राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 181 कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार, निम्नलिखित में से किस जिले में ‘Aw’ प्रकार की जलवायु नहीं पायी जाती है -
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- (अ) झालावाड़
- (ब) बांसवाड़ा
- (स) चित्तौड़गढ़
- (द) सिरोही
उत्तर : सिरोही
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 182 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, गंगानगर जिले में किस प्रकार की जलवायु पायी जाती है -
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- (अ) Bshw
- (ब) Bwhw
- (स) Aw
- (द) Cwg
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया। कोपेन जलवायु वर्गीकरण राजस्थान के संबंध में जलवायु को चार मुख्य जलवायु समूहों में विभाजित करता है, प्रत्येक समूह को वनस्पति के आधार पर विभाजित किया गया है।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 183 Bwhw जलवायु प्रदेश में कौनसे जिले आते हैं -
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- (अ) जयपुर, दौसा, अलवर
- (ब) जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर
- (स) कोटा, बूंदी, झालावाड़
- (द) नागौर, पाली, जालौर
उत्तर : जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर
व्याख्या :
डा.ब्लादीमीर कोपेन जर्मनी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सर्वप्रथम 1918 में विश्व की जलवायु का वर्गीकरण किया। कोपेन जलवायु वर्गीकरण राजस्थान के संबंध में जलवायु को चार मुख्य जलवायु समूहों में विभाजित करता है, प्रत्येक समूह को वनस्पति के आधार पर विभाजित किया गया है।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 184 थार्नवेट के अनुसार, DA’w जलवायु प्रदेश के अंतर्गत निम्न में से कौन से जिले आते हैं -
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- (अ) सिरोही, पाली, अजमेर
- (ब) गंगानगर, जयपुर
- (स) बीकानेर, चूरू
- (द) जोधपुर, कोटा
उत्तर : सिरोही, पाली, अजमेर
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।- CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
- DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
- DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
- EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
- प्रश्न 185 Bwhw से अभिप्राय है -
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- (अ) शुष्क शीतऋतु जलवायु
- (ब) शुष्क उष्ण मरुस्थली जलवायु
- (स) आर्द्र जलवायु
- (द) अति आर्द्र जलवायु
उत्तर : शुष्क उष्ण मरुस्थली जलवायु
व्याख्या :
कोपेन जलवायु वर्गीकरण राजस्थान के संबंध में जलवायु को चार मुख्य जलवायु समूहों में विभाजित करता है, प्रत्येक समूह को वनस्पति के आधार पर विभाजित किया गया है।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश - डूंगरपुर, सलूम्बर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा व दक्षिणी चित्तौड़ तथा झालावाड़
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - अरावली के पश्चिम का क्षेत्र
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश - जैसलमेर, फलौदी, बीकानेर, अनुपगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चूरू जिले का कुछ क्षेत्र
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश - पूर्वी और मध्य राजस्थान का अरावली से पूर्व का भाग
- प्रश्न 186 किसी भी क्षेत्र को न्यूनतम सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के लिए कितनी वार्षिक, वर्षा की मात्रा होनी चाहिए -
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- (अ) 70 से 100 से.मी.
- (ब) 40 से 50 से.मी.
- (स) 60 से 80 से.मी.
- (द) 30 से 40 से.मी.
उत्तर : 70 से 100 से.मी.
व्याख्या :
न्यूनतम सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के लिए वार्षिक 70 से 100 से.मी. वर्षा की मात्रा होनी चाहिए।
- प्रश्न 187 राज्य के किस जिले में वर्षा के वितरण में सर्वाधिक वर्षा - परिसर देखने को मिलता है -
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- (अ) राजसमन्द
- (ब) सिरोही
- (स) अलवर
- (द) कोटा
उत्तर : कोटा
व्याख्या :
उपरोक्त जिलों में कोटा में सर्वाधिक वर्षा देखने को मिलती है। कोटा आर्द्र से अतिआर्द्र जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आता है।
- प्रश्न 188 निम्नलिखित में से राजस्थान का कौन सा क्षेत्र मानसून के अरब सागर शाखा से अधिकतम वर्षा प्राप्त करता है -
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- (अ) उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र
- (ब) पूर्वी क्षेत्र
- (स) मध्य अरावली
- (द) दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र
उत्तर : दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र
व्याख्या :
अरब सागरीय मानसुन हवाओं से राज्य के दक्षिण व दक्षिण पूर्वी जिलों में पर्याप्त वर्षा हो जाती है। राजस्थान में सर्वप्रथम अरबसागर का मानसून प्रवेश करता है। यह मानसून राजस्थान के दक्षिणी-पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है यह मानसून राजस्थान में अधिक वर्षा नहीं कर पाता क्योंकि यह अरावली पर्वतमाला के समान्तर निकल जाता है।
- प्रश्न 189 जून से सितम्बर माह में वर्षा में अधिकतम भिन्नता ______ जिले में अभिलिखित की जाती है।
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- (अ) जैसलमेर
- (ब) बीकानेर
- (स) श्रीगंगानगर
- (द) जालौर
उत्तर : जैसलमेर
व्याख्या :
राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा की विषमता वाला जिला - बाड़मेर और जैसलमेर
- प्रश्न 190 राजस्थान में दक्षिण-पश्चिमी मानसून ऋतु की अवधि रहती है-
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- (अ) जून से सितम्बर
- (ब) जुलाई से अक्टूबर
- (स) मई से सितम्बर
- (द) जून से अक्टूबर
उत्तर : जून से सितम्बर
व्याख्या :
राजस्थान में मध्य जून से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है।
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