मुहावरे
- प्रश्न 151 “अत्यधिक परिश्रम से आरंभ किए व्यापार में बहुत कम लाभ होने पर, हताश उद्यमी ने कहा ___।”
उक्त वाक्य के रिक्त स्थान में प्रयुक्त लोकोक्ति है -
- (अ) अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
- (ब) बैठे से बेगार भली
- (स) खोदा पहाड़ निकली चुहिया
- (द) ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डर
उत्तर : खोदा पहाड़ निकली चुहिया
- प्रश्न 152 किस विकल्प में लोकोक्ति का भावार्थ असंगत है -
Police SI 13 September 2021 (Hindi) -
- (अ) साँच को आँच नहीं = सच्चा व्यक्ति डरता नहीं
- (ब) हाथ कंगन को आरसी क्या – प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।
- (स) नेकी कर दरिया में डाल = भला करके भूल जाना
- (द) चोर की दाढ़ी में तिनका = अपराधी का निश्शंक होना
उत्तर : चोर की दाढ़ी में तिनका = अपराधी का निश्शंक होना
- प्रश्न 153 ‘आग बबूला होना’ का भावार्थ है -
Police SI 13 September 2021 (Hindi) -
- (अ) भयंकर आग लगना
- (ब) अत्यंत क्रोध करना
- (स) लू के बगूले उठना
- (द) बबूल के पेड़ में आग लगना
उत्तर : अत्यंत क्रोध करना
- प्रश्न 154 ‘अपने पैरों पर खड़े होना’ का भावार्थ है
Police SI 13 September 2021 (Hindi) -
- (अ) बिना किसी छड़ी आदि के अपने आप आगे बढ़ना
- (ब) छोटे बच्चों का चलना सीखना
- (स) आत्मनिर्भर होना
- (द) सावधानीपूर्वक चलना
उत्तर : आत्मनिर्भर होना
- प्रश्न 155 ‘मां ने बच्चों के झगड़े को ___ पड़ोसियों में सिर फुटौवल करवा दी।
उक्त वाक्य के रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त मुहावरा होगा
Police SI 13 September 2021 (Hindi) -
- (अ) तिल का ताड़ बनाकर
- (ब) घाव पर नमक छिड़ककर।
- (स) मीन-मेख निकालकर
- (द) पानी में आग लगाकर
उत्तर : तिल का ताड़ बनाकर
- प्रश्न 156 ‘बहता पानी, रमता जोगी’ लोकोक्ति का भावार्थ है
Police SI 14 September 2021 (Hindi) -
- (अ) बहते पानी की तरह जोगी की भी निरंतर गतिशीलता बनी रहती है।
- (ब) घुमक्कड़ व्यक्ति कभी एक जगह नहीं रुकता।
- (स) ठहरा हुआ पानी और एक स्थान पर रुका हुआ योगी अपनी सार्थकता खो देते हैं।
- (द) बहता हुआ पानी और निरंतर विचरण करता हुआ योगी समाज को गतिशील रहने का संदेश देते हैं।
उत्तर : घुमक्कड़ व्यक्ति कभी एक जगह नहीं रुकता।
- प्रश्न 157 ‘ढाक के वही तीन पात’ लोकोक्ति का भावार्थ है -
Police SI 14 September 2021 (Hindi) -
- (अ) परिणाम कुछ नहीं, बात वहीं की वहीं
- (ब) ढाक के पत्ते तीन-तीन के समूह में होते
- (स) पतझड़ में भी ढाक के कुछ पत्ते बचे रहते
- (द) ढाक के उपयोगी पत्तों से सुन्दर दोने बनते
उत्तर : परिणाम कुछ नहीं, बात वहीं की वहीं
- प्रश्न 158 ‘मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त’ लोकोक्ति का भावार्थ है :
Police SI 14 September 2021 (Hindi) -
- (अ) सुस्त व्यक्ति का काम चुस्त-दुरुस्त व्यक्ति से ही चलता है।
- (ब) सुस्त व्यक्ति को चुस्त व्यक्ति से सचेत रहना चाहिए।
- (स) सुस्त और चुस्त व्यक्ति का बेमेल संयोग होना।
- (द) जिसका काम हो उसकी अपेक्षा दूसरों का अधिक चिंतित होना।
उत्तर : जिसका काम हो उसकी अपेक्षा दूसरों का अधिक चिंतित होना।
- प्रश्न 159 ‘पानी में आग लगाना’ मुहावरे का भावार्थ है -
Police SI 14 September 2021 (Hindi) -
- (अ) असंभव कार्य करने का प्रयास करना
- (ब) पागलपन के काम करना
- (स) जहाँ झगड़ा होना असंभव हो, वहाँ झगड़ा करवा देना
- (द) लीक से हटकर कोई काम करना
उत्तर : जहाँ झगड़ा होना असंभव हो, वहाँ झगड़ा करवा देना
- प्रश्न 160 ‘घर-घर मिट्टी के चूल्हे हैं’, लोकोक्ति का भावार्थ है
Police SI 14 September 2021 (Hindi) -
- (अ) मिट्टी के चूल्हे पर खाना अच्छा बनता है।
- (ब) हर घर में गैंस के चूल्हे की सुविधा नहीं
- (स) मिट्टी के चूल्हे से बहुत परेशानी या कठिनाई होती है।
- (द) हर आदमी के साथ कुछ न कुछ कमी, बुराई या कठिनाई लगी रहती है।
उत्तर : हर आदमी के साथ कुछ न कुछ कमी, बुराई या कठिनाई लगी रहती है।
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