राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय
- प्रश्न 1 राजस्थान में धार्मिक आन्दोलन को प्रारम्भ करने का श्रेय किस संत को दिया जाता है -
Junior Instructor ((ESR) Exam 2024 -
- (अ) जसनाथजी को
- (ब) पीपा को
- (स) हरिदासजी को
- (द) धन्ना को
उत्तर : धन्ना को
व्याख्या :
त्कालीन समाज के धार्मिक जीवन को नया मोड़ देने में जाट भक्त धन्ना ने अभूतपूर्व योगदान किया था। कहा जाता है कि राजस्थान में धार्मिक आंदोलन की शुरुआत करने वाले संत धन्ना ही थे।
- प्रश्न 2 निम्न में से राजस्थान के कौन-से संत गागरोण के खीची राजपूत शासक थे -
Junior Instructor (ED) Exam 2024 -
- (अ) धन्ना
- (ब) पीपा
- (स) दादूदयाल
- (द) रामदास
उत्तर : पीपा
व्याख्या :
संत पीपा गागरोण (झालावाड़) के खीची राजपूत शासक थे, जिन्होंने भक्ति आंदोलन में योगदान दिया। शासक रहते हुए उन्होंने दिल्ली के तत्कालीन सुल्तान फिरोज तुगलक से लोहा लेकर विजय प्राप्त की थी, किन्तु युद्धजन्य उन्माद, हत्या, लूट-खसोट के वातावरण और जमीन से जल तक के रक्तपात को देख उन्होंने तलवार तथा गागरोन की राजगद्दी का त्याग कर दिया था। ऐसे त्याग के तत्काल बाद उन्होंने काशी जाकर स्वामी रामानन्द का शिष्यत्व ग्रहण किया।
- प्रश्न 3 बिश्नोई संप्रदाय के प्रवर्तक कौन थे -
Junior Instructor(CLIT) Exam 2024 -
- (अ) रामदेवजी
- (ब) जसनाथजी
- (स) दादूजी
- (द) जांभोजी
उत्तर : जांभोजी
व्याख्या :
जांभोजी का जन्म 1451 में राजस्थान के नागौर के पिपासर गांव में हुआ था। उन्होंने 1485 में बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की।
- प्रश्न 4 निम्नलिखित में से कौन निर्गुण उपासना का अनुयायी था - (निम्न में से सबसे उपयुक्त विकल्प चुनेः)
CET 2024 (12th Level) 24 October Shift-I -
- (अ) दादू दयाल
- (ब) रतन सिंह
- (स) राम चरनजी
- (द) मीरा बाई
उत्तर : दादू दयाल
व्याख्या :
दादू दयाल निर्गुण भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत थे।
निर्गुण भक्ति धारा : दादू सम्प्रदाय, लालदासी सम्प्रदाय, प्राणना थी सम्प्रदाय, रामस्नेही सम्प्रदाय, राजा राम सम्प्रदाय, अलखिया सम्प्रदाय, निरजंनी सम्प्रदाय
दादू सम्प्रदाय
संस्थापक - दादू दयाल जी
दादूदयाल जी का जन्म 1544 ई. में अहमदाबाद (गुजरात) में हुआ।
इस सम्प्रदाय का उपनाम कबीरपंथी सम्प्रदाय है।
दादूदयाल जी के गुरू वृद्धानंद जी (कबीर वास जी के शिष्य) थे।
ग्रन्थ -दादू वाणी, दादू जी रा दोहा
- प्रश्न 5 दादू दयाल का जन्म हुआ था:
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-II -
- (अ) कोटा में
- (ब) अहमदाबाद में
- (स) नागौर में
- (द) बीकानेर में
उत्तर : अहमदाबाद में
व्याख्या :
संत दादू दयाल का जन्म अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था।
- प्रश्न 6 निम्न में से कौन सी रचना (Text) जम्भोजी द्वारा रचित है?
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-I -
- (अ) मुकाम
- (ब) विश्रोई धर्मप्रकाश
- (स) अमावस्या ऑफ फागुन
- (द) अलख निरंजन
उत्तर : विश्रोई धर्मप्रकाश
व्याख्या :
जंभोजी (विश्नोई समाज के संस्थापक) ने “विश्नोई धर्मप्रकाश” की रचना की।
- प्रश्न 7 धन्ना किसका शिष्य था -
CET 2024 (12th Level) 23 October Shift-I -
- (अ) कबीर
- (ब) पीपा
- (स) रामानन्द
- (द) दादू दयाल
उत्तर : रामानन्द
व्याख्या :
संत धन्ना, संत रामानंद के शिष्य थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक हैं।
- प्रश्न 8 संतों का जीवन वृत्तांत जो राजस्थानी भाषा में काव्य रुप में उपलब्ध है, कहलाता है: ______
CET 2024 (12th Level) 22 October Shift-II -
- (अ) वचनिका
- (ब) दावावैत
- (स) परची
- (द) वात
उत्तर : परची
व्याख्या :
परची एक साहित्यिक रूप है जिसमें संतों के जीवन और शिक्षाओं का विवरण होता है।
- प्रश्न 9 नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन (I): दादूदयाल (राजस्थान के कबीर) का जन्म अलवर के धोलीदुब/दोलीदुब गाँव में 1542 AD में फाल्गुन शुक्ल नवमी को हुआ था।
कथन (II): दादू ने सामान्य भाषा (साधुक्कडी) में ब्रह्म, जीव, जगत और मोक्ष पर अपने उपदेश दिए।
उपरोक्त कथनों के आलोक में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर चुनें।
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-2 -
- (अ) कथन (I) गलत है, लेकिन कथन (II) सही है।
- (ब) कथन (I) और कथन (II) दोनों सही हैं।
- (स) कथन (I) और कथन (II) दोनों गलत हैं।
- (द) कथन (I) सही है, लेकिन कथन (II) गलत है।
उत्तर : कथन (I) गलत है, लेकिन कथन (II) सही है।
व्याख्या :
राजस्थान के कबीर कहे जाने वाले संत दादू दयाल का जन्म चैत्र शुक्ला अष्टमी वि. सं. 1601 (सन् 1544) को अहमदाबाद में हुआ था परंतु इनकी कर्मभूमि राजस्थान ही रही। उन्होंने अपने उपदेश साधुक्कड़ी (ढुढाडी व हिन्दी का मिश्रण) भाषा में दिए।
संत लाल दास जी का जन्म अलवर के पास धोलीदुब नामक ग्राम में हुआ था।
- प्रश्न 10 ‘वागड़ की मीरा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध है?
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-1 -
- (अ) गवरी बाई
- (ब) पन्ना धाय
- (स) राणा बाई
- (द) कर्मावती
उत्तर : गवरी बाई
व्याख्या :
गवरी बाई को उनकी भक्ति और समर्पण के कारण ‘वागड़ की मीरा’ कहा जाता है। उन्होंने मीरा बाई की तरह अपनी भक्ति और रचनाओं से प्रसिद्धि पाई।
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