राजकोषीय नीति और मौद्रिक नीति
- प्रश्न 1 जिस दर से भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है, उसे _____ कहते हैं।
CET 2024 (Graduate) 27 September 2024 Shift-1 -
- (अ) एस. एल. आर.
- (ब) रेपो रेट
- (स) सी. आर. आर.
- (द) रिवर्स रेपो रेट
उत्तर : रेपो रेट
व्याख्या :
रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है। यह मौद्रिक नीति का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
- प्रश्न 2 निम्नलिखित में से कौन राजकोषीय नीति तैयार करता है -
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- (अ) आरबीआई
- (ब) सेबी
- (स) आईआरडीए
- (द) वित्त मंत्रालय
उत्तर : वित्त मंत्रालय
व्याख्या :
वित्त मंत्रालय भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है, यह राजकोषीय नीति तैयार करता है इसके अलावा यह कराधान, वित्तीय संस्थाओं, पूँजी बाजार, केन्द्र तथा राज्यों के वित्त और केन्द्रीय बजट से जुड़े मामले देखता है। वर्तमान में भारत के वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण हैं।
- प्रश्न 3 भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य ______ को बनाए रखना होता है -
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- (अ) विनिमय दर
- (ब) विकास
- (स) संपत्ति
- (द) मूल्य स्थिरता
उत्तर : मूल्य स्थिरता
व्याख्या :
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) हर दूसरे महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा करता है इस पर अर्थव्यवस्था से जुड़े पक्षों की करीबी नजर होती है इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए नीतिगत ब्याज दरे घटाने या बढ़ाने का फैसला किया जाता है। ध्यातव्य है कि मौद्रिक नीति ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में पैसे की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। इससे कई मकसद साधे जाते है, जैसे महंगाई पर अंकुश, कीमतों में स्थिरता और टिकाऊ आर्थिक विकास दर का लक्ष्य हासिल करना शामिल है। रोजगार के अवसर तैयार करना भी इसके उद्देश्यों में से एक है।
- प्रश्न 4 जब राजकोषीय घाटा अधिक होता है, तो क्या होता है -
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- (अ) कीमतें बढ़ जाती हैं
- (ब) कीमतें घट जाती है
- (स) कीमतें स्थिर बनी रहती हैं
- (द) कीमतों पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता
उत्तर : कीमतों पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता
व्याख्या :
राजकोषीय घाटा अधिक होने पर कीमतों पर सीधा असर नहीं पड़ता है। सरकार की कुल आय और व्यय के अन्तर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। राजकोषीय घाटे की भरपाई आमतौर पर केन्द्रीय बैंक (रिजर्व बैंक) से उधार लेकर की जाती है या इसके लिए छोटी और लंबी अवधि के बॉण्ड के जरिये पूंजी बाजार से फंड जुटाया जाता है। वहीं सरकार की राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय के अंतर को राजस्व घाटा कहते है। इससे सरकार के मौजूदा खर्च और आमदनी का पता चलता है।
- प्रश्न 5 निम्नांकित में से कौन राजकोषीय नीति का उपकरण नहीं हैं -
RAS (Pre) Exam - 2023 -
- (अ) सार्वजनिक व्यय
- (ब) ब्याज दर
- (स) हीनार्थ प्रबन्ध
- (द) करारोपण
उत्तर : ब्याज दर
व्याख्या :
राजकोषीय नीति अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के लिए सरकारी खर्च और कराधान का उपयोग है।सरकारें आमतौर पर स्थायी और सतत विकास को बढ़ावा देने और गरीबी को कम करने के लिए राजकोषीय नीति का उपयोग करती हैं। राजकोषीय नीति के उपकरण नहीं हैं: बैंक दर, निजी निवेश, ब्याज दर। ब्याज दर मौद्रिक नीति का उपकरण है।
- प्रश्न 6 निम्नलिखित में से कौन सा समीकरण सकल राजकोषीय घाटे के सूत्र को दर्शाता है -
RAS (Pre) Exam - 2023 -
- (अ) सकल राजकोषीय घाटा = प्राथमिक घाटा + विदेशों से प्राप्त शुद्ध उधार
- (ब) सकल राजकोषीय घाटा = कुल व्यय - राजस्व प्राप्तियाँ
- (स) सकल राजकोषीय घाटा = राजस्व घाटा + पूंजी व्यय
- (द) सकल राजकोषीय घाटा = शुद्ध घरेलू उधार + आर.बी.आई. से उधार + विदेशी उधार
उत्तर : सकल राजकोषीय घाटा = शुद्ध घरेलू उधार + आर.बी.आई. से उधार + विदेशी उधार
व्याख्या :
सरकार पैसा उधार लेकर राजकोषीय घाटे को पूरा करती है। एक तरह से, एक वित्तीय वर्ष में सरकार की कुल उधार आवश्यकताएं उस वर्ष में राजकोषीय घाटे के बराबर होती हैं।
- प्रश्न 7 मौद्रिक नीति का उद्देश्य नहीं है -
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- (अ) विदेशों से ऋणों की व्यवस्था करना
- (ब) विदेशी विनिमय की स्थिरता
- (स) आर्थिक असमानता में कमी
- (द) आर्थिक संवृद्धि में वृद्धि
उत्तर : विदेशों से ऋणों की व्यवस्था करना
व्याख्या :
भुगतान संतुलन में स्थिरता, विनिमय स्थिरता, स्थिर मूल्य स्तर और आर्थिक स्थितियों में सुधार ये सभी आरबीआई मौद्रिक नीति के मुख्य उद्देश्य हैं।
- प्रश्न 8 ______ सरकार के कराधान और व्यय निर्णयों से संबंधित है -
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- (अ) मौद्रिक नीति
- (ब) श्रम बाजार नीतियां
- (स) व्यापार नीती
- (द) राजकोषीय नीति
उत्तर : राजकोषीय नीति
व्याख्या :
राजकोषीय नीति सरकार के कराधान और व्यय निर्णयों से संबंधित है।
- प्रश्न 9 मुद्रा का विमुद्रीकरण (पुरानी मुद्रा को रद्द कर नई मुद्रा प्रचलित करना) कब किया जाता है -
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- (अ) अत्यधिक मुद्रा स्फीति में
- (ब) मुद्रा अपस्फीति में
- (स) अत्यधिक बेरोजगारी की स्थिति में
- (द) विदेशी विनिमय दर को नियंत्रित करने हेतु
उत्तर : अत्यधिक मुद्रा स्फीति में
- प्रश्न 10 बैंक दर या बट्टा दर (Discount Rate) होती है-
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- (अ) केन्द्रीय बैंक द्वारा जनता से प्राप्त जमा पर दिये गये ब्याज की दर।
- (ब) व्यापारिक बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के बिलों की कटौती पर वसूली गई ब्याज दर।
- (स) रिजर्व बैंक द्वारा व्यापारिक बैंकों द्वारा बट्टा किये गये बिलों की पुनर्कटौती पर वसूल की गई ब्याज (बट्टा) दर।
- (द) केन्द्रीय बैंक द्वारा अपने पास वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जमा कराये गये नकद कोषों पर ब्याज की दर ।
उत्तर : रिजर्व बैंक द्वारा व्यापारिक बैंकों द्वारा बट्टा किये गये बिलों की पुनर्कटौती पर वसूल की गई ब्याज (बट्टा) दर।
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