राजस्थान का भौतिक स्वरूप
- प्रश्न 31 जलोढ़ व दोमट मिटी मुख्य रूप से राज्य के किस भौगोलिक प्रदेश में मिलती है-
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- (अ) मघ्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश
- (ब) दक्षिण-पूर्वी पठारी भाग
- (स) पूर्वी मैदानी भाग
- (द) उक्त सभी में
उत्तर : पूर्वी मैदानी भाग
व्याख्या :
पूर्वी मैदानी भाग अरावली पर्वत माला के पूर्व में स्थित है। राजस्थान प्रदेश का पूर्वी हिस्सा एक समतल मैदान के रूप में विस्तृत है। यह मैदान पश्चिम से पूर्व की 50 से.मी. की समवर्षा रेखा द्वारा विभाजित है। इस क्षेत्र में भरतपुर, अलवर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, जयुपर, दौसा, टोंक, गंगापुर सिटी, डीग, शाहपुरा, भीलवाडा तथा दक्षिण की ओर से चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाडा और प्रतापगढ जिलों के मैदानी भाग सम्मिलित है। यह मैदान नदी बेसिन प्रदेश है जो गंगा व यमुना नदियों द्वारा निर्मित मैदान है। जलोढ़ मिट्टी वह मिट्टी होती है जिसे नदियां बहा कर लाती हैं। इस मिट्टी में नाइट्रोजन और पोटाश की मात्रा कम होती है लेकिन फॉस्फोरस और ह्यूमस की अधिकता होती है।
- प्रश्न 32 राज्य के पूर्वी मैदानी भाग में वर्षा का वार्षिक ओसत है-
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- (अ) 40 से 60 सेमी.
- (ब) 60 से 80 सेमी.
- (स) 30 से 50 सेमी.
- (द) 50 से 80 सेमी.
उत्तर : 50 से 80 सेमी.
व्याख्या :
पूर्वी मैदानी भाग अरावली पर्वत माला के पूर्व में स्थित है। राजस्थान प्रदेश का पूर्वी हिस्सा एक समतल मैदान के रूप में विस्तृत है। यह मैदान पश्चिम से पूर्व की 50 से.मी. की समवर्षा रेखा द्वारा विभाजित है। इस क्षेत्र में भरतपुर, अलवर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, जयुपर, दौसा, टोंक, गंगापुर सिटी, डीग, शाहपुरा, भीलवाडा तथा दक्षिण की ओर से चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाडा और प्रतापगढ जिलों के मैदानी भाग सम्मिलित है। यह मैदान नदी बेसिन प्रदेश है जो गंगा व यमुना नदियों द्वारा निर्मित मैदान है।
- प्रश्न 33 काली मिटी राज्य के कौनसे भौतिक विभाग की विशेषता है-
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- (अ) द. पुर्वी पठारी भाग
- (ब) लुनी बेसिन
- (स) पूर्वी मैदानी क्षैत्र
- (द) अरावली पहाड़ी प्रदेश
उत्तर : द. पुर्वी पठारी भाग
व्याख्या :
दक्षिण-पूर्व का पठारी भाग में राज्य के चार जिले कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़ सम्मिलित है। इस पठारी भग की प्रमुख नदी चम्बल नदी है और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिद्ध, परवन, निवाजइत्यादि भी इस पठारी भाग की नदीयां है। इस क्षेत्र में वर्षा का औसत 80 से 100 से.मी. वार्षिक है। राजस्थान का झालावाड़ जिला राज्य का सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला जिला है और यह राज्य का एकमात्र अति आर्द्र जिला है। इस क्षेत्र में मध्यम काली मिट्टी की अधिकता है।
- प्रश्न 34 80 से 120 सेमी. औसत वर्षा वाला भौतिक भाग है-
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- (अ) द. पुर्वी पठारी भाग
- (ब) पूर्वी मैदानी क्षैत्र
- (स) लुनी बेसिन
- (द) अरावली पहाड़ी प्रदेश
उत्तर : द. पुर्वी पठारी भाग
व्याख्या :
दक्षिण-पूर्व का पठारी भाग में राज्य के चार जिले कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़ सम्मिलित है। इस पठारी भग की प्रमुख नदी चम्बल नदी है और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिद्ध, परवन, निवाजइत्यादि भी इस पठारी भाग की नदीयां है। इस क्षेत्र में वर्षा का औसत 80 से 100 से.मी. वार्षिक है। राजस्थान का झालावाड़ जिला राज्य का सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला जिला है और यह राज्य का एकमात्र अति आर्द्र जिला है। इस क्षेत्र में मध्यम काली मिट्टी की अधिकता है।
- प्रश्न 35 अरावली पर्वतमाला दक्षिण में कहाँ से प्रारंभ होती है-
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- (अ) खेड़ब्रह्ममस(पालनपुर)
- (ब) मेहसाणा(गुजरात)
- (स) दाहोदा(गुजरात)
- (द) माउण्ट आबू(सिराही)
उत्तर : खेड़ब्रह्ममस(पालनपुर)
व्याख्या :
राज्य के मध्य अरावली पर्वत माला स्थित है। यह विश्व की प्राचीनतम वलित पर्वत माला है। यह पर्वत श्रृंखला श्री केम्ब्रियन (पोलियोजोइक) युग की है। यह पर्वत श्रृखला दंिक्षण-पश्चिम से उतर-पूर्व की ओर है। इस पर्वत श्रृंखला की चैडाई व ऊंचाई दक्षिण -पश्चिम में अधिक है। जो धीरे -धीरे उत्तर-पूर्व में कम होती जाती है। यह दक्षिण -पश्चिम में गुजरात के पालनपुर से प्रारम्भ होकर उत्तर-पूर्व में दिल्ली तक लम्बी है। जबकि राजस्थान में यह श्रंृखला खेडब्रहमा (सिरोही) से खेतड़ी (नीम का थाना) तक 550 कि.मी. लम्बी है जो कुल पर्वत श्रृंखला का 80 प्रतिशत है।
- प्रश्न 36 लाठी सीरीज क्या है-
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- (अ) भूमिगत जल पट्टी
- (ब) वन संरक्षण कार्यक्रम
- (स) सेवण घास पट्टी
- (द) उपयुक्त सभी
उत्तर : भूमिगत जल पट्टी
व्याख्या :
जैसलमेर से पोकरण और मोहनगढ़ तक (60km) पाकिस्तानी सीमा के सहारे सहारे एक भूगर्भीय जल की चौड़ी पट्टी जिसे लाठी सीरीज क्षेत्र कहा जाता है, जहां ‘चंदन नलकूप’ पेयजल आपूर्ति के कारण ‘थार का घड़ा’ कहलाता है। लाठी सिरीज़ क्षेत्र में भूमिगत जल भंडार के कारण विकसित वनस्पति आवरण (सेवण घास) को नखलिस्तान(Oasis) कहते हैं।
- प्रश्न 37 अरावली पर्वत के संबंध में गलत तथ्य की पहचान करें-
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- (अ) यह विश्व के प्राचीनतम पर्वतों में से एक है
- (ब) इसकी कुल लंबाई 820 किमी. है
- (स) इसका अधिकांश विस्तार राज्य में है
- (द) इसकी सबसे ऊंची चोटी गुरूशिखर है
उत्तर : इसकी कुल लंबाई 820 किमी. है
व्याख्या :
राज्य के मध्य अरावली पर्वत माला स्थित है। यह विश्व की प्राचीनतम वलित पर्वत माला है। यह पर्वत श्रृंखला श्री केम्ब्रियन (पोलियोजोइक) युग की है। यह दक्षिण -पश्चिम में गुजरात के पालनपुर से प्रारम्भ होकर उत्तर-पूर्व में दिल्ली तक लम्बी है। ये पर्वत श्रेणियाँ लगभग 692 किमी. की लम्बाई में विस्तृत है। जबकि राजस्थान में यह श्रंृखला खेडब्रहमा (सिरोही) से खेतड़ी (नीम का थाना) तक 550 कि.मी. लम्बी है जो कुल पर्वत श्रृंखला का 80 प्रतिशत है।
- प्रश्न 38 निम्न में से कौनसी विशेषता थार के मरूस्थल से संबंधित नहीं है-
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- (अ) यहां शुष्क एंव अर्द्ध शुष्क जलवायु है
- (ब) यहां रेतीली मिट्टी पाई जाती है
- (स) यहां सदाबहार वन पाए जाते हैं
- (द) यहां बालू के स्तुप पाए जाते हैं।
उत्तर : यहां सदाबहार वन पाए जाते हैं
व्याख्या :
राजस्थान का अरावली श्रेणीयों के पश्चिम का क्षेत्र शुष्क एवं अर्द्धशुष्क मरूस्थली प्रदेश है। यह एक विशिष्ठ भौगोलिक प्रदेश है। जिसे भारत का विशाल मरूस्थल अथवा थार का मरूस्थल के नाम से जाना जाता है। थार का मरूस्थल विश्व का सर्वाधिक आबाद तथा वन वनस्पति वाला मरूस्थल है। वन के रूप में यहां काटीदार झाड़ियां होती हैं। सघन (सदाबहार) वन दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश में पाए जाते हैं।
- प्रश्न 39 राजस्थान के कौनसे भौगोलिक अंचल मालवा के पठार का विस्तार है-
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- (अ) हाड़ौती का पठार
- (ब) चंबल का मैदान
- (स) लूनी का मैदान
- (द) भोराठ का पठार
उत्तर : हाड़ौती का पठार
व्याख्या :
हाड़ौती का पठार, मालवा के पठार का ही एक भाग है। दक्षिण-पूर्व का पठारी भाग राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9.6 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में राज्य की 11 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। राजस्थान के इस क्षेत्र में राज्य के चार जिले कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़ सम्मिलित है।
- प्रश्न 40 राजस्थान में कौनसा भौगोलिक अंचल सबसे अधिक ऊंचा है-
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- (अ) अरावली पर्वत
- (ब) थार का मरूस्थल
- (स) हाड़ौती का पठार
- (द) पूर्वी मैदानी अंचल
उत्तर : अरावली पर्वत
व्याख्या :
अरावली पर्वत राजस्थान में सबसे अधिक ऊंचा प्रदेश है। अरावली पर्वतमाला की औसत ऊँचाई समुद्र तल से 930 मीटर है। यह विश्व की प्राचीनतम वलित पर्वत माला है। यह पर्वत श्रृंखला श्री केम्ब्रियन (पोलियोजोइक) युग की है। यह पर्वत श्रृखला दंिक्षण-पश्चिम से उतर-पूर्व की ओर है। इस पर्वत श्रृंखला की चैडाई व ऊंचाई दक्षिण -पश्चिम में अधिक है।
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