राजस्थान में 1857 की क्रांति
- प्रश्न 81 1857 की क्रांति के समय मेजर स्पोटिसवुड तथा कर्नल न्यूबारी की हत्या किस छावनी में की गयी थी -
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- (अ) नीमच
- (ब) ब्यावर
- (स) नसीराबाद
- (द) खैरवाड़ा
उत्तर : नसीराबाद
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये। मेजर स्पोटिस वुड एवं न्यूबरी की हत्या के बाद शेष अंग्रेजों ने नसीराबाद छोड़ दिया।
- प्रश्न 82 1857 की क्रांति के समय कोटा में प्रमुख नेता जयदयाल तथा मेहराब खां क्रमशः कहां के निवासी थे -
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- (अ) मथुरा, धौलपुर
- (ब) मथुरा, करौली
- (स) धौलपुर, कोटा
- (द) कोटा, झालावाड़
उत्तर : मथुरा, करौली
व्याख्या :
महराब खान कोटा सेना के रिसालदार और करौली के रहने वाले थे। लाला जयदयाल का जन्म भरतपुर के कामा में हुआ था, वे कोटा विद्रोह के प्रमुख नेता थे।
- प्रश्न 83 1857 ईस्वी के विप्लव के समय ‘राजपुताना रेजीडेन्सी’ में ‘एजेन्ट टु गवर्नर जनरल’ (ए जी जी) कौन था -
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- (अ) मेजर बर्टन
- (ब) विलियम ईडन
- (स) कैप्टन शाॅवर्स
- (द) पैट्रिक लारेन्स
उत्तर : पैट्रिक लारेन्स
व्याख्या :
1857 ई. की क्रान्ति के समय ए.जी.जी. जॉर्ज पैट्रिक लॉरेन्स था।
- प्रश्न 84 तांत्या टोपे को किस व्यक्ति ने विश्वासघात कर अंग्रेजों के हाथों पकड़वा दिया -
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- (अ) कुशालसिंह
- (ब) कोठारिया के ठाकुर जोधसिंह
- (स) नरवर के जागीरदार मानसिंह
- (द) सलूम्बर के रावत केसरीसिंह
उत्तर : नरवर के जागीरदार मानसिंह
व्याख्या :
21 जनवरी को तात्या सीकर पहुँचा, मण्डावा के आनन्दसिंह ने तात्या का सहयोग किया। नरवर के सामन्त मानसिंह ने धोखे से तात्या को नरवर के जंगलों में पकड़वा दिया।
- प्रश्न 85 मोती खान और शीतल प्रसाद 1857 के विद्रोह के दौरान निम्नलिखित में से किस छावनी के विद्रोहियों से संबंधित थे?
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- (अ) नीमच
- (ब) नसीराबाद
- (स) एरिनपुरा
- (द) ब्यावर
उत्तर : एरिनपुरा
व्याख्या :
21 अगस्त, 1857 को जोधपुर सेना ने मोती खां, तिलकराम और शीतल प्रसाद के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया और “चलो दिल्ली, मारो फिरंगी” के नारे के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए।
- प्रश्न 86 सुमेलित कीजिए -
1, 2, 3, 4रियासत 1857 की क्रान्ति के समय पाॅलिटिकल एजेंट 1. मारवाड़ अ. मैक मोसन 2. मेवाड़ ब. मेजर शावर्स 3. जयपुर स. कर्नल ईडन 4. कोटा द. मेजर बर्टन -
- (अ) अ, ब, स, द
- (ब) अ, ब, द, स
- (स) अ, स, द, ब
- (द) द, स, ब, अ
उत्तर : अ, ब, स, द
व्याख्या :रियासत पॉलिटिकल एजेन्ट शासक जयपुर ईडन रामसिंह-द्वितीय कोटा बर्टन रामसिंह-द्वितीय जोधपुर GH. मेकमोसन तख्त सिंह उदयपुर शावर्स स्वरूप सिंह सिरोही जे.डी. हॉल शिवसिंह भरतपुर मॉरीसन जसवंत सिंह धौलपुर निक्सन भगवन्त सिंह बाँसवाड़ा कर्नल रांक लक्ष्मण सिंह
- प्रश्न 87 ‘चलो दिल्ली ! मारो फिरंगी !’ का नारा राजस्थान के कहाँ के क्रांतिकारियों ने दिया था -
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift -
- (अ) एरिनपुरा छावनी
- (ब) नीमच छावनी
- (स) नसीराबाद छावनी
- (द) खैरवाड़ा छावनी
उत्तर : एरिनपुरा छावनी
व्याख्या :
21 अगस्त, 1857 को जोधपुर लीजियन के सैनिकों ने विद्रोह कर आबू में अंग्रेज सैनिकों पर हमला कर दिया। यहाँ से ये एरिनपुरा आ गये, जहाँ इन्होंने छावनी को लूट लिया तथा जोधपुर लीजियन के शेष सैनिकों को अपनी ओर मिलाकर “चलो दिल्ली, मारो फिरंगी” के नारे लगाते हुए दिल्ली की ओर चल पड़े।
- प्रश्न 88 निम्नलिखित में से कौन सा स्थल राजस्थान में 1857 की क्रान्ति का केन्द्र नहीं था -
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- (अ) अजमेर
- (ब) जयपुर
- (स) नीमच
- (द) आऊवा
उत्तर : जयपुर
व्याख्या :
यहाँ विलायत खाँ, सादुल खाँ व उस्मान खाँ ने अंग्रेज रोधी कार्य किए। किन्तु शासक रामसिंह ने अंग्रेजों की तन-मन-धन से सहायता की, अंग्रेजों ने इन्हें सितार-ए-हिन्द की उपाधि व कोटपूतली की जागीर दी। जयपुर राजस्थान की एकमात्र ऐसी रियासत थी, जिसकी जनता व राजा दोनों ने मिलकर अंग्रेजों का साथ दिया।
- प्रश्न 89 1857 में नसीराबाद में विद्रोह करने वाली बटालियन थी -
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- (अ) 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेण्टरी
- (ब) बॉम्बेलांसर्स
- (स) 30वीं बंगाल नेटिव इन्फेण्टरी
- (द) मेरवाड़ा बटालियन
उत्तर : 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेण्टरी
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये।
- प्रश्न 90 राजस्थान के कोटा राज्य में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व करने वाले थे -
Rajasthan Patwar 2021 (24 Oct 2021 ) 2nd shift -
- (अ) लाला हरदयाल तथा महावत खाँ
- (ब) खुशालसिंह तथा रामसिंह
- (स) लाला जयदयाल तथा मेहराब खाँ
- (द) पं. नयनूराम शर्मा तथा विजयसिंह पथिक
उत्तर : लाला जयदयाल तथा मेहराब खाँ
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। विद्रोही सेना का नेतृत्व रिसालदार मेहराबखाँ और लाला जयदयाल कर रहे थे। कोटा महाराव की स्थिति असहाय हो गयी।
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