राजस्थान में 1857 की क्रांति
- प्रश्न 96 1857 की क्रांति के समय भरतपुर रियासत में ब्रिटिश पॉलिटिकल एजेन्ट कौन था -
VDO Exam 2nd Shift 27 Dec 2021 -
- (अ) मॉरिसन
- (ब) बर्टन
- (स) मेसन
- (द) शावर्स
उत्तर : मॉरिसन
व्याख्या :
1857 की क्रांति के समय भरतपुर रियासत में ब्रिटिश पॉलिटिकल एजेन्ट मॉरिसन था। 1857 में भरतपुर पर पोलिटिकल एजेन्ट का शासन था। अतः भरतपुर की सेना विद्रोहियों को दबाने के लिए भेजी गयी। परन्तु भरतपुर की मेव व गुर्जर जनता ने क्रांतिकारियों का साथ दिया।
- प्रश्न 97 1857 की क्रांति प्रारंभ होने के समय राजस्थान में अंग्रेज़ी सैनिकों की कितनी छावनियाँ थी -
VDO Exam 1st Shift 28 Dec 2021 -
- (अ) 5
- (ब) 6
- (स) 3
- (द) 4
उत्तर : 6
व्याख्या :
1857 की क्रांति प्रारम्भ होने के समय राजपूताना में 6 सैनिक छावनियाँ थी।- नसीराबाद (अजमेर) : 15वीं बंगाल पैदल सेना
- नीमच (मध्यप्रदेश) : फर्स्ट बंगाल केवेलरी
- देवली (टोंक) : कोटा कन्टिनजेन्ट
- ब्यावर : मेर रेजीमेन्ट
- एरिनपुरा (पाली) : जोधपुर लीजन
- खेरवाड़ा (उदयपुर) : मेवाड़ भील कोर
- प्रश्न 98 अंग्रेज़ों को ‘मुल्क रा मीठा ठग’ किसने कहा -
VDO Exam 2nd Shift 28 Dec 2021 -
- (अ) नाथूसिंह महियारिया ने
- (ब) शंकरदान सामौर ने
- (स) केसरी सिंह बारहट ने
- (द) बांकीदास ने
उत्तर : शंकरदान सामौर ने
व्याख्या :
शंकरदान सामौर ने अंग्रेजों को मुल्क रा मीठा ठग कहा था।
- प्रश्न 99 1857 के विद्रोह का कोटा में नेतृत्व किसने किया था -
VDO Exam 2nd Shift 28 Dec 2021 -
- (अ) श्रवण सिंह और जयवीर
- (ब) मकबूल खां और बख्त सिंह
- (स) राम सिंह और तख्त सिंह
- (द) जयदयाल और मेहराब खां
उत्तर : जयदयाल और मेहराब खां
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। विद्रोही सेना का नेतृत्व रिसालदार मेहराबखाँ और लाला जयदयाल कर रहे थे। कोटा महाराव की स्थिति असहाय हो गयी।
- प्रश्न 100 राजस्थान में छावनी मण्डल की स्थापना कहाँ की गई है?
VDO Exam 2nd Shift 28 Dec 2021 -
- (अ) चित्तौड़गढ़
- (ब) ब्यावर
- (स) नसीराबाद
- (द) भिवाड़ी
उत्तर : नसीराबाद
व्याख्या :
छावनी बोर्ड नसीराबाद की स्थापना वर्ष 1818 में हुई थी। नसीराबाद छावनी नगरपालिका, राजस्व और भूमि मामलों और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए छावनी बोर्ड द्वारा प्रशासित है।
- प्रश्न 101 प्रारंभिक समय में उम्मेदपुरा की छावनी के नाम से प्रसिद्ध शहर था -
-
- (अ) झालावाड़
- (ब) चित्तौड़
- (स) उदयपुर
- (द) भरतपुर
उत्तर : झालावाड़
व्याख्या :
झालावाड़ शहर की स्थापना झाला जालिम सिंह (प्रथम) ने की थी, जो कोटा राज्य के तत्कालीन दीवान (1791 ई.) थे। उन्होंने इस बस्ती की स्थापना की थी, जिसे उस समय छावनी उम्मेदपुरा के नाम से जाना जाता था।
- प्रश्न 102 दफेदार मोती खां एवं सूबेदार शीतल प्रसाद जिनके नेतृत्व में एरिनपुरा छावनी के पूर्बिया सैनिकों ने क्रांति का सूत्रपात किया, किस सैनिक संगठन से संबंधित थे -
-
- (अ) जोधपुर लीजन
- (ब) शेखावाटी ब्रिगेड
- (स) मेरवाड़ा बटालियन
- (द) मेवाड़ भील कोर
उत्तर : जोधपुर लीजन
व्याख्या :
1835 ई. में अंग्रेजों ने जोधपुर की सेना के सवारों पर अकुशल होने का आरोप लगाकर जोधपुर लीजियन का गठन किया। इसका केन्द्र एरिनपुरा रखा गया। 21 अगस्त, 1857 को जोधपुर लीजियन के सैनिकों ने विद्रोह कर आबू में अंग्रेज सैनिकों पर हमला कर दिया। यहाँ से ये एरिनपुरा आ गये, जहाँ इन्होंने छावनी को लूट लिया तथा जोधपुर लीजियन के शेष सैनिकों को अपनी ओर मिलाकर “चलो दिल्ली, मारो फिरंगी” के नारे लगाते हुए दिल्ली की ओर चल पड़े।
- प्रश्न 103 अक्टूबर, 1857 में विद्रोह के समय कोटा में अंग्रेज पोलिटीकल एजेन्ट कौन था -
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- (अ) रिचर्ड
- (ब) मेजर बर्टन
- (स) पैथिक लॉरेन्स
- (द) जॉर्ज लॉरेन्स
उत्तर : मेजर बर्टन
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। 14 अक्टूबर, 1857 को कोटा के पोलिटिकल एजेन्ट मेजर बर्टन ने कोटा महाराव रामसिंह द्वितीय से भेंट कर अंग्रेज विरोधी अधिकारियों को दण्डित करने का सुझाव दिया।
- प्रश्न 104 1857 की क्रांति के समय धौलपुर का शासक था –
RSMSSB VDO Mains 2022 -
- (अ) कीरत सिंह
- (ब) उदयभान सिंह
- (स) भगवन्त सिंह
- (द) राम सिंह
उत्तर : भगवन्त सिंह
व्याख्या :
धौलपुर महाराजा भगवन्त सिंह अंग्रेजों का पक्षधर था। अक्टूबर, 1857 में ग्वालियर तथा इंदौर के क्रांतिकारी सैनिकों ने धौलपुर में प्रवेश किया। धौलपुर राज्य की सेना तथा अधिकारी क्रांतिकारियों से मिल गये।
- प्रश्न 105 1857 के विद्रोह के समय कोटा प्रान्त का राजनीतिक एजेंट कौन था -
Police Constable Exam (02 July 2022) (Re Exam) -
- (अ) मेजर बर्टन
- (ब) मैक मेसों
- (स) कर्नल मोरिसन
- (द) जे.डी. हॉल
उत्तर : मेजर बर्टन
व्याख्या :
कोटा में राजकीय सेना तथा आम जनता ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। 14 अक्टूबर, 1857 को कोटा के पोलिटिकल एजेन्ट मेजर बर्टन ने कोटा महाराव रामसिंह द्वितीय से भेंट कर अंग्रेज विरोधी अधिकारियों को दण्डित करने का सुझाव दिया।
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