राजस्थानी भाषा एवं बोलियां
- प्रश्न 37 मालवा प्रदेश के राजपूतों में प्रचलित मारवाड़ी और मालवी के सम्मिश्रण से उत्पन्न बोली का क्या नाम है -
Asst. Agriculture Officer - 2018 (Paper-1) -
- (अ) मालवी
- (ब) रांगड़ी
- (स) मालड़ी
- (द) मेवाड़ी
उत्तर : रांगड़ी
- प्रश्न 38 ढूंढाड़ी बोली के प्रचलित विविध रूपों में निम्न में से कौन सा सही नहीं है -
Asst. Agriculture Officer - 2018 (Paper-1) -
- (अ) तोरावाटी
- (ब) नागरचोल
- (स) चौरासी
- (द) खेराड़ी
उत्तर : खेराड़ी
- प्रश्न 39 राजस्थानी भाषा के छन्दों के आधार पर रचित ‘पिंगल सिरोमणि’ ग्रन्थ के रचयिता हैं-
Asst. Agriculture Officer - 2018 (Paper-1) -
- (अ) किसना आढ़ा
- (ब) ईसर दास
- (स) करणीदान कविया
- (द) कुशल लाभ
उत्तर : कुशल लाभ
- प्रश्न 40 निम्नलिखित बोलियों में से कौन-सी ढुंढाड़ी की उप बोली नहीं है -
JSA Chemistry-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) अहीरवाटी
- (ब) तोरावाटी
- (स) राजावाटी
- (द) नागरचोल
उत्तर : अहीरवाटी
- प्रश्न 41 बागड़ क्षेत्र की बोली के लिये ग्रियर्सन ने क्या शब्द प्रयुक्त किया -
College Lecturer (Sarangi Instrument) Exam 2018(G.K.) -
- (अ) बागड़ी
- (ब) भीली
- (स) मालवी
- (द) मेवाड़ी
उत्तर : भीली
- प्रश्न 42 किस भाषा से राजस्थानी का उद्भव हुआ है -
College Lecturer (Sarangi Instrument) Exam 2018(G.K.) -
- (अ) शौरसेनी अपभ्रंश
- (ब) मराठी
- (स) भोजपुरी
- (द) बंगाली
उत्तर : शौरसेनी अपभ्रंश
- प्रश्न 43 अलवर जिले के बहरोड़ और मुण्डावर में कौनसी बोली बोली जाती है -
JSA Toxicology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) रागड़ी
- (ब) हाड़ौती
- (स) मेवाडी
- (द) अहीरवाटी
उत्तर : अहीरवाटी
- प्रश्न 44 अहीरवाटी और मेवाती बोलियां निम्न में से किस वर्गीकरण में आती है -
Junior Instructor(copa) -
- (अ) पश्चिमी राजस्थानी
- (ब) उत्तरी-पूर्वी राजस्थानी
- (स) मध्य-पूर्वी राजस्थानी
- (द) दक्षिणी राजस्थानी
उत्तर : उत्तरी-पूर्वी राजस्थानी
- प्रश्न 45 वागड़ी बोली राजस्थान के ........ भाग में बोली जाती है -
Junior Instructor(welder) -
- (अ) उत्तर-पूर्वी
- (ब) दक्षिण-पूर्वी
- (स) दक्षिण-पश्चिमी
- (द) पश्चिमी
उत्तर : दक्षिण-पश्चिमी
- प्रश्न 46 राजस्थान की वह बोली कौनसी है, जिसे ग्रियर्सन ने ‘भीली बोली’ कहा एवं इसमें ‘च’ और ‘छ’ का उच्चारण ‘स’ किया जाता है एवं ‘था’ के स्थान पर ‘हतो’ का प्रयोग किया जाता है -
-
- (अ) ढूंढाड़ी
- (ब) वागड़ी
- (स) हाड़ौती
- (द) मेवाती
उत्तर : वागड़ी
व्याख्या :
डूंगरपुर बांसवाड़ा के क्षेत्रों का प्राचीन नाम बागड़ था । अतः वहां की भाषा बागड़ी का कहलायी, जिस पर गुजराती का प्रभाव अधिक है डॉक्टर ग्रियर्सन इसे “भीली” भी कहते हैं । यह भाषा मेवाड़ के दक्षिणी भाग, दक्षिणी अरावली प्रदेश तथा मालवा की पहाड़ियों तक के क्षेत्र में बोली जाती है । भीली बोली इसकी सहायक बोली है ।
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