मुहावरे
- प्रश्न 41 ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ लोकोक्ति का भावार्थ है -
RPSC SI Exam 2016 Paper 1 -
- (अ) काम करने की बहुत धीमी गति
- (ब) पैदल चलने की आदत होनी चाहिए चाहे बहुत धीर-धीरे ही चलें
- (स) व्यक्ति को नौ दिन तक प्रतिदिन अढ़ाई कोस पैदल चलना चाहिए
- (द) पैदल चलने में बहुत समय लगता है, इसलिए पैदल न चलें, समय की बचत करें
उत्तर : काम करने की बहुत धीमी गति
- प्रश्न 42 किस विकल्प में मुहावरे का भावार्थ गलत है -
RPSC SI Exam 2016 Paper 1 -
- (अ) कन्नी काटना - पेंच लड़ाकर पतंग काटना
- (ब) कान खड़े होना - सतर्क हो जाना
- (स) पत्थर की लकीर - अमिट या पक्की बात
- (द) सिर धुनना - पश्चात्ताप करना
उत्तर : कन्नी काटना - पेंच लड़ाकर पतंग काटना
- प्रश्न 43 इनमें से किस वाक्य में मुहावरे का सही प्रयोग हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) उसने मेरा हाथ जोर से खींच दिया।
- (ब) शादी के कारण उसके हाथों में मेहंदी लगी हुई है।
- (स) वह जिस काम के पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है उसे पूरा करके रहता है।
- (द) होम करते समय उसके हाथ जल गए।
उत्तर : वह जिस काम के पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है उसे पूरा करके रहता है।
- प्रश्न 44 कौनसे वाक्य में लोकोक्ति का सही प्रयोग नहीं हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) बेईमान साझेदार से जितना मिल रहा है ले लो ; भागते भूत की लंगोटी ही भली।
- (ब) ढोंगी बाबाओं के तो मुंह में राम बगल में छूरी होती है।
- (स) हथेली पर सरसों थोड़े ही उगती है ; वह तो खेतों में उगाई जाती है।
- (द) गुमराह युवाओं को रोजगार मिल जाए तो देश में शांति हो जाए ; खाली दिमाग शैतान का घर होता है।
उत्तर : हथेली पर सरसों थोड़े ही उगती है ; वह तो खेतों में उगाई जाती है।
- प्रश्न 45 निम्नांकित में से किस विकल्प में मुहावरे का सही प्रयोग हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) बेटे ने संदूक में पगड़ी रख ली।
- (ब) मां मेरे लिए पराठा बनाती है तब उसकी पांचों उंगलियां घी में भरी हुई होती हैं।
- (स) भूखा कुत्ता दरवाजे पर रखे जूते चाटने लगा।
- (द) धन के आगे ईमान का भी आसन डोल जाता है।
उत्तर : धन के आगे ईमान का भी आसन डोल जाता है।
- प्रश्न 46 किस वाक्य में लोकोक्ति का सही प्रयोग नहीं हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) उस जैसे मक्कारों पर समझाने का असर नहीं होता ; लातों के भूत बातों से नहीं मानते।
- (ब) चन्द्रमोहन मकान बनाकर क्या करेगा ; वह तो बहता पानी रमता जोगी है।
- (स) अनुभवी पशुपालक भी नहीं बता पाएगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
- (द) संदीप ने बीमार भाई को समझाया ‘सब काम छोड़कर पहले अपना इलाज कराओ ; जान है तो जहान है।’
उत्तर : अनुभवी पशुपालक भी नहीं बता पाएगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
- प्रश्न 47 किस वाक्य में मुहावरे का सही प्रयोग नहीं हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) चुनाव के दिनों में नेता एक - दुसरे पर कीचड़ उछालते रहते हैं।
- (ब) घाव पर नमक छिड़कने से बहुत जलन होती है।
- (स) पुलिस की गाड़ी देखते ही दंगाई दुम दबाकर भाग गए।
- (द) चौकीदार के शोर मचाते ही चोर नौ-दो ग्यारह हो गए।
उत्तर : घाव पर नमक छिड़कने से बहुत जलन होती है।
- प्रश्न 48 किस वाक्य में मुहावरे का सही प्रयोग हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer(TSP) Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) वह कई वर्षों से जगह-जगह की खाक छान रहा है; परंतु कहीं नौकरी नहीं मिली।
- (ब) कच्चे आम खाने से दाँत खट्टे हो जाते हैं।
- (स) बाढ़ के कारण चारों ओर पानी-पानी हो गया।
- (द) यज्ञ करते समय हवन-सामग्री के साथ-साथ आग में घी भी डालना पड़ता है।
उत्तर : वह कई वर्षों से जगह-जगह की खाक छान रहा है; परंतु कहीं नौकरी नहीं मिली।
- प्रश्न 49 किस वाक्य में लोकोक्ति का सही प्रयोग नहीं हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) सेठजी तो चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए पर विश्वास करते हैं ; उनसे दान की उम्मीद न रखो।
- (ब) बुजुर्गों ने ठीक ही कहा है कि विवाह ऐसी मिठाई है जो खाए तो पछताए, न खाए तो पछताए।
- (स) बहू ने भी कुछ कहा होगा, तभी तो सास ने झगड़ा किया ; एक हाथ से तो ताली नहीं बजती।
- (द) गेहूँ हमेशा साफ़ करके पिसवाना चाहिए; नहीं तो गेहूँ के साथ घुन भी पिस जाते हैं।
उत्तर : गेहूँ हमेशा साफ़ करके पिसवाना चाहिए; नहीं तो गेहूँ के साथ घुन भी पिस जाते हैं।
- प्रश्न 50 किस वाक्य में लोकोक्ति का सही प्रयोग नहीं हुआ है -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) उसे इन्टरनेट और ई-मेल समझाकर क्या करोगी; उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
- (ब) पिता ने बेटे को समझाया कि अपने भ्रष्ट अधिकारी के विरूद्ध जब तक प्रमाण न हो उससे झगड़ा मोल न लेना; जल में रहकर मगर से बैर नहीं करते।
- (स) नीम के पेड़ के नीचे बैठकर इलाज करने वाले डाॅक्टर से बचना चाहिए; नीम हकीम खतरे जान होता है।
- (द) भ्रष्ट और स्वार्थी राजनेता राष्ट्रीय हितों को भूलकर अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग अलापने में लगे हुए हैं।
उत्तर : नीम के पेड़ के नीचे बैठकर इलाज करने वाले डाॅक्टर से बचना चाहिए; नीम हकीम खतरे जान होता है।
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