राजस्थान की नदियां
- प्रश्न 71 गुड़गांव नहर परियोजना द्वारा लाभान्वित राज्य का जिला है -
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- (अ) अलवर
- (ब) धौलपुर
- (स) डीग
- (द) सीकर
उत्तर : डीग
व्याख्या :
उत्तर प्रदेश के औंखला से यमुना नदी से यह नहर निकाली गई है। इसका मुख्य उद्देश्य मानसूनकाल में यमुना नदी के अतिरिक्त जल को उपयोग लाना है। 1966 से 1985 तक इस नहर का निर्माण कार्य हुआ है। इसकी कुल लम्बाई 58 कि.मी. है। राजस्थान में यह जुरहरा गाँव, कामां (डीग) से प्रवेश करती है। इससे कामा व डीग तहसील की जलापूर्ति होती है।
- प्रश्न 72 राजस्थान में ‘रूण्डित नदी’ के नाम से जानी जाने वाली नदी -
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- (अ) बनास
- (ब) लूनी
- (स) बाणगंगा
- (द) कुराल
उत्तर : बाणगंगा
व्याख्या :
एक मान्यता के अनुसार अर्जुन ने एक बाण से इसकी धारा निकाली थी अतः इसे अर्जुन की गंगा भी कहते है। लगभग 380 कि.मी. लम्बी इस नदी का उद्गम कोटपूतली बहरोड जिले में बैराठ की पहाडियों से होता है। इसे खण्डित, रूण्डित व तालानदी भी कहते है। इस नदी के तट पर बैराठ सभ्यता विकसित हुई।
- प्रश्न 73 स्थानीय भाषा में मसूरदी के नाम से किस नदी को जाना जाता है -
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- (अ) काकनेय
- (ब) घग्घर
- (स) कांतली
- (द) रूपारेल
उत्तर : काकनेय
व्याख्या :
आन्तरिक प्रवाह की सबसे छोटी नदी काकनेय नदी का उद्गम जैसलमेर जिले में कोटरी गांव में होता है। यह नदी उत्तर-पश्चिम में बुझ झील में जाकर समापत हो जाती है। किंतु यह मौसम नदी अत्यधिक वर्षा मे मीठा खाड़ी में अपना जल गिराती है। स्थानीय लोग इसे मसूरदी कहते है।
- प्रश्न 74 राज्य में त्रिवेणी संगम वाले जिले हैं -
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- (अ) सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर
- (ब) उदयपुर, डूंगरपुर, सवाई माधोपुर
- (स) भीलवाड़ा, राजसमन्द, डूंगरपुर
- (द) करौली, भीलवाड़ा, डूंगरपुर
उत्तर : सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर
व्याख्या :त्रिवेणी संगम स्थल नदियां जिला विशेष साबंला (बेणेश्वर) सोम-माही-जाखम डूंगरपुर राजस्थान का कुंभ/ आदिवासियों का महाकुंभ मांडलगढ़ (बींगोद) बनास -बेड़च-मेनाल भीलवाड़ा त्रिवेणी तीर्थ मानपुर (रामेश्वर घाट) चम्बल-बनास-सीप सवाई माधोपुर वर्षो से अखण्ड संकीर्तन / श्रीजी मंदिर राजमहल बनास-खारी-डोई टोंक
- प्रश्न 75 निम्न में से सही युग्म है -
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- (अ) खारी-सिरोही, जालौर
- (ब) बेड़च-उदयपुर, राजसमन्द, भीलवाड़ा
- (स) जाखम-प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर
- (द) परवन-झालावाड़, बारां, कोटा
उत्तर : बेड़च-उदयपुर, राजसमन्द, भीलवाड़ा
व्याख्या :
खारी राजसमंद के बिजराल गांव से निकलती है। राजसमंद, भिलवाड़ा, शाहपुरा, केकडी, टोंक में बहती हुई टोंक के देवली में बनास में मिल जाती है।
राजस्थान में उदयपुर जिले में गोगुंदा की पहाडियां से बेड़च नदी का उद्गम होता है। आरम्भ में इस नदी को आयड़ नदी कहा जाता है। किन्तु उदयसागर झील के पश्चात् यह नदी बेड़च नदी कहलाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 190 कि.मी. है। यह नदी उदयपुर, चितौड़ जिलों में होकर बहती हुई अन्त में भीलवाड़ा जिले के बिगोंद नामक स्थान पर बनास नदी में मिल जाती है।
जाखम प्रतापगढ़ जिले के छोटी सादडी तहसिल में स्थित भंवरमाता की पहाडीयों से निकलती है। प्रतापगढ, सलूम्बर, डुगरपुर में बहती हुई डुंगरपुर के लोरवल और बिलूर गांव के निकट यह सोम मे मिल जाती है।
परवन अजनार/घोड़ा पछाड की संयुक्त धारा है। यह मध्यप्रदेश के विध्याचल से निकलती है। झालावाड में मनोहर थाना में राजस्थान में प्रवेश करती है। झालावाड़ व बांरा में बहती हुई बांरा में पलायता (नक्से के अनुसार अटा गांव) गांव में काली सिंध में मिल जाती है।
- प्रश्न 76 जोधपुर जिले की कायलाना झील का निर्माण किसने करवाया -
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- (अ) महाराजा मानसिंह
- (ब) महाराजा उम्मेदसिंह
- (स) सर प्रताप
- (द) महाराजा हनुवन्तसिंह
उत्तर : सर प्रताप
व्याख्या :
कायलाना झील प्रारम्भ में यह एक प्राकृतिक झील थी इसे वर्तमान स्वरूप महाराजा प्रताप सिंह के द्वारा प्रदान किया गया है।
- प्रश्न 77 फोर्ट अब्बास(वहावलपुर) पाकिस्तान से घग्घर नदी के प्रवाह को किस नाम से जाना जाता है -
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- (अ) लसवारी
- (ब) हकरा
- (स) नेका
- (द) लकरा
उत्तर : हकरा
व्याख्या :
घग्घर नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश में कालका के निकट शिवालिका की पहाड़ियों से होता है। यह नदी पंजाब व हरियाणा में बहकर हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी नामक स्थान पर प्रवेश करती है और भटनेर दुर्ग के पास जाकर समाप्त हो जाती है। किन्तु कभी-2 अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में यह नदी गंगानगर जिले में प्रवेश करती है और गंगानगर के सुरतगढ़ और अनुपगढ़ जिले में बहती हुई पाकिस्तान के बहावलपुर जिले (प्रवेश बिन्दू बिजौर) में प्रवेश करती है और अन्त में फोर्ट अब्बास नामक स्थान पर समाप्त हो जाती है। पाकिस्तान में इस नदी को “हकरा” (फारसी भाषा का शब्द) के नाम से जानी जाती है।
- प्रश्न 78 किस जिले में नारायण सागर बांध स्थित है -
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- (अ) सीकर
- (ब) अजमेर
- (स) कोटा
- (द) उदयपुर
उत्तर : अजमेर
व्याख्या :
नारायण सागर अजमेर जिले में स्थित है।
- प्रश्न 79 जैसलमेर में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा विकसित मौलिक पारम्परिक वर्षा जल संचयन पत्रति का नाम है -
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- (अ) बावड़ी
- (ब) कुण्ड
- (स) खड़ीन
- (द) उकेरी
उत्तर : खड़ीन
व्याख्या :
खड़ीन का प्रचलन 15वी शताब्दी में जैसलमेर के पालीवाल ब्राह्मणों ने किया था। यह ढाल युक्त भूमि पर दो तरफ मिट्टी की दीवार(पाल) और तीसरी तरफ पक्का अवरोध बनाकर निर्मित की जाती है। पाल 2 से 4 मीटर लंबी होती है। खड़ीन का विस्तार 5 से 7 किलोमीटर तक होता है।
- प्रश्न 80 निम्नांकित में से कौन सी नदी बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र में सम्मिलित नहीं है -
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- (अ) पार्वती नदी
- (ब) परवन नदी
- (स) सीप नदी
- (द) अनास नदी
उत्तर : अनास नदी
व्याख्या :
अनास का उद्गम मध्यप्रदेश में आम्बेर गाँव के निकट विंध्याचल की पहाड़ियाँ है। यह राजस्थान में बाँसवाड़ा के मेलेडिखेड़ा गाँव के पास प्रवेश करती है व डूंगरपुर में गलियाकोट के निकट माही में मिल जाती है। यह अरब सागर के अपवाह तंत्र में सम्मिलित है।
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