राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 91 निम्नलिखित में से कौन-सा Bshw प्रकार की जलवायु दर्शाता है -
Junior Instructor(Eco. Investigator) -
- (अ) जालौर
- (ब) गंगानगर
- (स) बीकानेर
- (द) डूंगरपुर
उत्तर : जालौर
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 92 थोर्नट्वेट वर्गीकरण के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा बांसवाड़ा व डूंगरपुर की जलवायु को दर्शाता है -
Junior Instructor(Eco. Investigator) -
- (अ) EA′d
- (ब) CA′w
- (स) DB′W
- (द) DA′w
उत्तर : CA′w
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।- CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
- DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
- DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
- EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
- प्रश्न 93 निम्न में से किस प्रदेश में स्टेपी प्रकार की वनस्पति पायी जाती है -
Junior Instructor(copa) -
- (अ) शुष्क
- (ब) अर्द्ध शुष्क
- (स) आर्द्र
- (द) उप-आर्द्र
उत्तर : अर्द्ध शुष्क
व्याख्या :
अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश में स्टेपी प्रकार की वनस्पति व घास के मैदान पाये जाते है। इस क्षेत्र में राजस्थान के बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, नागौर, चूरू, सीकर, झुंझुनू और हनुमानगढ़ जिले शामिल हैं।
- प्रश्न 94 सूखा सम्भावित क्षेत्र कार्यक्रम कब लागू किया गया -
Junior Instructor(copa) -
- (अ) 1974-75
- (ब) 1977-78
- (स) 1985-86
- (द) 1966-67
उत्तर : 1974-75
व्याख्या :
सूखा संभावित क्षेत्र विकास कार्यक्रम चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) के दौरान शुरू किया गया था।
- प्रश्न 95 30 वर्ष से अधिक समयावधी की औसत वायुमण्डलीय दशाओं को कहते हैं -
Junior Instructor(fitter) -
- (अ) मौसम
- (ब) जलवायु
- (स) ऋतु
- (द) चक्रवात
उत्तर : जलवायु
व्याख्या :
किसी भू-भाग पर लंबी अवधि (30 वर्ष से अधिक) के दौरान विभिन्न समूहों में विविध मौसमों की औसत अवस्था उस भू- भाग की जलवायु कहलाती है।
- प्रश्न 96 राजस्थान के चूरू जिले में कोपेन वर्गीकरण के अनुसार किस प्रकार की जलवायु स्थित है -
Junior Instructor(fitter) -
- (अ) Aw
- (ब) Bwhw
- (स) Cwg
- (द) Amw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 97 थोर्नट्वेट के वर्गीकरण के अनुसार निम्न में से कौन-सी ऊष्णकटिबन्धीय मरूस्थलीय जलवायु को दर्शाता है -
Junior Instructor(fitter) -
- (अ) DB′W
- (ब) EA′d
- (स) DA′w
- (द) CA′w
उत्तर : EA′d
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।- CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
- DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
- DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
- EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
- प्रश्न 98 उत्तर-पूर्वी राजस्थान की जलवायु है -
JSA Ballistic-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) अर्द्ध-शुष्क
- (ब) आर्द्र
- (स) उप-आर्द्र
- (द) अति-आर्द्र
उत्तर : अर्द्ध-शुष्क
व्याख्या :
उत्तर-पूर्वी राजस्थान की जलवायु अर्द्ध-शुष्क है। इसमें चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, द. बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर व बीकानेर का पूर्वी भाग तथा पाली, जालौर, सीकर,नागौर, डीडवाना कुचामन व झुझुनू का पश्चिमी भाग शामिल है।
- प्रश्न 99 निम्नलिखित में से किस स्थान पर राजस्थान में साधारणतः सर्वाधिक वर्षा दर्ज की जाती है -
JSA Serology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) नाथद्वारा
- (ब) मा. आबु
- (स) प्रतापगढ़
- (द) रावतभाटा
उत्तर : मा. आबु
व्याख्या :
राजस्थान का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान - माउण्ट आबु(120-140 सेमी.) है यहीं पर वर्षा के सर्वाधिक दिन(48 दिन) मिलते हैं।
- प्रश्न 100 मानचित्र में छायांकित क्षेत्र प्रदर्शित करता है -
COMPILER Exam 2016 -
- (अ) 80 से.मी. से अधिक वर्षा के क्षेत्र
- (ब) 60 से 70 से.मी. वर्षा के क्षेत्र
- (स) 50 से 60 से. मी. वर्षा के क्षेत्र
- (द) 50 से. मी. से कम वर्षा के क्षेत्र
उत्तर : 80 से.मी. से अधिक वर्षा के क्षेत्र
व्याख्या :
मानचित्र में छायांकित क्षेत्र 80 से.मी. से अधिक वर्षा क्षेत्र को प्रदर्शित करता है।
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