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राजस्थान की मिट्टियाँ

प्रश्न 178 नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन (I): लाल पीली मिट्टी सवाई माधोपुर, सिरोही, राजसमंद, उदयपुर और भीलवाड़ा ज़िलों के हिस्सों में पाई जाती है।
कथन (II): लाल पीली मिट्टी मूंगफली और कपास की खेती के लिए उपयुक्त है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें।

CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-1
  • (अ) कथन (I) सही है लेकिन कथन (II) गलत है।
  • (ब) कथन (I) गलत है लेकिन कथन (II) सही है।
  • (स) कथन (I) और कथन (II) दोनों सही हैं।
  • (द) कथन (I) और कथन (II) दोनों ही गलत हैं।
उत्तर : कथन (I) और कथन (II) दोनों ही गलत हैं।
व्याख्या :
कार्बोनेट व ह्यूमस की कमी वाली लाल व पीली मृदा का वितरण राजस्थान में सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, पाली और सिरोही जिलों में मिलता है। इन मृदाओं का लाल व पीला, भूरा रंग लौह ऑक्साइड के जलयोजन की उच्च मात्रा के कारण है। इसमें कैल्शियम कार्बोनेट की नगण्यता एवं नाइट्रोजन एवं जैविक कारकों की अलपता होती हैं। यह कपास और मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।
प्रश्न 179 नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन (I) : फॉस्फेट की चट्टानें अधिकांशतः सुपरफॉस्फेट के निर्माण में प्रयोग की जाती हैं, जो कि फसलों, फलों और फूलों के पोषण में प्रयोग होती हैं।
कथन (II) : फॉस्फेट चट्टानें मैटॉन, करबारिया-का-गुरहा, कानपुर, डाकन कोटरा और नीमच पहाड़ियों में स्थित है। ये सभी उदयपुर और जैसलमेर इलाकों के पास प्री-कैम्ब्रियन युग की अरावली संरचना है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नोचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर चुनें।

CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-2
  • (अ) कथन (I) गलत है लेकिन कथन (II) सही है।
  • (ब) कथन (I) और कथन (II) दोनों सही हैं।
  • (स) कथन (I) और कथन (II) दोनों गलत हैं।
  • (द) कथन (I) सही है लेकिन कथन (II) गलत है।
उत्तर : कथन (I) और कथन (II) दोनों सही हैं।
व्याख्या :
फॉस्फेट चट्टानों का उपयोग सुपरफॉस्फेट बनाने में किया जाता है और ये राजस्थान के उदयपुर और जैसलमेर क्षेत्र में प्री-कैम्ब्रियन युग की संरचनाओं में पाई जाती हैं।
प्रश्न 180 नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन-I : जलोढ़ मृदा राजस्थान के पश्चिमी मरुस्थलीय मैदान में पाई जाती है।
कथन- II : इस मिट्टी में नाइट्रोजन पर्याप्त मात्रा में होती है लेकिन पोटाश और लौह तत्व की कमी होती है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें :

CET 2024 (12th Level) 22 October Shift-I
  • (अ) कथन I और कथन II दोनों गलत हैं।
  • (ब) कथन I सही है किन्तु कथन II गलत है।
  • (स) कथन I गलत है किन्तु कथन II सही है।
  • (द) कथन I और कथन II दोनों सही हैं।
उत्तर : कथन I और कथन II दोनों गलत हैं।
व्याख्या :
जलोढ़ मृदा राजस्थान के पूर्वी भाग में पाई जाती है, न कि पश्चिमी मरुस्थलीय मैदान में। इसके अलावा, इसमें नाइट्रोजन की कमी होती है।
प्रश्न 181 नीचे लेटेराइट मिट्टी के बारे में दो कथन दिए गए हैं :
कथन -I: लेटेराइट मिट्टी डरंगरपुर, उदयपुर के मध्य और दक्षिणी भाग और राजसमंद क्षेत्रों में पाई जाती है।
कथन-II: लोहे (आयरन) की उपस्थिति के कारण यह लाल दिखती है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें:

CET 2024 (12th Level) 22 October Shift-II
  • (अ) कथन I सत्य है, किन्तु कथन II असत्य है।
  • (ब) कथन I असत्य है, किन्तु कथन II सत्य है।
  • (स) कथन I और II दोनों सत्य हैं।
  • (द) कथन I और II दोनों असत्य हैं।
उत्तर : कथन I और II दोनों सत्य हैं।
व्याख्या :
लेटेराइट मिट्टी डरंगरपुर, उदयपुर और राजसमंद में पाई जाती है और इसमें लोहे की अधिकता के कारण यह लाल दिखती है।
प्रश्न 182 राजस्थान में जलोढ़ मृदा के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-I
  • (अ) यह मृदा राजस्थान के उत्तरी एवं पूर्वी जिलों में पाई जाती है।
  • (ब) इसका रंग हल्का भूरा लाल है और इसका गठन बलुई दुमट है।
  • (स) यह एक उपजाऊ मृदा है।
  • (द) इस मृदा में नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा होती है।
उत्तर : इस मृदा में नाइट्रोजन की पर्याप्त मात्रा होती है।
व्याख्या :
जलोढ़ मृदा राजस्थान के उत्तरी और पूर्वी जिलों में पाई जाती है। यह मृदा उपजाऊ होती है, लेकिन इसमें नाइट्रोजन की कमी होती है।
प्रश्न 183 मरुस्थलीय मृदा के बारे में सबसे असत्य कथन का चयन करें -
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-II
  • (अ) बेर, सहजन तथा करौंदा मरुस्थलीय मृदा के सुधार में उत्तम माने जाते हैं।
  • (ब) मरुस्थलीय मृदा पूर्वी राजस्थान में पायी जाती है।
  • (स) मरुस्थलीय मृदा पवनों के द्वारा विस्थापित हो जाती है।
  • (द) इसमें उर्वरता की कमी लेकिन अधिक लवणता बनी रहती है।
उत्तर : मरुस्थलीय मृदा पूर्वी राजस्थान में पायी जाती है।
व्याख्या :
मरुस्थलीय मृदा मुख्य रूप से पश्चिमी राजस्थान में पाई जाती है, न कि पूर्वी राजस्थान में।
प्रश्न 184 नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन-I: काली मिट्टी राजस्थान के कोटा, बूंदी, बाराँ और झालावाड़ जिलों में पाई जाती है।
कथन- II : काली मिट्दी में नाइट्रोजन तो पर्याप्त मात्रा में होती है परन्तु कैल्शियम की कमी होती है।
उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें :

CET 2024 (12th Level) 24 October Shift-I
  • (अ) कथन I सत्य है, किन्तु कथन II असत्य है।
  • (ब) कथन I असत्य हैं, किन्तु कथन II सत्य है।
  • (स) कथन I और II दोनों सत्य हैं।
  • (द) कथन I और II दोनों असत्य हैं।
उत्तर : कथन I सत्य है, किन्तु कथन II असत्य है।
व्याख्या :
काली मिट्टी इन जिलों में पाई जाती है, लेकिन इसमें नाइट्रोजन की कमी होती है। इसमें आयरन, चूना, एल्युमीनियम जीवांश और मैग्नीशियम की बहुलता होती है।
प्रश्न 185 निम्नलिखित में से किस ज़िले में प्रधानतः जलोढ मृदा नहीं है -
Junior Instructor(CLIT) Exam 2024
  • (अ) धौलपुर
  • (ब) बीकानेर
  • (स) श्री गंगानगर
  • (द) हनुमानगढ
उत्तर : बीकानेर
व्याख्या :
बीकानेर क्षेत्र में मुख्य रूप से मरुस्थलीय रेतीली मृदा पाई जाती है, जबकि जलोढ़ मृदा गंगा और घग्घर नदी के किनारे (जैसे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़) अधिक मिलती है।
प्रश्न 186 भूरी मृदाएँ मुख्यतः निम्न में पाई जाती हैं - (निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें)
1. टोंक में 2. भीलवाड़ा में
3. बूंदी में 4. उदयपुर में

Junior Instructor (EC) Exam 2024
  • (अ) केवल 1, 2 व 4
  • (ब) केवल 1, 3 व 4
  • (स) केवल 2, 3 व 4
  • (द) सभी 1, 2, 3 व 4
उत्तर : सभी 1, 2, 3 व 4
व्याख्या :
भूरी मिट्टी का जमाव विशेषतः बनास व उसकी सहायक नदियों के प्रवाह क्षेत्र में पाया जाता है। राजस्थान में भूरी मिट्टीयुक्त क्षेत्र अरावली के पूर्वी भाग में माना जाता है। भूरी मिट्टी में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस लवणों का अभाव होता है। भूरी मिट्टी राज्य के टोंक, सवाई माधोपुर, बूँदी, भीलवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद व चित्तौड़गढ़ जिलों में पाई जाती है।
प्रश्न 187 दोमट मृदा में _____ कमी होती है।
Junior Instructor (ED) Exam 2024
  • (अ) फास्फेट की
  • (ब) पोटाश की
  • (स) नाइट्रोजन की
  • (द) सिलिका की
उत्तर : नाइट्रोजन की
व्याख्या :
दोमट या दोमट मिट्टी रेत, गाद और चिकनी मिट्टी से बनी होती है। रेतीली मिट्टी की तुलना में दोमट मिट्टी में अधिक खाद (ह्यूमस), पोषक तत्व और नमी होती हैं। दोमट मृदा में जल धारण करने की क्षमता अच्छी होती है, लेकिन इसमें नाइट्रोजन की कमी पाई जाती है।

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