राजस्थान में 1857 की क्रांति
- प्रश्न 86 सुमेलित कीजिए -
1, 2, 3, 4रियासत 1857 की क्रान्ति के समय पाॅलिटिकल एजेंट 1. मारवाड़ अ. मैक मोसन 2. मेवाड़ ब. मेजर शावर्स 3. जयपुर स. कर्नल ईडन 4. कोटा द. मेजर बर्टन -
- (अ) अ, ब, स, द
- (ब) अ, ब, द, स
- (स) अ, स, द, ब
- (द) द, स, ब, अ
उत्तर : अ, ब, स, द
व्याख्या :रियासत पॉलिटिकल एजेन्ट शासक जयपुर ईडन रामसिंह-द्वितीय कोटा बर्टन रामसिंह-द्वितीय जोधपुर GH. मेकमोसन तख्त सिंह उदयपुर शावर्स स्वरूप सिंह सिरोही जे.डी. हॉल शिवसिंह भरतपुर मॉरीसन जसवंत सिंह धौलपुर निक्सन भगवन्त सिंह बाँसवाड़ा कर्नल रांक लक्ष्मण सिंह
- प्रश्न 87 ‘चलो दिल्ली ! मारो फिरंगी !’ का नारा राजस्थान के कहाँ के क्रांतिकारियों ने दिया था -
Rajasthan Patwar 2021 (23 Oct 2021) 1st shift -
- (अ) एरिनपुरा छावनी
- (ब) नीमच छावनी
- (स) नसीराबाद छावनी
- (द) खैरवाड़ा छावनी
उत्तर : एरिनपुरा छावनी
व्याख्या :
21 अगस्त, 1857 को जोधपुर लीजियन के सैनिकों ने विद्रोह कर आबू में अंग्रेज सैनिकों पर हमला कर दिया। यहाँ से ये एरिनपुरा आ गये, जहाँ इन्होंने छावनी को लूट लिया तथा जोधपुर लीजियन के शेष सैनिकों को अपनी ओर मिलाकर “चलो दिल्ली, मारो फिरंगी” के नारे लगाते हुए दिल्ली की ओर चल पड़े।
- प्रश्न 88 निम्नलिखित में से कौन सा स्थल राजस्थान में 1857 की क्रान्ति का केन्द्र नहीं था -
-
- (अ) अजमेर
- (ब) जयपुर
- (स) नीमच
- (द) आऊवा
उत्तर : जयपुर
व्याख्या :
यहाँ विलायत खाँ, सादुल खाँ व उस्मान खाँ ने अंग्रेज रोधी कार्य किए। किन्तु शासक रामसिंह ने अंग्रेजों की तन-मन-धन से सहायता की, अंग्रेजों ने इन्हें सितार-ए-हिन्द की उपाधि व कोटपूतली की जागीर दी। जयपुर राजस्थान की एकमात्र ऐसी रियासत थी, जिसकी जनता व राजा दोनों ने मिलकर अंग्रेजों का साथ दिया।
- प्रश्न 89 1857 में नसीराबाद में विद्रोह करने वाली बटालियन थी -
-
- (अ) 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेण्टरी
- (ब) बॉम्बेलांसर्स
- (स) 30वीं बंगाल नेटिव इन्फेण्टरी
- (द) मेरवाड़ा बटालियन
उत्तर : 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेण्टरी
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये।
- प्रश्न 90 राजस्थान के कोटा राज्य में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व करने वाले थे -
Rajasthan Patwar 2021 (24 Oct 2021 ) 2nd shift -
- (अ) लाला हरदयाल तथा महावत खाँ
- (ब) खुशालसिंह तथा रामसिंह
- (स) लाला जयदयाल तथा मेहराब खाँ
- (द) पं. नयनूराम शर्मा तथा विजयसिंह पथिक
उत्तर : लाला जयदयाल तथा मेहराब खाँ
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। विद्रोही सेना का नेतृत्व रिसालदार मेहराबखाँ और लाला जयदयाल कर रहे थे। कोटा महाराव की स्थिति असहाय हो गयी।
- प्रश्न 91 ___ राजस्थान में पहला स्थान था जहां 1857 का विद्रोह शुरू हुआ था।
Raj Police Constable Exam (6 Nov 2020 S-2) -
- (अ) नसीराबाद
- (ब) गंगापुर
- (स) कोटा
- (द) भीलवाड़ा
उत्तर : नसीराबाद
व्याख्या :
राजस्थान में क्रांति का प्रारम्भ 28 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी के 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री के सैनिकों द्वारा हुआ। नसीराबाद छावनी के सैनिकों में 28 मई, 1857 को विद्रोह कर छावनी को लूट लिया तथा अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों पर आक्रमण किये।
- प्रश्न 92 किस वर्ष में आउवा का युद्ध हुआ था -
Raj Police Constable Exam (7 Nov 2020 S-2) -
- (अ) 1800 में
- (ब) 1850 में
- (स) 1857 में
- (द) 1875 में
उत्तर : 1857 में
व्याख्या :
आउवा का युद्ध : ब्रिगेडियर होम्स के अधीन एक सेना ने 20 जनवरी, 1858 को आउवा पर आक्रमण कर दिया। विजय की उम्मीद न रहने पर कुशालसिंह ने सलूंबर (केसरी सिंह) में शरण ली। उसके बाद ठाकुर पृथ्वीसिंह (कुशालसिंह का छोटा भाई) ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया।
- प्रश्न 93 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय मारवाड़ में निम्नलिखित में से किस ‘कुलदेवी’ की मूर्ति प्ररेणास्रोत थी -
Raj Police Constable Exam (8 Nov 2020 S-1) -
- (अ) देवी काली
- (ब) सुगाली माता
- (स) कैला देवी
- (द) देवी दुर्गा
उत्तर : सुगाली माता
व्याख्या :
आउवा के किले में सुगाली माता की दुर्लभ मूर्ति स्थापित की गई थी। सुगाली माता आउवा की कुलदेवी रही हैं। काले पत्थर से बनी यह देवी प्रतिमा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा भी थी।
- प्रश्न 94 नीमच छावनी से विद्रोही सैनिक दिल्ली जाते समय किस छावनी में पहुंचे -
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- (अ) निम्बाहेड़ा
- (ब) कोटा
- (स) देवली
- (द) नसीराबाद
उत्तर : देवली
व्याख्या :
नसीराबाद की क्रांति की सूचना नीमच पहुँचने पर 3 जून, 1857 को नीमच छावनी के भारतीय सैनिकों ने हीरासिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। नीमच छावनी के सैनिक चित्तौड़, हम्मीरगढ़ तथा बनेड़ा में अंग्रेज बंगलों को लूटते हुए शाहपुरा पहुँचे। यहाँ के सामन्त उम्मेदसिंह ने इनको रसद की आपूर्ति की। यहाँ से ये सैनिक निम्बाहेड़ा पहुँचे, जहाँ जनता ने इनका स्वागत किया। इन सैनिकों ने देवली छावनी (5 जून, 1857) को घेर लिया, छावनी के सैनिकों ने इनका साथ दिया।
- प्रश्न 95 1822 ई. में गठित मेरवाड़ा बटालियन का मुख्यालय था –
VDO Exam 1st Shift 27 Dec 2021 -
- (अ) जहाजपुर
- (ब) नसीराबाद
- (स) ब्यावर
- (द) देवली
उत्तर : ब्यावर
व्याख्या :
1822 में गठित मेरवाड़ बटालियन का मुख्यालय ब्यावर था।
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