राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 151 कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान के कौन से भागों में ‘Aw’ प्रकार का जलवायु प्रदेश पाया जाता है -
Superintendent Gar. 2021 (GK) -
- (अ) दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी भाग
- (ब) मध्यवर्ती एवं उत्तरी भाग
- (स) उत्तरी एवं उत्तरी-पूर्वी भाग
- (द) पश्चिमी एवं दक्षिणी-पश्चिमी भाग
उत्तर : दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी भाग
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़ (दक्षिणी एवं दक्षिणी-पूर्वी भाग)
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 152 थॉर्नवेट के वर्गीकरण के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन उष्णकटिबंधीय मरुस्थलीय जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है -
Librarian Grade III 2022 (Paper 1) -
- (अ) DA’W
- (ब) EA’d
- (स) DB’W
- (द) CA’w
उत्तर : EA’d
व्याख्या :
थॉर्नवेट के वर्गीकरण के अनुसार, EA’d उष्णकटिबंधीय मरुस्थलीय जलवायु का प्रतिनिधित्व करता है। इस क्षेत्र में गर्म और शुष्क जलवायु होती है, जिसमें हर मौसम में बारिश की कमी होती है। इस क्षेत्र में जेरोफाइटिक वनस्पतियां पाई जाती हैं।
- प्रश्न 153 कोपेन के अनुसार, राजस्थान में कौन सा जलवायु प्रकार उष्ण कटिबंधीय शुष्क (मरुस्थलीय) जलवायु को दर्शाता है -
ASSI. TESTING OFFICER 2021 -
- (अ) Aw
- (ब) Cwg
- (स) Bshw
- (द) Bwhw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 154 सूखे का प्रकार जब किसी क्षेत्र में मौसमी वर्षा दीर्घकालिक औसत से 75 प्रतिशत कम होती है -
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- (अ) मौसमी सूखा
- (ब) जलीय सूखा
- (स) कृषिगत सूखा
- (द) सामाजिक-आर्थिक सूखा
उत्तर : मौसमी सूखा
व्याख्या :
‘सूखे’ की तीन स्थितियाँ होती हैं-
(i) मौसमी सूखाः किसी बड़े क्षेत्र में अपेक्षा से 75% कम वर्षा होने पर उत्पन्न हुई स्थिति।
(ii) जलीय सूखाः जब ‘मौसम विज्ञानी सूखे’ की अवधि अधिक लंबी हो जाती है तो नदियों, तालाब, झीलों जैसे जल क्षेत्र सूखने से यह स्थिति बनती है।
(iii) कृषिगत सूखाः इस स्थिति में फसल के लिये अपेक्षित वर्षा से काफी कम वर्षा होने पर मिट्टी की नमी फसल विकास के लिये अपर्याप्त होती है।
- प्रश्न 155 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण में Bwhw जलवायु प्रदेश की कौन सी एक विशेषता है -
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- (अ) आर्द्र एवं गर्म
- (ब) कम वाष्पीकरण
- (स) शुष्क एवं उष्ण दशाएँ
- (द) कम वर्षा और ठंडी जलवायु दशाएँ
उत्तर : शुष्क एवं उष्ण दशाएँ
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 156 राजस्थान के निम्नलिखित में से कौन से जिले 50 सेमी समवर्षा रेखा के पश्चिम में अवस्थित हैं - नीचे दिये गये कूटों में से सही उत्तर चुनिये :
A. दौसा
B. चुरू
C. हनुमानगढ़
D. भीलवाड़ा -
- (अ) A, B एवं C
- (ब) A, C एवं D
- (स) B एवं D
- (द) B एवं C
उत्तर : B एवं C
व्याख्या :
राजस्थान को 50 सेमी. रेखा दो भागों में बांटती है। 50 सेमी. वर्षा रेखा की उत्तर-पश्चिम में कम होती है। जबकि दक्षिण पूर्व में वर्षा अधिक होती है। यह 50 सेमी. मानक रेखा अरावली पर्वत माला को माना जाता है। चुरू और हनुमानगढ़ 50 सेमी समवर्षा रेखा के पश्चिम में अवस्थित है।
- प्रश्न 157 मौसम विज्ञान के अनुसार सामान्य वर्षा से 51% व अधिक वर्षा में कमी होने पर ____ सूखा कहते हैं।
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- (अ) सामान्य
- (ब) भयंकर
- (स) मध्यम
- (द) नहीं
उत्तर : भयंकर
व्याख्या :
मौसम संबंधी सूखा तब होता है जब शुष्क मौसम का स्वरूप किसी क्षेत्र पर हावी हो जाता है। वर्षा की कमी (RD) के आधार पर इसे आगे तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
RD > 50% - भयंकर सूखा
25% ≤ RD ≤ 50% - मध्यम सूखा
RD < 25% - सूखा
- प्रश्न 158 कोपेन के अनुसार श्रीगंगानगर _________ जलवायु प्रदेश में स्थित है।
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- (अ) Cwg
- (ब) Aw
- (स) BShw
- (द) Bwhw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 159 कोपेन के Aw प्रकार की जलवायु वाला जिला है -
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- (अ) बाँसवाड़ा
- (ब) सीकर
- (स) बाड़मेर
- (द) नागौर
उत्तर : बाँसवाड़ा
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 160 ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में कम वायुदाब का क्षेत्र होता है -
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- (अ) पूर्वीक्षेत्र में
- (ब) उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में
- (स) दक्षिण क्षेत्र में
- (द) उ. पश्चिम क्षेत्र में
उत्तर : उ. पश्चिम क्षेत्र में
व्याख्या :
ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम क्षेत्र क्षेत्र का वायुदाब पूर्वी क्षेत्र से कम होता है। ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाऐं चलती है जिन्हें लू कहते है। इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस निम्न वायुदाब की पूर्ती हेतु दुसरे क्षेत्र से (उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से) तेजी से हवा उठकर आती है जो अपने साथ धुल व मिट्टी उठाकर ले आती है इसे ही आंधी कहते हैं।
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