राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 156 राजस्थान के निम्नलिखित में से कौन से जिले 50 सेमी समवर्षा रेखा के पश्चिम में अवस्थित हैं - नीचे दिये गये कूटों में से सही उत्तर चुनिये :
A. दौसा
B. चुरू
C. हनुमानगढ़
D. भीलवाड़ा -
- (अ) A, B एवं C
- (ब) A, C एवं D
- (स) B एवं D
- (द) B एवं C
उत्तर : B एवं C
व्याख्या :
राजस्थान को 50 सेमी. रेखा दो भागों में बांटती है। 50 सेमी. वर्षा रेखा की उत्तर-पश्चिम में कम होती है। जबकि दक्षिण पूर्व में वर्षा अधिक होती है। यह 50 सेमी. मानक रेखा अरावली पर्वत माला को माना जाता है। चुरू और हनुमानगढ़ 50 सेमी समवर्षा रेखा के पश्चिम में अवस्थित है।
- प्रश्न 157 मौसम विज्ञान के अनुसार सामान्य वर्षा से 51% व अधिक वर्षा में कमी होने पर ____ सूखा कहते हैं।
-
- (अ) सामान्य
- (ब) भयंकर
- (स) मध्यम
- (द) नहीं
उत्तर : भयंकर
व्याख्या :
मौसम संबंधी सूखा तब होता है जब शुष्क मौसम का स्वरूप किसी क्षेत्र पर हावी हो जाता है। वर्षा की कमी (RD) के आधार पर इसे आगे तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
RD > 50% - भयंकर सूखा
25% ≤ RD ≤ 50% - मध्यम सूखा
RD < 25% - सूखा
- प्रश्न 158 कोपेन के अनुसार श्रीगंगानगर _________ जलवायु प्रदेश में स्थित है।
-
- (अ) Cwg
- (ब) Aw
- (स) BShw
- (द) Bwhw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 159 कोपेन के Aw प्रकार की जलवायु वाला जिला है -
-
- (अ) बाँसवाड़ा
- (ब) सीकर
- (स) बाड़मेर
- (द) नागौर
उत्तर : बाँसवाड़ा
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 160 ग्रीष्म ऋतु में राजस्थान में कम वायुदाब का क्षेत्र होता है -
-
- (अ) पूर्वीक्षेत्र में
- (ब) उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में
- (स) दक्षिण क्षेत्र में
- (द) उ. पश्चिम क्षेत्र में
उत्तर : उ. पश्चिम क्षेत्र में
व्याख्या :
ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम क्षेत्र क्षेत्र का वायुदाब पूर्वी क्षेत्र से कम होता है। ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाऐं चलती है जिन्हें लू कहते है। इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस निम्न वायुदाब की पूर्ती हेतु दुसरे क्षेत्र से (उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से) तेजी से हवा उठकर आती है जो अपने साथ धुल व मिट्टी उठाकर ले आती है इसे ही आंधी कहते हैं।
- प्रश्न 161 राजस्थान मरुस्थल में ग्रीष्मकाल की रात्रि में तापमान में आकस्मिक गिरावट होती है, जिसका कारण है :
-
- (अ) वायुमण्डल में उच्च शुष्कता, स्वच्छ आसमान, रेतीली मिट्टी एवं वनस्पति की कमी
- (ब) उच्च वायुमण्डलीय दाब, नम्र चट्टानों की उपस्थिति एवं रेत के टीले का पाया जाना
- (स) झीलों की उपस्थिति, बिखरे अधिवास एवं तीव्र वायु की गति
- (द) निम्न सापेक्षिक आर्द्रता, दिन में अधिक तापमान पचं तेज वायु की गति
उत्तर : वायुमण्डल में उच्च शुष्कता, स्वच्छ आसमान, रेतीली मिट्टी एवं वनस्पति की कमी
व्याख्या :
थार मरुस्थल में दिन और रात के तापमान में बहुत अंतर होता है। गर्मियों में दिन का तापमान 50°C तक हो सकता है, जबकि रात में यह 15°C तक गिर सकता है। तापमान में भारी बदलाव का मुख्य कारण रेगिस्तानी हवा का अत्यधिक शुष्क होना है। विश्व एटलस के अनुसार, हवा में मौजूद जलवाष्प एक विशाल अदृश्य कंबल की तरह जमीन के करीब गर्मी को पकड़ लेता है और इसे वायुमंडल में फैलने से रोकता है।उच्च आर्द्रता वाली हवा को भी गर्म होने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, अर्थात उस ऊर्जा को नष्ट होने और आसपास के वातावरण को ठंडा होने में भी अधिक समय लगता है।इसलिए, रेगिस्तानों में नमी की कमी इन शुष्क स्थानों को जल्दी गर्म होने के साथ-साथ तेजी से ठंडा भी करती है।
- प्रश्न 162 निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए -
कोपेन के जलवायु प्रदेश(A) AW (B) BShw
(C) BWhw (D) Cwg
जिले
(I) बांसवाडा (II) गंगानगर
(III) धौलपुर (IV) सीकर
कूट है - -
- (अ) A-1, B-IV, C-II, D-III
- (ब) A-I, B-IV,C-III, D-II
- (स) A-IV, B-I, C-II, D-III
- (द) A-III, B-IV, C-II, D-I
उत्तर : A-1, B-IV, C-II, D-III
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 163 झालावाड़ और बांसवाड़ा जिले किस जलवायु खण्ड में सम्मिलित है -
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- (अ) आर्द्र प्रदेश
- (ब) अर्द्ध-शुष्क प्रदेश
- (स) अति-आर्द्र प्रदेश
- (द) उप-आर्द्र प्रदेश
उत्तर : अति-आर्द्र प्रदेश
व्याख्या :
द.पू. कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाडा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, द.पू. सलूम्बर तथा माउण्ट आबू क्षेत्र अति-आर्द्र प्रदेश में सम्मिलित है।
- प्रश्न 164 थार्नवेट के वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान के कौनसे जिले DB’w प्रकार की जलवायु में सम्मिलित हैं -
-
- (अ) गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर
- (ब) बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, पाली
- (स) जोधपुर, पाली, नागौर, अजमेर
- (द) सीकर, झुंझुनूँ, नागौर, जयपुर
उत्तर : गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।- CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
- DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
- DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
- EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
- प्रश्न 165 राजस्थान की जलवायु के बारे में निम्नलिखित कथनों को पढ़िए तथा सही कूट चुनिए –
(i) पूर्व से पश्चिम की ओर एवं दक्षिण से उत्तर की ओर वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
(ii) रेत की अधिकता के कारण दैनिक व वार्षिक तापान्तर अधिक पाया जाता है।
(iii) ग्रीष्म ऋतु में उच्च दैनिक तापमान 49°C तक पहुंच जाता है।
कूट – -
- (अ) (i) तथा (ii) सत्य हैं
- (ब) (i) तथा (iii) सत्य हैं
- (स) (ii) तथा (iii) सत्य हैं
- (द) (i), (ii) तथा (iii) सत्य हैं
उत्तर : (i), (ii) तथा (iii) सत्य हैं
व्याख्या :
राजस्थान में वर्षा की मात्रा दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर घटती है। अरब सागरीय मानसुन हवाओं से राज्य के दक्षिण व दक्षिण पूर्वी जिलों में पर्याप्त वर्षा हो जाती है। रेत की अधिकता के कारण राजस्थान का सर्वाधिक दैनिक तापान्तर पश्चिमी क्षेत्र में रहता है। ग्रीष्म ऋतु में उच्च दैनिक तापमान 49°C तक पहुंच जाता है।
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