राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 31 BWhw से अभिप्राय है
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- (अ) शुष्क शीत जलवायु
- (ब) शुष्क उष्णाकटिबंधीय मरूस्थल
- (स) आर्द्र
- (द) अति आर्द्र
उत्तर : शुष्क उष्णाकटिबंधीय मरूस्थल
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 32 राजस्थान में जून माह में न्यूनतम वायुदाब जिस जिले में सम्भावित है, वह है-
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- (अ) बून्दी
- (ब) बारां
- (स) जैसलमेर
- (द) राजसमन्द
उत्तर : जैसलमेर
व्याख्या :
ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाऐं चलती है जिन्हें लू कहते है। इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस निम्न वायुदाब की पूर्ती हेतु दुसरे क्षेत्र से (उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से) तेजी से हवा उठकर आती है जो अपने साथ धुल व मिट्टी उठाकर ले आती है इसे ही आंधी कहते हैं। जैसलमेर जिले में जून माह में न्यूनतम वायुदाब की स्थिती बनती है।
- प्रश्न 33 सामान्यतया राजस्थान को कितने जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है-
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- (अ) पांच
- (ब) छः
- (स) सात
- (द) आठ
उत्तर : पांच
व्याख्या :
राजस्थान को जलवायु की दृष्टि से पांच भागों में बांटा है।- शुष्क जलवायु प्रदेश(0-20 सेमी.)
- अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश(20-40 सेमी.)
- उपआर्द्र जलवायु प्रदेश(40-60 सेमी.)
- आर्द्र जलवायु प्रदेश(60-80 सेमी.)
- अति आर्द्र जलवायु प्रदेश(80-100 सेमी.)
- प्रश्न 34 राजस्थान को दो भागों में बांटने वाली समवर्षा रेखा है-
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- (अ) 25 सेमी.
- (ब) 50 सेमी.
- (स) 100 सेमी.
- (द) 150 सेमी.
उत्तर : 50 सेमी.
व्याख्या :
राजस्थान को 50 सेमी. रेखा दो भागों में बांटती है। 50 सेमी. वर्षा रेखा की उत्तर-पश्चिम में कम होती है। जबकि दक्षिण पूर्व में वर्षा अधिक होती है। 50 सेमी. मानक रेखा अरावली पर्वत माला को माना जाता है।
- प्रश्न 35 निम्न कथनों पर विचार कीजिये-
- राजस्थान में वर्षा दक्षिण और दक्षिण-पूर्व से उत्तर और उत्तर-पश्चिम में घटती जाती है।
- मानसून की अरब सागरीय शाखा राजस्थान में वर्षा का प्रमुख स्त्रोत है।
- पश्चिमी राजस्थान केवल शीत काल में वर्षा प्राप्त करता है।
- राजस्थान का 50 प्रतिशत भाग शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क जलवायु का है।
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- (अ) 1 व 2
- (ब) 1, 2 व 3
- (स) 1, 2 व 4
- (द) 3 व 4
उत्तर : 1, 2 व 4
व्याख्या :
राजस्थान में मध्य जून से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है। राजस्थान में सर्वप्रथम अरबसागर का मानसून प्रवेश करता है। राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं से होती है तथा दुसरा स्थान बंगाल की खाड़ी का मानसून, तीसरा स्थान अरबसागर के मानसून, अन्तिम स्थान भूमध्यसागर के मानसून का है। राजस्थान में वर्षा की मात्रा दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर घटती है। अरब सागरीय मानसुन हवाओं से राज्य के दक्षिण व दक्षिण पूर्वी जिलों में पर्याप्त वर्षा हो जाती है।
- प्रश्न 36 शीतकाल में पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा का राजस्थान में नाम है-
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- (अ) काल बरखा
- (ब) आम्र वर्षा
- (स) मावठ
- (द) पावस
उत्तर : मावठ
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है। इन वर्षा कि बूदों को गोल्डन ड्रोप्स या सोने कि बुंद के उप नाम से जाना जाता है।
- प्रश्न 37 राजस्थान के उष्ण मरूस्थली जलवायु के लिए कोपेन ने किस कूट का प्रयोग किया-
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- (अ) Bshw
- (ब) Cwg
- (स) Aw
- (द) Bwhw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 38
राजस्थान के उक्त मानचित्र में कोपेन के जलवायु प्रदेशों को (i), (ii), (iii) और (iv) से अंकित किया गया है। नीचे दी गई क्रमावली से इनका सही अनुक्रम पहचानिए- -
- (अ) BWhw, BShw, Cwg, Aw
- (ब) Aw, Cwg, BShw, BWhw
- (स) BShw, BWhw, Aw, Cwg
- (द) Cwg, BWhw, BShw, Aw
उत्तर : BWhw, BShw, Cwg, Aw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 39 राजस्थान में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी ग्रीष्मकालीन मानसूनी पवनें किस महासागर से आती है-
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- (अ) प्रशांत महासागर
- (ब) हिन्द महासागर
- (स) अटलांटिक महासागर
- (द) आर्कटिक महासागर
उत्तर : हिन्द महासागर
व्याख्या :
राजस्थान में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी ग्रीष्मकालीन मानसूनी पवनें हिंद महासागर से आती हैं। ये पवनें दक्षिण-पश्चिमी मानसून के रूप में उत्पन्न होती हैं। ये पवनें दो शाखाओं में राज्य में प्रवेश करती हैं:- बंगाल की खाड़ी की शाखा
- अरब सागर की शाखा
- प्रश्न 40 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार निम्नलिखित में से किन जिलों में BShw प्रकार का जलवायु पाई जाती है -
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- (अ) बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर
- (ब) भीलवाड़ा, नागौर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
- (स) झालावाड़, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, बारा
- (द) जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर
उत्तर : बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
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