राजस्थान की जलवायु
- प्रश्न 96 राजस्थान के चूरू जिले में कोपेन वर्गीकरण के अनुसार किस प्रकार की जलवायु स्थित है -
Junior Instructor(fitter) -
- (अ) Aw
- (ब) Bwhw
- (स) Cwg
- (द) Amw
उत्तर : Bwhw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
- प्रश्न 97 थोर्नट्वेट के वर्गीकरण के अनुसार निम्न में से कौन-सी ऊष्णकटिबन्धीय मरूस्थलीय जलवायु को दर्शाता है -
Junior Instructor(fitter) -
- (अ) DB′W
- (ब) EA′d
- (स) DA′w
- (द) CA′w
उत्तर : EA′d
व्याख्या :
थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।- CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश
- DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश
- DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
- EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवायु
- प्रश्न 98 उत्तर-पूर्वी राजस्थान की जलवायु है -
JSA Ballistic-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) अर्द्ध-शुष्क
- (ब) आर्द्र
- (स) उप-आर्द्र
- (द) अति-आर्द्र
उत्तर : अर्द्ध-शुष्क
व्याख्या :
उत्तर-पूर्वी राजस्थान की जलवायु अर्द्ध-शुष्क है। इसमें चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, द. बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर व बीकानेर का पूर्वी भाग तथा पाली, जालौर, सीकर,नागौर, डीडवाना कुचामन व झुझुनू का पश्चिमी भाग शामिल है।
- प्रश्न 99 निम्नलिखित में से किस स्थान पर राजस्थान में साधारणतः सर्वाधिक वर्षा दर्ज की जाती है -
JSA Serology-2019(Rajasthan Gk) -
- (अ) नाथद्वारा
- (ब) मा. आबु
- (स) प्रतापगढ़
- (द) रावतभाटा
उत्तर : मा. आबु
व्याख्या :
राजस्थान का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान - माउण्ट आबु(120-140 सेमी.) है यहीं पर वर्षा के सर्वाधिक दिन(48 दिन) मिलते हैं।
- प्रश्न 100 मानचित्र में छायांकित क्षेत्र प्रदर्शित करता है -
COMPILER Exam 2016 -
- (अ) 80 से.मी. से अधिक वर्षा के क्षेत्र
- (ब) 60 से 70 से.मी. वर्षा के क्षेत्र
- (स) 50 से 60 से. मी. वर्षा के क्षेत्र
- (द) 50 से. मी. से कम वर्षा के क्षेत्र
उत्तर : 80 से.मी. से अधिक वर्षा के क्षेत्र
व्याख्या :
मानचित्र में छायांकित क्षेत्र 80 से.मी. से अधिक वर्षा क्षेत्र को प्रदर्शित करता है।
- प्रश्न 101 राजस्थान में प्रवेश करने वाले पश्चिम विक्षोभ की उत्पत्ति कौन से क्षेत्र से होती है -
-
- (अ) अरब सागर
- (ब) हिन्द महासागर
- (स) बंगाल की खाड़ी
- (द) भूमध्य सागर
उत्तर : भूमध्य सागर
व्याख्या :
भूमध्यसागरीय मानसून राजस्थान में पश्चिमी दिशा से प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभों का मानसून के उपनाम से जाना जाता है। इस मानसून से राजस्थान में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में वर्षा होती है। यह मानसून मुख्यतः सर्दीयों में वर्षा करता है सर्दियों में होने वाली वर्षा को स्थानीय भाषा में मावठ कहते हैं यह वर्षा गेहुं की फसल के लिए सर्वाधिक लाभदायक होती है।
- प्रश्न 102 थार मरूस्थल में रात्रि का तापमान गर्मियों में अचानक गिर जाता है क्योंकि -
-
- (अ) निम्न सापेक्षिक आर्द्रता, दिन में ऊंचा तापक्रम एवं बादलों का अभाव
- (ब) झीलों की उपस्थिति, अधिवासों की विरलाता एवं उच्च वायुवेग
- (स) वातावरण की शुष्कता, स्वच्छ आकाश, मिट्टी की बलुई प्रकृति, वनस्पति का अभाव
- (द) वायुमण्डलीय दबाव के कम होने, नग्न चट्टानों की उपस्थित, बालू के टिलों की उपस्थिति के कारण
उत्तर : वातावरण की शुष्कता, स्वच्छ आकाश, मिट्टी की बलुई प्रकृति, वनस्पति का अभाव
व्याख्या :
थार मरुस्थल में दिन और रात के तापमान में बहुत अंतर होता है। गर्मियों में दिन का तापमान 50°C तक हो सकता है, जबकि रात में यह 15°C तक गिर सकता है। तापमान में भारी बदलाव का मुख्य कारण रेगिस्तानी हवा का अत्यधिक शुष्क होना है। विश्व एटलस के अनुसार, हवा में मौजूद जलवाष्प एक विशाल अदृश्य कंबल की तरह जमीन के करीब गर्मी को पकड़ लेता है और इसे वायुमंडल में फैलने से रोकता है।उच्च आर्द्रता वाली हवा को भी गर्म होने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, अर्थात उस ऊर्जा को नष्ट होने और आसपास के वातावरण को ठंडा होने में भी अधिक समय लगता है।इसलिए, रेगिस्तानों में नमी की कमी इन शुष्क स्थानों को जल्दी गर्म होने के साथ-साथ तेजी से ठंडा भी करती है।
- प्रश्न 103 राजस्थान में किस दिशा में वर्षा कम होती जाती है -
-
- (अ) उत्तर से दक्षिण
- (ब) पश्चिम से पूर्व
- (स) उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व
- (द) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
उत्तर : दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
व्याख्या :
राजस्थान में वर्षा की मात्रा दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर घटती है। अरब सागरीय मानसुन हवाओं से राज्य के दक्षिण व दक्षिण पूर्वी जिलों में पर्याप्त वर्षा हो जाती है। वर्षा की मात्रा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर भी घटती है।
- प्रश्न 104 पूर्व दिशा से राजस्थान में चलने वाली हवा को क्या कहा जाता है -
-
- (अ) पुरवाई
- (ब) लू
- (स) पछुआ
- (द) पश्चिमी विक्षोभ
उत्तर : पुरवाई
व्याख्या :
बंगाल की खाड़ी का मानसून राजस्थान में पूर्वी दिशा से प्रवेश करता है। पूर्वी दिशा से प्रवेश करने के कारण मानसूनी हवाओं को पूरवइयां के नाम से जाना जाता है यह मानसून राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा करवाता है इस मानसून से राजस्थान के उत्तरी, उत्तरी-पूर्वी, दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में वर्षा होती है।
पूर्व की ओर से आने वाली हवा - पूरवईयां, पूरवाई, पूरवा, आगुणी
- प्रश्न 105 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार झुंझुनू जिले की जलवायु किस कोटि में रखी जा सकती है -
-
- (अ) Aw
- (ब) Bshw
- (स) Bwhw
- (द) Cwg
उत्तर : Bshw
व्याख्या :
जर्मन मौसमवेत्ता व्लादिमिर कोपेन ने जलवायु प्रदेशो के निर्धारण के लिए चार चरों – वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान, वार्षिक एवं मासिक वर्षा,तथा वनस्पति का प्रयोग किया।- Aw उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
- Bshw अर्द्ध शुष्क कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Bwhw उष्ण कटिबंधीय शुष्क जलवायु प्रदेश
- Cwg उप आर्द्र जलवायु प्रदेश
page no.(11/24)