राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 21 राजस्थान के किस जिले में वार्षिक वर्षा में विषमता का प्रतिशत सर्वाधिक है -
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- (अ) जयपुर
- (ब) अजमेर
- (स) जैसलमेर
- (द) जोधपुर
उत्तर : जैसलमेर
व्याख्या :
राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा की विषमता वाला जिला - बाड़मेर और जैसलमेर
- प्रश्न 22 राजस्थान में हवाएं किस दिशा में प्रायः प्रवाहित होती हैं-
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- (अ) पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर
- (ब) उत्तर-पूर्व से दक्षिण की ओर
- (स) उतर-पश्चिम और पश्चिम की ओर
- (द) उत्तर-पश्चिम और उत्तर की ओर
उत्तर : उतर-पश्चिम और पश्चिम की ओर
व्याख्या :
राज्य में हवाएं प्राय पश्चिम और उतर-पश्चिम की ओर चलती है।
- प्रश्न 23 राजस्थान में दिन के प्रकाश की सर्वाधिक लम्बी अवधि निम्नलिखित में से किस दिन रहती है-
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- (अ) 12 फरवरी
- (ब) 23 मार्च
- (स) 21 जून
- (द) 15 नवम्बर
उत्तर : 21 जून
व्याख्या :
पृथ्वी के परिक्रमण काल में 21 जून को कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें लम्बवत् रहती है फलस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बड़े व रातें छोटी होती है। इस दौरान राजस्थान में दिन के प्रकाश की सर्वाधिक लम्बी अवधि रहती है।
- प्रश्न 24 पूर्वी राजस्थान की जलवायु क्या है-
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- (अ) शुष्क
- (ब) उष्ण
- (स) आर्द्र
- (द) उप-आर्द्र
उत्तर : आर्द्र
व्याख्या :
पूर्वी राजस्थान के हिस्सों में आर्द्र जलवायु परिस्थितियों का अनुभव किया जाता है।
- प्रश्न 25 राजस्थान में बहुधा सुखा एवं अकाल पड़ने का आधारभूत कारण है -
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- (अ) अरावली का दक्षिण-पश्चिम से उतर-पूर्व की ओर प्रसार
- (ब) मिट्टी एवं वनों का अवक्रमण
- (स) अनिश्ति वर्षा
- (द) विवेकहीन एवं अवैज्ञानिक ढंग से पानी का उपयोग
उत्तर : अरावली का दक्षिण-पश्चिम से उतर-पूर्व की ओर प्रसार
व्याख्या :
अरावली पर्वत श्रेणीयों ने जलवायु कि दृष्टि से राजस्थान को दो भागों में विभक्त कर दिया है। अरावली पर्वत श्रेणीयां मानसुनी हवाओं के चलने कि दिशाओं के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधक नहीं बन पाती अतः मानसुनी पवनें सीधी निकल जाती है और वर्षा नहीं करा पाती। इस प्रकार पश्चिमी क्षेत्र अरावली का दृष्टि छाया प्रदेश होने के कारण अल्प वर्षा प्राप्त करताह है।
राजस्थान में अरावली पर्वतमाला का विस्तार दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व कि ओर है यदि राज्य में अरावली का विस्तार उत्तरी-पश्चिमी से दक्षिणी-पूर्व कि ओर होता तो राजस्थान में सर्वाधिक क्षेत्र में वर्षा होती।
- प्रश्न 26 निम्न में से राजस्थान के किस भाग में सर्वाधिक वर्षा का परिवर्तिता पाई जाती है-
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- (अ) सुदूर पश्चिमी भाग
- (ब) दक्षिणी भाग
- (स) उत्तरी भाग
- (द) उत्तर-पूर्वी भाग
उत्तर : सुदूर पश्चिमी भाग
व्याख्या :
अरावली पर्वत श्रेणीयों ने जलवायु कि दृष्टि से राजस्थान को दो भागों में विभक्त कर दिया है। अरावली पर्वत श्रेणीयां मानसुनी हवाओं के चलने कि दिशाओं के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधक नहीं बन पाती अतः मानसुनी पवनें सीधी निकल जाती है और वर्षा नहीं करा पाती। इस प्रकार पश्चिमी क्षेत्र अरावली का दृष्टि छाया प्रदेश होने के कारण अल्प वर्षा प्राप्त करताह है।
- प्रश्न 27 राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण स्थित है-
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- (अ) पूना
- (ब) दिल्ली
- (स) मुम्बई
- (द) जोधपुर
उत्तर : दिल्ली
व्याख्या :
3 नवंबर, 2006 को केंद्र सरकार ने दिल्ली में राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण की स्थापना की। कृषि मंत्रालय ने देश की शुष्क भूमि और वर्षा आधारित कृषि के व्यवस्थित प्रबंधन और सुधार के बारे में आवश्यक सूचना इनपुट देने के लिए NRAA को एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में बनाया।
- प्रश्न 28 कोपेन द्वारा प्रस्तुत जलवायु प्रदेशों में से राजस्थान में कौन-सा सुमेलित नहीं है-
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- (अ) Aw-दक्षिणी राजस्थान
- (ब) Cwg-उत्तरी राजस्थान
- (स) BWhw-शुष्क मरूस्थल
- (द) BShw-अर्द्ध शुष्क मरूस्थल
उत्तर : Cwg-उत्तरी राजस्थान
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 29 वर्षा ऋतु में मानसून हवाओं की दिशा होती है-
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- (अ) दक्षिण से उत्तर
- (ब) दक्षिण पश्चिमी से उत्तर पूर्व
- (स) उत्तर से दक्षिण
- (द) उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम
उत्तर : दक्षिण पश्चिमी से उत्तर पूर्व
व्याख्या :
राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं से होती है तथा दुसरा स्थान बंगाल की खाड़ी का मानसून, तीसरा स्थान अरबसागर के मानसून, अन्तिम स्थान भूमध्यसागर के मानसून का है।
- प्रश्न 30 वर्षा को जलवायु प्रदेश के वर्गीकरण का आधार माना है-
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- (अ) केन्ड्रयू
- (ब) ट्रिवार्था
- (स) थार्नवेट
- (द) कोपेन
उत्तर : थार्नवेट
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।
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