राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2023-24
- प्रश्न 52 प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत अधिकतम कितनी HP क्षमता तक के सौर ऊर्जा पम्प हेतु अनुदान दिया जाता है -
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- (अ) 5 HP
- (ब) 7.5 HP
- (स) 10 HP
- (द) 15 HP
उत्तर : 7.5 HP
व्याख्या :
वर्ष 2019-20 से भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पी.एम. कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान) कम्पोनेन्ट-बी स्टैण्ड अलोन सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र योजना क्रियान्वित की जा रही है। जिसमें 3 एचपी से 10 एचपी क्षमता तक के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों की स्थापना के प्रावधान के साथ अधिकतम 7.5 एचपी क्षमता तक के पम्प हेतु अनुदान देय है।
- प्रश्न 53 किसान कलेवा योजना (2014) का उद्देश्य क्या है -
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- (अ) किसानों को अनाज उपलब्ध कराना
- (ब) मंडी में उपज बेचने वाले किसानों को अनुदानित दर पर भोजन उपलब्ध कराना
- (स) सौर ऊर्जा पम्प की स्थापना
- (द) मंडी श्रमिकों को मातृत्व अवकाश देना
उत्तर : मंडी में उपज बेचने वाले किसानों को अनुदानित दर पर भोजन उपलब्ध कराना
व्याख्या :
मंडी में उपज बेचने आने वाले किसानों को अनुदानित दर पर भोजन उपलब्ध कराने हेतु शुरु। (फूल और सब्जी मंडी को छोड़कर)
- प्रश्न 54 राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के तहत किसानों को कितनी वित्तीय सहायता दी जाती है?
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- (अ) ₹1 लाख
- (ब) ₹2 लाख
- (स) ₹3 लाख
- (द) ₹5 लाख
उत्तर : ₹2 लाख
व्याख्या :
कृषि विपणन सहित कृषि कार्य के दौरान दुर्घटनावश अंग भंग होने अथवा मृत्यु होने पर किसानों व मजदूरों को 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवायी जाती है।
- प्रश्न 55 किस योजना के तहत ई-नाम के माध्यम से उपज बेचने वाले किसानों को कूपन दिए जाते हैं?
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- (अ) प्रधानमंत्री कुसुम योजना
- (ब) कृषक उपहार योजना
- (स) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
- (द) किसान कलेवा योजना
उत्तर : कृषक उपहार योजना
व्याख्या :
ई-नाम के माध्यम से अपनी उपज बेचने वाले सभी व्यक्तियों को कवर करने के लिए ई-नाम पोर्टल पर 1 जनवरी 2022 से यह योजना शुरू की गई है। ₹10 हजार (या इसके गुणक) की बिक्री पर एक कूपन जारी किया जाता है।
- प्रश्न 56 राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति किस वर्ष से प्रारंभ की गई -
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- (अ) 2018
- (ब) 2019
- (स) 2020
- (द) 2021
उत्तर : 2019
व्याख्या :
राज्य में एक व्यापक नीति “राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019” दिनांक 12 दिसंबर 2019 से प्रारम्भ की गई है।
- प्रश्न 57 कृषक कल्याण कोष (K3) की वर्तमान राशि कितनी है -
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- (अ) ₹1,000 करोड़
- (ब) ₹5,000 करोड़
- (स) ₹7,500 करोड़
- (द) ₹10,000 करोड़
उत्तर : ₹7,500 करोड़
व्याख्या :
किसानों को व्यापार व खेती करने में आसानी के लिए प्रमुख पहल करते हुए ₹1,000 करोड़ की राशि से दिनांक 16 दिसम्बर, 2019 को ‘कृषक कल्याण कोष’ का गठन किया गया है। वर्तमान में इस कोष की राशि ₹7,500 करोड़ है।
- प्रश्न 58 प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना की कार्यावधि कितने वर्षों की है?
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- (अ) 3 साल
- (ब) 4 साल
- (स) 5 साल
- (द) 6 साल
उत्तर : 5 साल
व्याख्या :
पी.एम .- एफ.एम.ई. योजना को भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा देश में असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के उन्नयन के लिए शुरू किया गया है। राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड को राज्य में इस योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। केन्द्रीयांश एवं राज्यांश का अनुपात 60:40 है। इस योजना में पांच साल की कार्यावधि वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक है।
- प्रश्न 59 राजस्थान में देश के कुल सतही जल का कितना प्रतिशत उपलब्ध है -
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- (अ) 1.16%
- (ब) 2.50%
- (स) 3.10%
- (द) 0.75%
उत्तर : 1.16%
व्याख्या :
राजस्थान में देश के कुल सतही जल (Surface water) का 1.16% जबकि कुल भूजल (Ground water) का 1.69% उपलब्ध है।
- प्रश्न 60 वर्ष 2023-24 में कितनी वृहद् परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है -
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- (अ) 5
- (ब) 8
- (स) 10
- (द) 12
उत्तर : 8
व्याख्या :
वर्ष 2023-24 में 8 वृहद्, नर्मदा नहर परियोजना (जालोर एवं बाड़मेर), परवन (झालावाड़), धौलपुर लिफ्ट, मरूस्थल क्षेत्र के लिए जल पुर्नगठन परियोजना, नवनेरा बाँध (कोटा), अपर हाई लेवल केनाल परियोजना, पीपलखूंट, कालीतीर लिफ्ट 5 मध्यम परियोजनाएं (गरड़दा (बूँदी), ताकली (कोटा), गागरिन (झालावाड़), ल्हासी एवं हथियादेह (बारां)) तथा 41 लघु सिंचाई परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
- प्रश्न 61 परवन वृहद् बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना किस नदी पर निर्माणाधीन है -
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- (अ) चम्बल
- (ब) परवन
- (स) माही
- (द) बनास
उत्तर : परवन
व्याख्या :
‘परवन’ वृहद बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना झालावाड़ के निकट परवन नदी पर निर्माणाधीन है। परियोजना के अर्न्तगत 1,821 गांवों में पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ-साथ झालावाड़, बारां एवं कोटा जिले के 637 गांवों की 2,01,400 हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
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