राजस्थान में 1857 की क्रांति
- प्रश्न 136 1857 की क्रान्ति के दौरान, निम्न में से किसके द्वारा मुगल बादशाह को निष्ठा का प्रतीक, नज़र, भेंट की गई -
School Lecturer 2022 Gk (Group D) -
- (अ) सामोद के रावल शिव सिंह
- (ब) आहुवा के राव राजा कुशल सिंह
- (स) कोटा के लाला जय दयाल
- (द) करौली के पठान मेहराब खान
उत्तर : सामोद के रावल शिव सिंह
व्याख्या :
जयपुर के सामोद ठिकाने के रावल शिवसिंह ने दिल्ली जाकर मुगल बादशाह को नजर भेंट की।
- प्रश्न 137 1857 की क्रांति के दौरान जयपुर के पॉलिटिकल ऐजेण्ट कौन थे -
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-1 -
- (अ) मेजर बर्टन
- (ब) मॉक मैसन
- (स) विलियम ईडन
- (द) मेजर मॉरीसन
उत्तर : विलियम ईडन
व्याख्या :
1857 की क्रांति के दौरान जयपुर के पॉलिटिकल ऐजेण्ट विलियम ईडन थे। यहाँ विलायत खाँ, सादुल खाँ व उस्मान खाँ ने अंग्रेज रोधी कार्य किए। किन्तु शासक रामसिंह ने अंग्रेजों की तन-मन-धन से सहायता की, अंग्रेजों ने इन्हें सितार-ए-हिन्द की उपाधि व कोटपूतली की जागीर दी।
- प्रश्न 138 1857 की क्रांति में, अंग्रेज एवं जोधपुर राज्य की संयुक्त सेना को किसने पराजित किया -
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-1 -
- (अ) जयद्रयाल ने
- (ब) मेहराब खान ने
- (स) रावत रामसिंह ने
- (द) ठाकुर कुशाल सिंह ने
उत्तर : ठाकुर कुशाल सिंह ने
व्याख्या :
ठाकुर कुशालसिंह की सेना ने जोधपुर की राजकीय सेना को 8 सितम्बर, 1857 को बिथोड़ा नामक स्थान पर पराजित किया। जोधपुर की सेना की पराजय की खबर पाकर ए.जी.जी. जॉर्ज लारेन्स स्वयं एक सेना लेकर आउवा पहुँचा। मगर 18 सितम्बर, 1857 को वह विद्रोहियों से परास्त हुआ। ब्रिगेडियर होम्स के अधीन एक सेना ने 20 जनवरी, 1858 को आउवा पर आक्रमण कर दिया। विजय की उम्मीद न रहने पर कुशालसिंह ने सलूंबर (केसरी सिंह) में शरण ली। उसके बाद ठाकुर पृथ्वीसिंह (कुशालसिंह का छोटा भाई) ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया।
- प्रश्न 139 1857 के विद्रोह के समय, ठाकुर कुशाल सिंह ने किस जगह विद्रोहियों का नेतृत्व किया -
CET 2022 (Graduate) 07 January 2023 Shift-2 -
- (अ) नसीराबाद
- (ब) कोटा
- (स) एरिनपुरा
- (द) आउवा
उत्तर : आउवा
व्याख्या :
एरिनपुरा के विद्रोही सैनिकों की भेंट ‘खैरवा’ नामक स्थान पर आउवा ठाकुर कुशालसिंह से हुई। ठाकुर कुशालसिंह की सेना ने जोधपुर की राजकीय सेना को 8 सितम्बर, 1857 को बिथोड़ा नामक स्थान पर पराजित किया। जोधपुर की सेना की पराजय की खबर पाकर ए.जी.जी. जॉर्ज लारेन्स स्वयं एक सेना लेकर आउवा पहुँचा। मगर 18 सितम्बर, 1857 को वह विद्रोहियों से परास्त हुआ। ब्रिगेडियर होम्स के अधीन एक सेना ने 20 जनवरी, 1858 को आउवा पर आक्रमण कर दिया। विजय की उम्मीद न रहने पर कुशालसिंह ने सलूंबर (केसरी सिंह) में शरण ली। उसके बाद ठाकुर पृथ्वीसिंह (कुशालसिंह का छोटा भाई) ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया।
- प्रश्न 140 1857 की क्रांति को दबाने के लिए, बीकानेर के किस शासक ने अंग्रेज़ों को सैन्य सहायता दी -
CET 2022 (Graduate) 08 January 2023 Shift-1 -
- (अ) सरदार सिंह
- (ब) रतन सिंह
- (स) गंगा सिंह
- (द) डूंगर सिंह
उत्तर : सरदार सिंह
व्याख्या :
बीकानेर महाराज सरदारसिंह राजस्थान का अकेला ऐसा शासक था जो सेना लेकर विद्रोहियों को दबाने के लिए राज्य से बाहर (हिसार के पास बडालु) भी गया। महाराजा ने पंजाब में विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों का सहयोग किया। महाराजा ने अंग्रेजों को शरण तथा सुरक्षा भी प्रदान की। अग्रेजों ने बीकानेर के सरदार सिंह को टिब्बी क्षेत्र (हनुमानगढ़) के 41 गांव दिए।
- प्रश्न 141 निम्नलिखित में देशी रियासतो एव सबंधित पॉलिटिकल एजेन्ट (1857 के विद्रोह के प्रारंभ के समय) का कौनसा युग्म असंगत है -
देशी रियासत - पॉलिटिकल एजेन्ट
School Lecturer (Sanskrit Edu.) 2022 -
- (अ) भरतपुर - कैप्टन जे.डी. हॉल
- (ब) जयपुर - कर्नल ईडन
- (स) मेवाड़ - सी.एल. शॉवर्स
- (द) मारवाड़ - मैक मेसन
उत्तर : भरतपुर - कैप्टन जे.डी. हॉल
व्याख्या :
भरतपुर के पॉलिटिकल एजेन्ट मॉरीसन थे लेकिन भरतपुर के शासक जसवंत सिंह नाबालिग थे। इसलिए मॉरीसन को वापस भेज दिया गया। निक्सन ने ही धौलपुर व भरतपुर के पॉलिटिकल एजेन्ट के रूप में कार्य किया।
- प्रश्न 142 निम्न में से राजस्थान में 1857 की क्रान्ति के दौरान डूंगरपुर रियासत का शासक कौन था -
A.A.R.O. (GK and Botany) 2022 -
- (अ) राम सिंह
- (ब) विनय सिंह
- (स) मदन पाल
- (द) उदय सिंह
उत्तर : उदय सिंह
व्याख्या :
डूंगरपुर के शासक उदय सिंह द्वितीय ने 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों की मदद की थी।
- प्रश्न 143 1857 की क्रांति के समय बड़लू का युद्ध किनके बीच हुआ था -
A.A.R.O. (GK and Entomology) 2022 -
- (अ) मारवाड़ एवं आऊवा
- (ब) मारवाड़ एवं आलनियावास
- (स) मारवाड़ एवं आसोप
- (द) मारवाड़ एवं कोठारिया
उत्तर : मारवाड़ एवं आसोप
व्याख्या :
आसोप के जागीरदारों की मारवाड़-मुगल संघर्षकाल, मराठा-पिंडारी संघर्ष काल और 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बड़लू का युद्ध मारवाड़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह युद्ध आसोप (अब राजस्थान में स्थित एक गाँव) और मारवाड़ राज्य के बीच हुआ था।
- प्रश्न 144 1857 का विद्रोह राजस्थान में किस स्थान से प्रारम्भ हुआ था -
Lecturer (Tech. Edu.) Exam - 2020 (Gen. Studies of State Paper - III) -
- (अ) देवली
- (ब) एरिनपुरा
- (स) नसीराबाद
- (द) नीमच
उत्तर : नसीराबाद
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये।
- प्रश्न 145 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम के समय कोटा महाराव की सहायता के लिए किस राज्य ने सैनिक सहायता भेजी -
3rd Grade Teacher 2022 Maths-Science L2 -
- (अ) झालावाड़
- (ब) जयपुर
- (स) बूंदी
- (द) करौली
उत्तर : करौली
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। 15 अक्टूबर, 1857 को कोटा की सेना ने रेजीडेन्सी को घेरकर मेजर बर्टन और उसके पुत्रों तथा एक डॉक्टर की हत्या कर दी। मेजर बर्टन का सिर कोटा शहर में घुमाया गया तथा महाराव का महल घेर लिया। जनवरी, 1858 में करौली से सैनिक सहायता मिलने पर महाराव के सैनिकों ने क्रांतिकारियों को गढ़ से खदेड़ दिया।
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