राजस्थान में 1857 की क्रांति
- प्रश्न 61 1857 विद्रोह के समय जोधपुर के महाराजा तख्तसिंह ने किसके नेतृत्व में सेना अजमेर भेजी -
JSA Ballistic-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) कुशाल राज सिंघवी
- (ब) अर्जुनसिंह
- (स) राव रामचन्द्र
- (द) हीरालाल
उत्तर : कुशाल राज सिंघवी
व्याख्या :
बिठौड़ा का युद्ध कुशाल सिंह व क्रांतिकारी और हीथकोट, अनारसिंह व कुशालराज सिंघवी के मध्य हुआ। जोधपुर का किलेदार अनारसिंह मारा गया।
- प्रश्न 62 राजस्थान में 1857 में प्रथम विद्रोह कहां हुआ -
JSA Serology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) अजमेर
- (ब) नसीराबाद
- (स) एरिनपुरा
- (द) माउन्ट आबू
उत्तर : नसीराबाद
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये।
- प्रश्न 63 सिद्धराज ढ़डढ़ा कौन थे -
JSA Serology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) जैन विद्वान
- (ब) कूटनीतिज्ञ
- (स) शिक्षाशास्त्री
- (द) गांधीवादी एवं सर्वोदयी नेता
उत्तर : गांधीवादी एवं सर्वोदयी नेता
व्याख्या :
सिद्धराज ढड्ढा अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद की राजस्थान शाखा के कई वर्षों तक मंत्री रहे। इन्होंने ग्रामराज पत्रिका का सम्पादन और सत्याग्रह मीमांसा नामक पत्रिका का प्रकाशन भी किया। संयुक्त राजस्थान के निर्माण के बाद सिद्धराज ढड्ढा हीरालाल शास्त्री मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री रहे।
- प्रश्न 64 राजपूताना की किस एकमात्र रियासत के साथ अंग्रेजो ने बाइबिल को साक्षी मानकर सन्धि की थी -
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- (अ) भरतपुर
- (ब) अलवर
- (स) करौली
- (द) धौलपुर
उत्तर : भरतपुर
व्याख्या :
18वी सदी में दो बड़ी ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने अंग्रेज सरकार को हिला दिया था। इनमें पहली घटना सन् 1805 में उस समय हुई जब अंग्रेजों को भरतपुर में हार का सामना करना पड़ा। इससे अंग्रेजों को मुंह की खानी पड़ी थी।इसके बाद उन्होंने तत्कालीन रियासत (शासन) के साथ संधि की। देश में यही एक मात्र ऐसी संधि है, जिसमें अंग्रेजों ने बाइबिल को साक्षी मानने का जिक्र किया। ताकि भरतपुर के तत्कालीन शासन को उनकी बात पर भरोसा हो सके। इतिहासकार रामवीर सिंह वर्मा बताते हैं कि उस समय जिन-जिन रियासतों के साथ अंग्रेजों ने संधियां कीं, उनमें कहीं भी बाइबिल को साक्षी मानने का जिक्र नहीं मिलता है। इसी तरह दूसरी घटना भरतपुर रियासत के अधीन अडींग में सन् 1857 की क्रांति के समय हुई थी जब राजपूत आंदोलनकारियों ने अपने हौसले के दम पर अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था।
- प्रश्न 65 करौली राज्य और अंग्रेजों के मध्य संधि कब की गई -
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- (अ) नवम्बर 9, 1817
- (ब) दिसम्बर 9, 1818
- (स) जनवरी 9, 1818
- (द) दिसम्बर 9, 1817
उत्तर : नवम्बर 9, 1817
व्याख्या :रियासत संधि का वर्ष राज्य का शासक भरतपुर 1803 रणजीत सिंह करौली 1817 हरवक्शपाल सिंह टोंक 1817 नवाब आमिर खान कोटा 1817 महाराव उम्मेद सिंह जोधपुर 1818 महाराजा मान सिंह उदयपुर 1818 महाराणा भीम सिंह बूंदी 1818 राव विष्णु सिंह बीकानेर 1818 सूरत सिंह किशनगढ़ 1818 कल्याण सिंह जयपुर 1818 सवाई जगत सिंह जैसलमेर 1819 महाराव मूलराज सिरोही 1823 महाराव शिव सिंह
- प्रश्न 66 कोटा में 1857 के विद्रोह का नेतृत्वकत्र्ता कौन था -
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- (अ) राव रामचन्द
- (ब) जयदयाल, मेहराब खान
- (स) हीरालाल, हीराचन्द्र
- (द) रावत जोधासिंह
उत्तर : जयदयाल, मेहराब खान
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। विद्रोही सेना का नेतृत्व रिसालदार मेहराबखाँ और लाला जयदयाल कर रहे थे। कोटा महाराव की स्थिति असहाय हो गयी।
- प्रश्न 67 जोधपुर राज्य के किलेदार ........ को 1857 में आहुवा में क्रांतिकारियों ने मौत के घाट उतार दिया।
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- (अ) अनार सिंह
- (ब) अमर सिंह
- (स) तखत सिंह
- (द) मौंक मेसन
उत्तर : अनार सिंह
व्याख्या :
बिठौड़ा का युद्ध कुशाल सिंह व क्रांतिकारी और हीथकोट, अनारसिंह व कुशालराज सिंघवी के मध्य हुआ। जोधपुर का किलेदार अनारसिंह मारा गया।
- प्रश्न 68 राजस्थान में आउवा का विद्रोह किसके नेतृत्व में हुआ था -
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- (अ) हरिसिंह
- (ब) तांत्या टोपे
- (स) जयदयाल
- (द) ठाकुर कुशाल सिंह
उत्तर : ठाकुर कुशाल सिंह
व्याख्या :
एरिनपुरा के विद्रोही सैनिकों की भेंट ‘खैरवा’ नामक स्थान पर आउवा ठाकुर कुशालसिंह से हुई। ठाकुर कुशालसिंह की सेना ने जोधपुर की राजकीय सेना को 8 सितम्बर, 1857 को बिथोड़ा नामक स्थान पर पराजित किया।
- प्रश्न 69 चाल्र्स मेटकाॅफ ............. के रेजीडेण्ट थे -
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- (अ) जयपुर
- (ब) जोधपुर
- (स) अजमेर
- (द) दिल्ली
उत्तर : दिल्ली
व्याख्या :
चार्ल्स मेटकाफ ने राजपूताना की रियासतों के साथ 1817 - 18 के अधीनस्थ गठबंधनों पर बातचीत की।
- प्रश्न 70 अंग्रेज कप्तान जिसका शव आउवा किले के बाहर लटका दिया गया -
Asst. Agriculture Officer - 2011 -
- (अ) लारेन्स
- (ब) हाॅलमेस
- (स) मालेसन
- (द) माॅकमेसन
उत्तर : माॅकमेसन
व्याख्या :
जोधपुर की सेना की पराजय की खबर पाकर ए.जी.जी. जॉर्ज लारेन्स स्वयं एक सेना लेकर आउवा पहुँचा। मगर 18 सितम्बर, 1857 को वह विद्रोहियों से परास्त हुआ। इस संघर्ष के दौरान जोधपुर का पोलिटिकल एजेन्ट मोक मेसन क्रांतिकारियों के हाथों मारा गया। उसका सिर आउवा के किले के द्वार पर लटका दिया गया।
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