राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 36 शीतकाल में पश्चिमी विक्षोभों से होने वाली वर्षा का राजस्थान में नाम है-
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- (अ) काल बरखा
- (ब) आम्र वर्षा
- (स) मावठ
- (द) पावस
उत्तर : मावठ
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है। इन वर्षा कि बूदों को गोल्डन ड्रोप्स या सोने कि बुंद के उप नाम से जाना जाता है।
- प्रश्न 37 राजस्थान के उष्ण मरूस्थली जलवायु के लिए कोपेन ने किस कूट का प्रयोग किया-
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- (अ) Bshw
- (ब) Cwg
- (स) Aw
- (द) Bwhw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 38
राजस्थान के उक्त मानचित्र में कोपेन के जलवायु प्रदेशों को (i), (ii), (iii) और (iv) से अंकित किया गया है। नीचे दी गई क्रमावली से इनका सही अनुक्रम पहचानिए- -
- (अ) BWhw, BShw, Cwg, Aw
- (ब) Aw, Cwg, BShw, BWhw
- (स) BShw, BWhw, Aw, Cwg
- (द) Cwg, BWhw, BShw, Aw
उत्तर : BWhw, BShw, Cwg, Aw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 39 राजस्थान में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी ग्रीष्मकालीन मानसूनी पवनें किस महासागर से आती है-
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- (अ) प्रशांत महासागर
- (ब) हिन्द महासागर
- (स) अटलांटिक महासागर
- (द) आर्कटिक महासागर
उत्तर : हिन्द महासागर
व्याख्या :
राजस्थान में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी ग्रीष्मकालीन मानसूनी पवनें हिंद महासागर से आती हैं। ये पवनें दक्षिण-पश्चिमी मानसून के रूप में उत्पन्न होती हैं। ये पवनें दो शाखाओं में राज्य में प्रवेश करती हैं:- बंगाल की खाड़ी की शाखा
- अरब सागर की शाखा
- प्रश्न 40 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार निम्नलिखित में से किन जिलों में BShw प्रकार का जलवायु पाई जाती है -
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- (अ) बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर
- (ब) भीलवाड़ा, नागौर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
- (स) झालावाड़, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, बारा
- (द) जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर
उत्तर : बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 41 निम्न में से कौनसी राजस्थान की मुख्य विशेषताएं है।
अ. अतिशुष्क दशाएं
ब. तापमान का अतिरेक
स. न्यून औसत वार्षिक वर्षा
द. कम तथा छितरा हुआ वनस्पति आवरण
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) अ, ब एवं द
- (ब) अ, स एवं द
- (स) अ, ब एवं स
- (द) अ, ब, स एवं द
उत्तर : अ, ब, स एवं द
व्याख्या :
राजस्थान की जलवायु कि प्रमुख विशेषताएं -- शुष्क एवं आर्द्र जलवायु कि प्रधानता
- अपर्याप्त एंव अनिश्चित वर्षा
- वर्षा का अनायस वितरण
- अधिकांश वर्षा जुन से सितम्बर तक
- वर्षा की परिर्वतनशीलता एवं न्यूनता के कारण सुखा एवं अकाल कि स्थिती अधिक होना।
- प्रश्न 42 राजस्थान के उष्ण शुष्क जलवायु प्रदेश हेतु कोपेन ने कौनसे जलवायु प्रतीकों का समूह दिया -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) Bshw
- (ब) Bwhw
- (स) Bshs
- (द) Bwhs
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 43 राजस्थान में वर्षा के लिए निम्न में से कौन उत्तरदायी नहीं है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) मानसून की अरब सागर की शाखा
- (ब) मानसून की बंगाल की खाड़ी की शाखा
- (स) पश्चिमी विक्षोभ
- (द) लौटता हुआ मानसून
उत्तर : लौटता हुआ मानसून
व्याख्या :
राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं से होती है तथा दुसरा स्थान बंगाल की खाड़ी का मानसून, तीसरा स्थान अरबसागर के मानसून, अन्तिम स्थान भूमध्यसागर के मानसून का है।
- प्रश्न 44 राजस्थान में किस ऋतु में सर्वाधिक धूल भरी आंधियां चलती है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) ग्रीष्म ऋतु
- (ब) वर्षा ऋतु
- (स) शीत ऋतु
- (द) बसंत ऋतु
उत्तर : ग्रीष्म ऋतु
व्याख्या :
ग्रीष्म ऋतु में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाऐं चलती है जिन्हें लू कहते है। इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस निम्न वायुदाब की पूर्ती हेतु दुसरे क्षेत्र से (उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से) तेजी से हवा उठकर आती है जो अपने साथ धुल व मिट्टी उठाकर ले आती है इसे ही आंधी कहते हैं।
राजस्थान के उत्तरी भागों में धुल भरी आधियां जुन माह में और दक्षिणी भागों में मई माह में आति है।
राजस्थान में सर्वाधिक धुल भरी आधियां चलती है - गंगानर में
- प्रश्न 45 ‘मावट’ वर्षा जिनसे होती है, वह है -
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-A) -
- (अ) उष्णकटिबन्धीय चक्रवात
- (ब) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून
- (स) पश्चिमी विक्षोभ
- (द) लौटता मानसून
उत्तर : पश्चिमी विक्षोभ
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है। इन वर्षा कि बूदों को गोल्डन ड्रोप्स या सोने कि बुंद के उप नाम से जाना जाता है।
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