राजस्थान में लोक देवता व देवियाँ
- प्रश्न 51 राजस्थानी लोकगीतों में गाए जाने वाला ‘नेतल का भर्तार’ किस लोकदेवता के संदर्भ में है-
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- (अ) हडभूजी
- (ब) पाबूजी
- (स) रामदेवजी
- (द) तेजाजी
उत्तर : रामदेवजी
- प्रश्न 52 ‘जाहरपीर’ के नाम से कौन से लोक देवता को जाना जाता है-
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- (अ) हड़बू जी
- (ब) रामदेव जी
- (स) देवनारायण जी
- (द) गोगा जी
उत्तर : गोगा जी
व्याख्या :
लोकपूज्य देवता गोगाजी (जाहरवीर गोगाजी) को लोग गोगाजी चौहान, गुग्गा, जाहिर वीर, जाहर पीर व गोगा पीर के नामों से भी पुकारते है। वीर गोगाजी के पिता का नाम जेवरसिंह (जैबर व जीवराज) था, जो कि राजस्थान के ददरेवा (चुरू) के चौहान वंश के राजपूत शासक थे। गोगाजी की माता का नाम बाछल देवी था। लोकपूज्य देवता वीर गोगाजी को सांपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग इन्हें गोगजी चौहान गुर्जर, गुग्गा, जाहिर पीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं।
- प्रश्न 53 अलवर क्षेत्र की लोकदेवी के रूप में किसे मान्यता प्राप्त है-
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- (अ) सुगाली माता
- (ब) सचिया माता
- (स) जिलाणी माता
- (द) तटियाला माता
उत्तर : जिलाणी माता
व्याख्या :
जिलाणी माता को अलवर क्षेत्र की लोकदेवी माना जाता है। जिलाणी माता मंदिर अलवर के बहरोड़ में स्थित है। यहां हर साल मंदिर परिसर में दो मेलों का आयोजन किया जाता है।
- प्रश्न 54 लच्छा गुजरी की गायें चोरी हो जाने पर किस लोक देवता ने उसकी सहायता की -
Raj Police Constable(9321) -
- (अ) बाबा रामदेवजी
- (ब) पाबूजी
- (स) गोगाजी
- (द) तेजाजी
उत्तर : तेजाजी
- प्रश्न 55 निम्न में से असत्य कथन को पहचानिये -
Asstt. Agriculture Officer Exam 2015 Paper 1 -
- (अ) लोक देवता बाबा रामदेव का जन्म पोकरण के पास रूणिचा ग्राम में हुआ था।
- (ब) बाबा रामदेव को हिन्दू कृष्ण के अवतार के रूप में और मुस्लिम रामसा पीर के रूप में पूजते हैं।
- (स) हाथ में भाला लिए एक घुड़सवार बाबा रामदेव का प्रतीक है।
- (द) बाबा रामदेव के मेले में तेरहताली नृत्य विशिष्ट आकर्षण होता है।
उत्तर : लोक देवता बाबा रामदेव का जन्म पोकरण के पास रूणिचा ग्राम में हुआ था।
- प्रश्न 56 निम्न में से कौनसा सुमेलित नहीं है -
लोक देवता - मुख्य स्थल -
- (अ) गोगाजी - गोगामेड़ी
- (ब) मल्लिनाथ - पिचियाक
- (स) पाबूजी - कोलू
- (द) तेजाजी - परवतसर
उत्तर : मल्लिनाथ - पिचियाक
व्याख्या :
मल्लीनाथजी का जन्म 1358 ई./1415 वि.सं. में तिलवाड़ा (बाड़मेर) में राठौड़ वंश में हुआ। तीड़ाजी/सलखाजी इनके पिता तथा जीणादे इनकी माता थी। उगमसी भाटी इनके गुरु थे। इन्होंने 1378 ई. में फिरोज तुगलक (दिल्ली) व निजामुद्दीन (मालवा) को पराजित किया। तिलवाड़ा (बालोतरा) में लूनी नदी के किनारे चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी तक पशु मेला भरता है।
- प्रश्न 57 लांगुरिया नृत्य होते हैं -
Sr. Teacher GrII Comp. Exam 2016 Gk (G-B) -
- (अ) श्रीनाथजी के मन्दिर में
- (ब) कैला देवी के मन्दिर में
- (स) खाटू श्यामजी के मन्दिर में
- (द) जीणमाता के मन्दिर में
उत्तर : कैला देवी के मन्दिर में
- प्रश्न 58 राजस्थानी लोकगीतों में गाए जाने वाला ‘नेतल का भर्तार’, किस लोकदेवता के संदर्भ में है -
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- (अ) हड़भूजी
- (ब) पाबूजी
- (स) रामदेवजी
- (द) तेजाजी
उत्तर : रामदेवजी
- प्रश्न 59 राजस्थान के किस लोकदेवता के माता-पिता का नाम हंसादेवी और लोहटजी था -
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- (अ) पीपाजी
- (ब) धन्नाजी
- (स) जाम्भोजी
- (द) सिद्ध जसनाथजी
उत्तर : जाम्भोजी
व्याख्या :
जाम्भोजी का जन्म 1451 ई. में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पीपासर (नागौर) में हुआ। ये पंवार वंशीय राजपूत थे। इनके पिता का नाम लोहटजी था और उनकी माता हाँसा भाटी राजपूत कुल की थीं।
- प्रश्न 60 नेजा है -
Lect. College Edu. EXAM 2014(GK) -
- (अ) रामदेवजी की पंचरंगी पताका
- (ब) तलवार के समान एक आयुध
- (स) देवता का चढ़ावा
- (द) मंदिर का गर्भगृह
उत्तर : रामदेवजी की पंचरंगी पताका
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