राजस्थान में 1857 की क्रांति
- प्रश्न 71 28 मई, 1857 को नसीराबाद से राजस्थान में सर्वप्रथम विद्रोह का प्रारंभ हुआ, यह राजस्थान के किस जिले में हैं -
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- (अ) सीकर
- (ब) चुरू
- (स) अजमेर
- (द) जयपुर
उत्तर : अजमेर
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये।
- प्रश्न 72 राजपूताना के किस राज्य के शासक ने अजमेर में लार्ड मेयो द्वारा आयोजित दरबार में भाग नहीं लिया -
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- (अ) जोधपुर
- (ब) भरतपुर
- (स) बीकानेर
- (द) कोटा
उत्तर : कोटा
व्याख्या :
अजमेर दरबार 1870 के समय भारत के गवर्नर जनरल व वायरसराय लार्ड मेयो थे। मेयो ने प्रत्येक राज्य में न्याय, शांति व्यवस्था तथा चहुंमुखी विकास पर बल दिया।
- प्रश्न 73 1857 ई. की क्रान्ति में अंग्रेजों व जोधपुर की संयुक्त सेना को पराजित करने वाला था -
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- (अ) तात्यां टोपे
- (ब) टोंक के नवाब वजीरखां
- (स) महाराजा रामसिंह
- (द) आऊवा के ठाकुर कुशालसिंह
उत्तर : आऊवा के ठाकुर कुशालसिंह
व्याख्या :
ठाकुर कुशालसिंह की सेना ने जोधपुर की राजकीय सेना को 8 सितम्बर, 1857 को बिथोड़ा नामक स्थान पर पराजित किया। जोधपुर की सेना की पराजय की खबर पाकर ए.जी.जी. जॉर्ज लारेन्स स्वयं एक सेना लेकर आउवा पहुँचा। मगर 18 सितम्बर, 1857 को वह विद्रोहियों से परास्त हुआ।
- प्रश्न 74 किस छावनी के सैनिक दस्तों ने 21 अगस्त, 1857 को ‘चलो दिल्ली-मारो फिरंगी’ नारे के साथ बगावत की -
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- (अ) नसीराबाद
- (ब) मेरठ
- (स) नीमच
- (द) ऐरिनपुरा
उत्तर : ऐरिनपुरा
व्याख्या :
1835 ई. में अंग्रेजों ने जोधपुर की सेना के सवारों पर अकुशल होने का आरोप लगाकर जोधपुर लीजियन का गठन किया। इसका केन्द्र एरिनपुरा रखा गया। 21 अगस्त, 1857 को जोधपुर लीजियन के सैनिकों ने विद्रोह कर आबू में अंग्रेज सैनिकों पर हमला कर दिया। यहाँ से ये एरिनपुरा आ गये, जहाँ इन्होंने छावनी को लूट लिया तथा जोधपुर लीजियन के शेष सैनिकों को अपनी ओर मिलाकर “चलो दिल्ली, मारो फिरंगी” के नारे लगाते हुए दिल्ली की ओर चल पड़े।
- प्रश्न 75 कौन से पाॅलिटिकल एजेंट जोधपुर में 1857 के विप्लव में मारे गये थे -
Librarian Grade III 2018 -
- (अ) मैक मोसन
- (ब) कर्नल इडन
- (स) मेजर शावर्स
- (द) बर्टन
उत्तर : मैक मोसन
व्याख्या :
जोधपुर की सेना की पराजय की खबर पाकर ए.जी.जी. जॉर्ज लारेन्स स्वयं एक सेना लेकर आउवा पहुँचा। मगर 18 सितम्बर, 1857 को वह विद्रोहियों से परास्त हुआ। इस संघर्ष के दौरान जोधपुर का पोलिटिकल एजेन्ट मोक मेसन क्रांतिकारियों के हाथों मारा गया। उसका सिर आउवा के किले के द्वार पर लटका दिया गया।
- प्रश्न 76 1857 की क्रांति के समय राजस्थान में कितनी ब्रिटिश छावनियां थी -
COMPILER Exam 2016 -
- (अ) 03
- (ब) 04
- (स) 05
- (द) 06
उत्तर : 06
व्याख्या :
1857 की क्रांति प्रारम्भ होने के समय राजपूताना में 6 सैनिक छावनियाँ थी।- नसीराबाद (अजमेर) : 15वीं बंगाल पैदल सेना
- नीमच (मध्यप्रदेश) : फर्स्ट बंगाल केवेलरी
- देवली (टोंक) : कोटा कन्टिनजेन्ट
- ब्यावर : मेर रेजीमेन्ट
- एरिनपुरा (पाली) : जोधपुर लीजन
- खेरवाड़ा (उदयपुर) : मेवाड़ भील कोर
- प्रश्न 77 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कोटा महाराव की सहायता के लिए किस राज्य ने सैनिक सहायता भेजी है -
RPSC ACF FRO 2021 -
- (अ) बूंदी
- (ब) करौली
- (स) झालावाड़
- (द) जयपुर
उत्तर : करौली
व्याख्या :
जनवरी, 1858 में करौली के राजा मदन पाल ने रामसिंह-II को विदोहियों से मुक्त कराया।
- प्रश्न 78 राजस्थान में 1857 का संग्राम कहाँ से शुरू हुआ -
Stenographer Pre Exam (21 March 2021) (Paper I) -
- (अ) उदयपुर
- (ब) देओली
- (स) नसीराबाद
- (द) जयपुर
उत्तर : नसीराबाद
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये। मेजर स्पोटिस वुड एवं न्यूबरी की हत्या के बाद शेष अंग्रेजों ने नसीराबाद छोड़ दिया।
- प्रश्न 79 किस शासक ने 1857 के युद्ध में सेना नेतृत्व स्वयं किया -
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- (अ) कुशलसिंह - आऊवा
- (ब) सरदारसिंह - बीकानेर
- (स) दलपतसिंह - प्रतापगढ़
- (द) रणजीतसिंह भाटी - जैसलमेर
उत्तर : सरदारसिंह - बीकानेर
व्याख्या :
बीकानेर महाराज सरदारसिंह राजस्थान का अकेला ऐसा शासक था जो सेना लेकर विद्रोहियों को दबाने के लिए राज्य से बाहर (हिसार के पास बडालु) भी गया। महाराजा ने पंजाब में विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों का सहयोग किया।
- प्रश्न 80 1857 की क्रांति के समय जोधपुर का महाराजा कौन था -
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- (अ) मानसिंह
- (ब) जसवन्तसिंह द्वितीय
- (स) गजसिंह
- (द) तख्तसिंह
उत्तर : तख्तसिंह
व्याख्या :
1857 की क्रांति के समय जोधपुर का महाराजा तख्तसिंह था।
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