राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 126 निम्न में से कौन सा, राजस्थान में प्रचलित तौर पर ‘मावठ’ के रूप में जाना जाता है -
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- (अ) पर्वतीय लवण
- (ब) मरूस्थलीय मृदा
- (स) शीतकालीन वर्षा
- (द) लोकनृत्य
उत्तर : शीतकालीन वर्षा
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है। इन वर्षा कि बूदों को गोल्डन ड्रोप्स या सोने कि बुंद के उप नाम से जाना जाता है।
- प्रश्न 127 सामान्यतः राजस्थान में दक्षिण-पश्चिम मानसून की अवधि होती है -
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- (अ) जून से अक्टूबर
- (ब) जून से सितम्बर
- (स) जुलाई से अक्टूबर
- (द) मई से अगस्त
उत्तर : जून से सितम्बर
व्याख्या :
राजस्थान में मध्य जून से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है।
- प्रश्न 128 निम्नलिखित में से कौन से जिलों का समूह सर्वाधिक औसत वार्षिक वर्षा प्राप्त करता है -
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- (अ) झालावाड़ तथा बांसवाड़ा
- (ब) उदयपुर तथा भीलवाड़ा
- (स) बूंदी तथा कोटा
- (द) भरतपुर तथा करौली
उत्तर : झालावाड़ तथा बांसवाड़ा
व्याख्या :
जिला स्तर पर सर्वाधिक वर्षा - झालावाड़(100 सेमी.)
वर्षा के दिनों की सर्वाधिक संख्या - झालावाड़(40 दिन), बांसवाड़ा(38 दिन)
राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं से होती है तथा दुसरा स्थान बंगाल की खाड़ी का मानसून, तीसरा स्थान अरबसागर के मानसून, अन्तिम स्थान भूमध्यसागर के मानसून का है।
- प्रश्न 129 निम्नलिखित जलवायु को राजस्थान के सम्बंधित जलवायु से मिलान कीजिए -
जलवायु विभाजन 1. मरुस्थल A .उत्तर - पश्चिम राजस्थान 2. उप आर्द्र B. केन्द्रीय आरावली 3. आर्द्र C. राजस्थान का उत्तर पूर्वीय मैदान 4. अति आर्द्र D. राजस्थान का दक्षिण- पश्चिमीय पठार -
- (अ) 1-A, 2-B, 3-C, 4-D
- (ब) 1-A, 2-B, 3-D, 4-C
- (स) 1-B, 2-C, 3-A, 4-D
- (द) 1-A, 2-C, 3-B, 4-D
उत्तर : 1-A, 2-B, 3-C, 4-D
व्याख्या :जलवायु विभाजन 1. मरुस्थल A .उत्तर - पश्चिम राजस्थान 2. उप आर्द्र B. केन्द्रीय आरावली 3. आर्द्र C. राजस्थान का उत्तर पूर्वीय मैदान 4. अति आर्द्र D. राजस्थान का दक्षिण- पश्चिमीय पठार
- प्रश्न 130 अति आर्द्र जलवायु प्रदेश के अंतर्गत राज्य के कौन-से जिले आते हैं -
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- (अ) झालावाड़ एवं बांसवाड़ा
- (ब) बूंदी एवं सिरोही
- (स) अलवर एवं भरतपुर
- (द) भरतपुर एवं धौलपुर
उत्तर : झालावाड़ एवं बांसवाड़ा
व्याख्या :
द.पू. कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाडा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, द.पू. सलूम्बर तथा माउण्ट आबू क्षेत्र अति आर्द्र जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आते हैं।
- प्रश्न 131 थार्नथ्वेट ने जलवायु वर्गीकरण किस आधार पर किया -
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- (अ) वर्षा
- (ब) वनस्पति
- (स) मृदा
- (द) तापमान
उत्तर : वनस्पति
व्याख्या :
थार्नथ्वेट ने अपना जलवायु वर्गीकरण हेतु वनस्पति, तापमान और वर्षा को आधार बनाया। थार्नथ्वेट के अनुसार वनस्पति जलवायु का वायुदाब (बैरोमीटर) मापक यंत्र होता है। अर्थात वनस्पति की विशेषता को जानने के लिए तापमान एवं वर्षा के उन गुणों को जानना आवश्यक है जो वनस्पति के विकास, उनके प्रकार एवं विशेषताओं को निर्धारित करता है।
- प्रश्न 132 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार निम्न में से कौन से सही सुमेलित हैं?
(A) Cwg – भरतपुर
(B) Bwhw – बाड़मेर
(C) Bshw – गंगानगर
(D) Aw – डूंगरपुर
RPSC Ras Pre. Exam 2021 -
- (अ) (B) एवं (C)
- (ब) (A), (C) एवं (D)
- (स) (B), (C) एवं (D)
- (द) (A) एवं (D)
उत्तर : (A) एवं (D)
व्याख्या :
Aw या उष्णकटिबंधीय आर्द्र क्षेत्र : डूंगरपुर जिले के दक्षिणी भाग और बांसवाड़ा इस क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
Cwg जलवायु क्षेत्र : अरावली के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र इस क्षेत्र का हिस्सा हैं। भरतपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, करौली, चित्तौड़, धौलपुर, दौसा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सिरोही, टोंक, उदयपुर और जयपुर।
Bwhw जलवायु क्षेत्र : इस क्षेत्र में बहुत कम वर्षा के साथ शुष्क-गर्म मरुस्थली जलवायु है। उत्तर-पश्चिमी जोधपुर, जैसलमेर, पश्चिमी बीकानेर इस श्रेणी में शामिल हैं।
Bshw जलवायु क्षेत्र : यह जलवायु क्षेत्र अर्ध-शुष्क है, जहाँ सर्दियाँ शुष्क होती हैं और यहाँ तक कि गर्मियों में भी पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं होती है। इस क्षेत्र में बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, नागौर, चुरू, सीकर, झुंझुनू और हनुमानगढ़ जिले शामिल हैं।
- प्रश्न 133 कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन डूंगरपुर जिले को दर्शाता है -
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- (अ) Aw
- (ब) BShw
- (स) BWhw
- (द) Cwg
उत्तर : Aw
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।
Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- प्रश्न 134 राजस्थान में मई और जून महीनों में उत्पन्न होने वाले धूल भरी आंधी के कारण होते हैं-
A. कुछ स्थानों पर संवहन धाराएँ उत्पन्न करना।
B. अरावली की पहाड़ियाँ दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के सामानांतर हैं।
C. तेज गति वाली पूर्वी हवाओं की उत्पत्ति। -
- (अ) (A) और (C)
- (ब) (A), (B) और (C)
- (स) (A) और (B)
- (द) केवल (A)
उत्तर : केवल (A)
व्याख्या :
राजस्थान में मार्च से मध्य जून तक ग्रीष्म ऋतु होती है। इसमें मई व जून के महीने में सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। अधिक गर्मी के वायु मे नमी समाप्त हो जाती है। परिणाम स्वरूप वायु हल्की होकर उपर चली जाती है। अतः राजस्थान में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनता है परिणामस्वरूप उच्च वायुदाब से वायु निम्न वायुदाब की और तेजगति से आती है इससे गर्मियों में आंधियों का प्रवाह बना रहता है। धूल भरी आंधियां बहुत तेज हवाओं या संवहन धाराओं के कारण होती हैं।
- प्रश्न 135 ‘राज्य का आर्द्र जिला’ कहलाता है-
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- (अ) बांसवाड़ा
- (ब) झालावाड़
- (स) उदयपुर
- (द) डूंगरपुर
उत्तर : झालावाड़
व्याख्या :
राजस्थान का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है।
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