहते है। इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस निम्न वायुदाब की पूर्ती हेतु दुसरे क्षेत्र से (उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से) तेजी से हवा उठकर आती है जो अपने साथ धुल व मिट्टी उठाकर ले आती है इसे ही आंधी कहते हैं।

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