गुर्जर प्रतिहार वंश
- प्रश्न 31 गुर्जर-प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट शासन केन्द्रीय राजतंत्र नहीं थे -
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- (अ) सही है
- (ब) गलत है
- (स) पता नहीं
- (द) भ्रमित है
उत्तर : गलत है
व्याख्या :
गुर्जर-प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट शासन केन्द्रीय राजतंत्र थे।
- प्रश्न 32 ग्वालियर प्रशस्ति में किस शासक को ‘नारायण’ और ‘म्लेच्छों का नाशक’ कहा गया है -
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- (अ) वत्सराज
- (ब) नागभट्ट प्रथम
- (स) मिहिरभोज प्रथम
- (द) रामभद्र
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम को जालौर, अवंति और कन्नौज के गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक कहा जाता है। इनका दरबार ‘नागावलोक का दरबार’ कहलाता था।
- प्रश्न 33 मण्डौर के प्रतिहार माने जाते हैं -
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- (अ) ब्राह्मण
- (ब) वैश्य
- (स) शुद्र
- (द) क्षत्रिय
उत्तर : क्षत्रिय
व्याख्या :
गुर्जर-प्रतिहारों की 26 शाखाओं में से सबसे प्राचीन एवं महत्वपूर्ण मण्डौर के प्रतिहार थे।
- प्रश्न 34 ‘रणहस्तिन’ की उपाधि धारण की थी -
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- (अ) मिहिरभोज ने
- (ब) वत्सराज ने
- (स) नागभट्ट प्रथम ने
- (द) महेन्द्रपाल प्रथम ने
उत्तर : वत्सराज ने
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम के बाद वत्सराज प्रतापी शासक हुए। इन्होंने रणहस्तिन की उपाधि धारण की। इनके समय कुवलयमाला की रचना हुई। वत्सराज ने ओसियां में महावीर स्वामी का जैन मंदिर बनाया था।
- प्रश्न 35 प्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है -
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- (अ) नागभट्ट प्रथम
- (ब) वत्सराज
- (स) मिहिरभोज
- (द) नागभट्ट द्वितीय
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार वंश का प्रथम प्रतापी शासक हुआ, जिसने अपनी राजधानी मण्डौर से मेड़ता, मेड़ता से भीनमाल और अंत में उज्जैन को बनाया।
- प्रश्न 36 ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की -
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- (अ) नागभट्ट प्रथम ने
- (ब) नागभट्ट द्वितीय ने
- (स) मिहिरभोज ने
- (द) वत्सराज ने
उत्तर : नागभट्ट द्वितीय ने
व्याख्या :
नागभट्ट द्वितीय ने धर्मपाल को हराकर ‘परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर’ की उपाधि धारण की।
- प्रश्न 37 निम्नलिखित प्रतिहार शासकों में से किसने मण्डोर को बदलकर मेड़ता को राजधानी बनाया -
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- (अ) हरिशचन्द्र
- (ब) नागभट्ट प्रथम
- (स) वत्सराज
- (द) देव राज
उत्तर : नागभट्ट प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता जीतकर अपनी राजधानी बनाया। इतिहास मे इसे नाहड़ के नाम से जाना जाता है। नागभट्ट प्रथम की रानी जज्जिका देवी से भोज व तात नामक दो पुत्र हुए।
- प्रश्न 38 निम्न में से कौन सा शासक गोड़ (बंगाल) में भोज-प्रथम का समकालीन था -
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- (अ) रामभद्र
- (ब) काकूका
- (स) देवपाल
- (द) त्रिलोचनपाल
उत्तर : देवपाल
व्याख्या :
मिहिर भोज (लगभग 836-885 ई.), जिन्हें भोज प्रथम के नाम से भी जाना जाता है, एक गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा थे। देवपाल धर्मपाल का पुत्र एवं पाल वंश का उत्तराधिकारी था। इसे 810 ई. के लगभग पाल वंश की गद्दी पर बैठाया गया था।
- प्रश्न 39 किस गुर्जर प्रतिहार शासक ने अपनी राजधानी मेड़ता बनाई -
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- (अ) वत्सराज -1
- (ब) भोजराज -1
- (स) नागभट्ट -1
- (द) देवपाल -1
उत्तर : नागभट्ट -1
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम ने मेड़ता जीतकर अपनी राजधानी बनाया। इतिहास मे इसे नाहड़ के नाम से जाना जाता है। नागभट्ट प्रथम की रानी जज्जिका देवी से भोज व तात नामक दो पुत्र हुए।
- प्रश्न 40 कन्नौज पर अधिकार हेतु चले त्रिपक्षीय युद्ध में राजपूताना के किस वंश के शासकों ने भाग लिया -
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- (अ) चौहान
- (ब) गुर्जर प्रतिहार
- (स) परमार
- (द) गहलोत
उत्तर : गुर्जर प्रतिहार
व्याख्या :
भारतीय इतिहास में कन्नौज(कान्यकुब्ज में आयुध वंश) को प्राप्त करने के लिए के लिए पूर्व में बंगाल से पाल, दक्षिण से मान्यखेत के राष्ट्रकूट एवं उत्तर-पश्चिम से उज्जैन के प्रतिहारों के मध्य संघर्ष चला। इसे भारतयी इतिहास में ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ या ‘त्रिकोणात्मक संघर्ष’ कहा जाता है। त्रिकोणात्मक संघर्ष की शुरूआत वत्सराज ने की थी।
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