राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 161 राजस्थान मरुस्थल में ग्रीष्मकाल की रात्रि में तापमान में आकस्मिक गिरावट होती है, जिसका कारण है :
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- (अ) वायुमण्डल में उच्च शुष्कता, स्वच्छ आसमान, रेतीली मिट्टी एवं वनस्पति की कमी
- (ब) उच्च वायुमण्डलीय दाब, नम्र चट्टानों की उपस्थिति एवं रेत के टीले का पाया जाना
- (स) झीलों की उपस्थिति, बिखरे अधिवास एवं तीव्र वायु की गति
- (द) निम्न सापेक्षिक आर्द्रता, दिन में अधिक तापमान पचं तेज वायु की गति
उत्तर : वायुमण्डल में उच्च शुष्कता, स्वच्छ आसमान, रेतीली मिट्टी एवं वनस्पति की कमी
व्याख्या :
थार मरुस्थल में दिन और रात के तापमान में बहुत अंतर होता है। गर्मियों में दिन का तापमान 50°C तक हो सकता है, जबकि रात में यह 15°C तक गिर सकता है। तापमान में भारी बदलाव का मुख्य कारण रेगिस्तानी हवा का अत्यधिक शुष्क होना है। विश्व एटलस के अनुसार, हवा में मौजूद जलवाष्प एक विशाल अदृश्य कंबल की तरह जमीन के करीब गर्मी को पकड़ लेता है और इसे वायुमंडल में फैलने से रोकता है।उच्च आर्द्रता वाली हवा को भी गर्म होने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, अर्थात उस ऊर्जा को नष्ट होने और आसपास के वातावरण को ठंडा होने में भी अधिक समय लगता है।इसलिए, रेगिस्तानों में नमी की कमी इन शुष्क स्थानों को जल्दी गर्म होने के साथ-साथ तेजी से ठंडा भी करती है।
- प्रश्न 162 निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए -
कोपेन के जलवायु प्रदेश(A) AW (B) BShw
(C) BWhw (D) Cwg
जिले
(I) बांसवाडा (II) गंगानगर
(III) धौलपुर (IV) सीकर
कूट है - -
- (अ) A-1, B-IV, C-II, D-III
- (ब) A-I, B-IV,C-III, D-II
- (स) A-IV, B-I, C-II, D-III
- (द) A-III, B-IV, C-II, D-I
उत्तर : A-1, B-IV, C-II, D-III
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 163 झालावाड़ और बांसवाड़ा जिले किस जलवायु खण्ड में सम्मिलित है -
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- (अ) आर्द्र प्रदेश
- (ब) अर्द्ध-शुष्क प्रदेश
- (स) अति-आर्द्र प्रदेश
- (द) उप-आर्द्र प्रदेश
उत्तर : अति-आर्द्र प्रदेश
व्याख्या :
द.पू. कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाडा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, द.पू. सलूम्बर तथा माउण्ट आबू क्षेत्र अति-आर्द्र प्रदेश में सम्मिलित है।
- प्रश्न 164 थार्नवेट के वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान के कौनसे जिले DB’w प्रकार की जलवायु में सम्मिलित हैं -
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- (अ) गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर
- (ब) बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, पाली
- (स) जोधपुर, पाली, नागौर, अजमेर
- (द) सीकर, झुंझुनूँ, नागौर, जयपुर
उत्तर : गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।- CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
- DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
- DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
- EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
- प्रश्न 165 राजस्थान की जलवायु के बारे में निम्नलिखित कथनों को पढ़िए तथा सही कूट चुनिए –
(i) पूर्व से पश्चिम की ओर एवं दक्षिण से उत्तर की ओर वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
(ii) रेत की अधिकता के कारण दैनिक व वार्षिक तापान्तर अधिक पाया जाता है।
(iii) ग्रीष्म ऋतु में उच्च दैनिक तापमान 49°C तक पहुंच जाता है।
कूट – -
- (अ) (i) तथा (ii) सत्य हैं
- (ब) (i) तथा (iii) सत्य हैं
- (स) (ii) तथा (iii) सत्य हैं
- (द) (i), (ii) तथा (iii) सत्य हैं
उत्तर : (i), (ii) तथा (iii) सत्य हैं
व्याख्या :
राजस्थान में वर्षा की मात्रा दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर घटती है। अरब सागरीय मानसुन हवाओं से राज्य के दक्षिण व दक्षिण पूर्वी जिलों में पर्याप्त वर्षा हो जाती है। रेत की अधिकता के कारण राजस्थान का सर्वाधिक दैनिक तापान्तर पश्चिमी क्षेत्र में रहता है। ग्रीष्म ऋतु में उच्च दैनिक तापमान 49°C तक पहुंच जाता है।
- प्रश्न 166 कौनसा युग्म सही सुमेलित नहीं है -
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- (अ) Aw – सीकर, चूरू
- (ब) Bshw- बाड़मेर, जालौर
- (स) Bwhw – जैसलमेर, पश्चिमी बीकानेर
- (द) Cwg -अरावली के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र
उत्तर : Aw – सीकर, चूरू
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 167 कोपेन वर्गीकरण के अनुसार राजस्थान के जलवायु कौनसे जिले ‘Aw’ प्रकार की जलवायु में सम्मिलित है -
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- (अ) उदयपुर - सिरोही - जालौर - राजसमन्द
- (ब) जयपुर - अलवर - दौसा - भरतपुर
- (स) बांसवाड़ा - डूंगरपुर - झालावाड़ - प्रतापगढ़
- (द) कोटा - बूंदी - झालावाड़ - सवाई माधोपुर
उत्तर : बांसवाड़ा - डूंगरपुर - झालावाड़ - प्रतापगढ़
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 168 निम्नलिखित में से राजस्थान के किन जिलों में उप आर्द्र जलवायु पायी जाती है -
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- (अ) गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, चूरू
- (ब) उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़
- (स) कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़
- (द) जयपुर, अजमेर, अलवर, टोंक
उत्तर : जयपुर, अजमेर, अलवर, टोंक
व्याख्या :
अलवर, जयपुर, अजमेर, पाली, जालौर, नागौर, डीडवाना कुचामन व झुझुनू का पूर्वी भाग तथा डीग, दौसा, टोंक, केकड़ी, भीलवाड़ा व सिरोही का उत्तरी-पश्चिमी भाग में उप आर्द्र जलवायु पायी जाती है।
- प्रश्न 169 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, राजस्थान में ‘Cwg’ जलवायु पाई जाती है -
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- (अ) शुष्क प्रदेश में
- (ब) अर्द्ध शुष्क प्रदेश में
- (स) दक्षिणी-पूर्वी प्रदेश में
- (द) हाड़ौती पठारी प्रदेश में
उत्तर : दक्षिणी-पूर्वी प्रदेश में
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 170 राजस्थान में शीतकालीन वर्षा उन चक्रवातों के परिणाम स्वरूप होती है, जो ____ में उत्पन्न होते हैं।
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- (अ) लाल सागर
- (ब) अरब सागर
- (स) भूमध्य सागर
- (द) काला सागर
उत्तर : भूमध्य सागर
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है।
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