बजट निर्माण
- प्रश्न 1 निम्नलिखित में से किस निधि से सरकार के सभी व्यय किए जाते हैं और संसद के प्राधिकार के बिना इसमें से कोई राशि आहरित नहीं की जा सकती है -
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-1 -
- (अ) लोक लेखा
- (ब) निजी लेखा
- (स) आकस्मिकता निधि
- (द) समेकित निधि
उत्तर : समेकित निधि
व्याख्या :
संविधान के अनुच्छेद 267 के तहत गठित भारत की संचित निधि सबसे महत्वपूर्ण सरकारी खातों में से एक है। प्रत्यक्ष करों, अप्रत्यक्ष करों और राजस्व के अन्य स्रोतों (अपवादात्मक मदों को छोड़कर) के माध्यम से उत्पन्न सभी आय भारत की संचित निधि का हिस्सा हैं।
- प्रश्न 2 जब सरकार उसके द्वारा संग्रहित राजस्व के बराबर राशि व्यय करती है, उसे कहा जाता है:
CET 2024 (Graduate) 28 September 2024 Shift-1 -
- (अ) संतुलित बजट
- (ब) समान बजट
- (स) घाटे का बजट
- (द) अधिशेष बजट
उत्तर : संतुलित बजट
व्याख्या :
संतुलित बजट वह होता है जिसमें सरकार के खर्च और राजस्व बराबर होते हैं, न तो घाटा और न ही अधिशेष।
- प्रश्न 3 निम्नलिखित में से कौन सा कर, भारत सरकार के लिए सर्वाधिक राजस्व का उपार्जन करता है -
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-2 -
- (अ) निगमित (कॉरपोरेट) कर
- (ब) आय कर
- (स) बिक्री कर
- (द) सीमा शुल्क
उत्तर : निगमित (कॉरपोरेट) कर
व्याख्या :
भारत में सबसे अधिक राजस्व निगमित कर से आता है, जो कंपनियों की आय पर लगाया जाता है।
- प्रश्न 4 निम्नलिखित में से किस बजट वर्ष से रेलवे का बजट संघ के बजट में शामिल किया गया -
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-1 -
- (अ) 2017-18
- (ब) 2018-19
- (स) 2015-16
- (द) 2016-17
उत्तर : 2017-18
व्याख्या :
2017-18 से रेलवे का बजट केंद्र सरकार के सामान्य बजट में विलय कर दिया गया। इससे रेलवे को वित्तीय सुधार और समेकन का लाभ मिला।
- प्रश्न 5 भारत में पहली बार बजट प्रणाली कब लागू की गई थी -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - L2) -
- (अ) 1867
- (ब) 1860
- (स) 1897
- (द) 1890
उत्तर : 1860
व्याख्या :
भारत में बजट प्रणाली का प्रारंभिक स्वरूप ब्रिटिश शासन के दौरान विकसित हुआ था। 1860 में पहली बार भारत में बजट पेश करने की परंपरा स्थापित की गई थी। इससे पहले, वित्तीय मामलों का प्रबंधन ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्वतंत्र रूप से किया जाता था।
- प्रश्न 6 एक ........ तब होता है जब किसी सरकार का कुल व्यय उस आय से अधिक होता है, जो उधार के पैसे को छोड़कर उत्पन्न होती है।
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- (अ) चालू खाता घाटा
- (ब) बजट घाटा
- (स) राजस्व घाटा
- (द) राजकोषीय घाटा
उत्तर : राजकोषीय घाटा
व्याख्या :
सरकार के कुल राजस्व प्राप्ति और उस राजस्व प्राप्ति से अधिक सरकार द्वारा किए गए व्यय के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। इससे पता चलता है कि सरकार को कामकाज चलाने के लिए कितनी उधारी की जरुरत होगी। कुल राजस्व का हिसाब-किताब लगाने में उधारी को शामिल नहीं किया जाता है। राजकोषीय घाटा आमतौर पर राजस्व में कमी या पूंजीगत व्यय में अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है।
- प्रश्न 7 ऐसी स्थिति जिसमें सरकार का व्यय, उसके राजस्व से अधिक हो जाता है, क्या कहलाती है -
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- (अ) आर्थिक रुग्णता
- (ब) चूक
- (स) अवमूल्यन
- (द) वित्त की कमी
उत्तर : वित्त की कमी
व्याख्या :
जब सरकार राजस्व प्राप्ति से अधिक व्यय करती है तो स्थिति को बजटीय घाटा या वित्त की कमी कहते है। बजटीय घाटा को पूरा करने के लिए सरकार रिजर्व बैंक से नकदी शेष की निकासी, ट्रेजरी बिल का निर्गमन, मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि करती है इसे घाटे की वित्त व्यवस्था कहते हैं। अवमूल्यन में किसी देश की मुद्रा की विनिमय दर अन्य देशों की मुद्राओं से कम कर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
- प्रश्न 8 बजट में राजस्व घाटा होता है :
Supervisor (women empowerment) Exam 2018 -
- (अ) कुल प्राप्तियाँ > कुल व्यय
- (ब) पूँजीगत व्यय > पूँजीगत तथा राजस्व प्राप्तियाँ
- (स) राजस्व व्यय > राजस्व प्राप्तियाँ
- (द) राजस्व व्यय = राजस्व प्राप्तियाँ
उत्तर : राजस्व व्यय > राजस्व प्राप्तियाँ
व्याख्या :
बजट में घाटे के विभिन्न रूप हो सकते हैं जो प्राप्तियों और व्यय के प्रकार पर निर्भर करते हैं। राजस्व घाटा वह होता है जो तब होता है जब सरकार का कुल राजस्व व्यय उसकी कुल राजस्व प्राप्तियों से अधिक होता है।
- प्रश्न 9 बजट चक्र का अंग नहीं है-
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- (अ) बजट तैयार करना
- (ब) बजट का निष्पादन
- (स) बजटरी मूल्यांकन
- (द) पुस्तकों का संधारण
उत्तर : पुस्तकों का संधारण
व्याख्या :
बजट चक्र में चार चरण होते हैं:- तैयारी और प्रस्तुतीकरण
- अनुमोदन
- निष्पादन
- लेखापरीक्षा और मूल्यांकन
- प्रश्न 10 बजट प्रपत्र तथा प्रक्रिया की बाह्य ऑडिट किसके द्वारा की जाती है?
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- (अ) वित्त विभाग द्वारा
- (ब) उच्चतम न्यायालय द्वारा
- (स) नियंत्रक एवं महालेखाकार द्वारा
- (द) महान्यायवादी द्वारा
उत्तर : नियंत्रक एवं महालेखाकार द्वारा
व्याख्या :
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक संविधान में निर्धारित एकमात्र प्राधिकारी है जिसे राज्यों के संघ के लेखाओं की लेखापरीक्षा का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का यह कर्तव्य है कि वह संघ और प्रत्येक राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों की प्राप्तियों और व्यय की लेखापरीक्षा करे।
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