तहसील - 16 पंचायत समिति - 9 संभाग - अजमेर
अजमेर नगर की स्थापना चैहान राजा अजयराज ने की। इस नगर का मूल नाम ‘अजयमेरू‘ था।
1नवम्बर 1956 को राजस्थान का 26 वां जिला अजमेर बना।
अजमेर ‘राजस्थान का हृदय‘, ‘भारत का मक्का‘, ‘राजपूताना की कुंजी‘ के नाम से प्रसिद्ध है।
एकीकरण के समय राजस्थान का एकमात्र केन्द्र शासित प्रदेश - अजमेर - मेरवाड़ा।
अजमेर - मेरवाड़ा का प्रथम व एकमात्र मुख्यमंत्री - हरिभाऊ उपाध्याय।
अजमेर - मेरवाड़ा राजस्थान में 1 नवम्बर 1956 को राज्य पुर्नगठन आयोग की सफारिश पर राजस्थान में मिलाया।(सातवां चरण)।
यह राजस्थान का अन्तर्वर्ती जिला जिसकी सीमा किसी भी अन्य राज्य या देश से नहीं लगती।
राजस्थान के अजमेर जिले की आकृति त्रिभूजाकार मानी गई।
अजमेर जिला राजस्थान का एक खण्डित जिला है, जो अजमेर व टाॅड़गढ़ में विभक्त है।
न्युनतम अन्तर्राज्यीय सीमा बनाने वाला संभाग।
राजस्थान का मध्यवर्ती संभाग।
सभी छः संभागों की सीमा से लगने वाला संभाग।
यह राजस्थान का संपूर्ण साक्षर जिला है।
अरावली पर्वतमाला का सबसे कम विस्तार अजमेर जिले में है।
अरावली पर्वतमाला - मध्यवर्ती अरावली प्रदेश मुख्यतः अजमेर जिले में फैला है।
मध्यवर्ती अरावली की सबसे ऊंची चोटी तारागढ़(873 मी.) अजमेर है।
बिठली/बिठड़ी - तारागढ़ अजमेर।
लूनी नदी - लूनी नदी, अजमेर के नाग पहाड़ से निकलती है।
रूपनगढ़ नदी - यह सलेमाबाद अजमेर से निकलती है।
आनासागर झील - आनासागर झील का निर्माण अर्णोराज द्वारा करवाया गया, जिसके किनारे जहांगीर द्वारा दौलतबाग एवं शाहजहां द्वारा बारहदरी का निर्माण करवाया गया।
फाॅय सागर झील - फाॅय सागर झील का निर्माण बाण्डी नदी(उत्पाती नदी) के पानी को रोककर किया गया। इसे अंग्रेज इजि. फाॅय के निर्देशन में बनाया गया। इसलिए इसे फाॅय सागर कहते हैं।
पुष्कर झील - अजमेर के पुष्कर में स्थित, पुष्कर झील राजस्थान का सबसे पवित्र सरोवर माना जाता है। इसलिए इसे ‘पांचनातीर्थ‘, ‘तीर्थराज‘, ‘कोंकणातीर्थ‘ व ‘तीर्थों का मामा‘ भी कहते हैं।
बीसलसागर झील(मिठे पानी की झील) - अजमेर।
नारायण सागर परियोजना - अजमेर।
रावली टाॅडगढ़ अभ्यारण्य - राजसमंद, पाली, अजमेर।
सोंकलिया अजमेर, राज्य पक्षी गोडावन के लिए प्रसिद्ध है।
ब्रह्मा मंदिर - पुष्कर में स्थित विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर।
सावित्री मंदिर - पुष्कर में पर्वत पर सावित्री जी का मंदिर।
गायत्री मंदिर - पुष्कर के उत्तर में पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध गायत्री मंदिर।
आंतेड़ी की छतरियां - अजमेर में जैन सम्प्रदाय की छतरियां।
पृथ्वीराज स्मारक - तारागढ़ पहाड़ी पर पृथ्वीराज तृतिय का स्मारक 13 जनवरी 1996 को राष्ट्र को समर्पित।
घोड़े की मजार - अजमेर में तारागढ़ पर हजरत मिरां साहब के परिसर में उनके प्रिय घोड़े की मजार।
घोड़े की मजार, भारत में केवल अजमेर में ही है।
तारागढ़ दुर्ग - अजयमेरू, गढ़बीठली के नाम से प्रसिद्ध अजमेर दुर्ग का निर्माण चैळान शासक अजयपाल ने करवाया था।
चस्मा-ए-नुर - बादशाह जहांगीर द्वारा पहाड़ी की घाटी में बनाया गया महल।
अकबर के किले(मैग्जीन) को दौलत खाना भी कहते हैं।
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा - मुल रूप से यह चैहान राजा बीसलदेव द्वारा निर्मित संस्कृत पाठशाला थी, जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने अढ़ाई दिन के झोंपड़े में बदल दिया।
सोनी जी नसियां - यह सेठ मूलचंद द्वारा बनाया गया जैन सम्प्रदाय के प्रथम तीर्थकर आदिनाथ जी का प्रसिद्ध मंदिर है।
सलेमाबाद - यहां निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है।
मांगलीया बास - अजमेर में 800 वर्ष पुराना कल्पवृक्ष(खेजड़ी) का जोड़ा।
मेयो काॅलेज की स्थापना अक्टूबर 1875 में गवर्नर जनरल व वायसराय के प्रयासों से हुई।
राजस्थान पर्यटन विकास की दृष्टि से यह जिला मेरवाड़ा सर्किट में आता है।
कार्तिक महोत्सव - पुष्कर अजमेर में।
कार्तिक पशु मेला - पुष्कर, अजमेर।
बादशाह की सवारी ब्यावर अजमेर में होली पर निकाली जाती है।
बकरी विकास एवं चारा उत्पादन केन्द्र रामसर, अजमेर।(पशु सम्पदा)
रामसर - केन्द्रीय बकरी प्रजनन एवं अनुसंधान केन्द्र।
कुक्कुड़ शाला - अजमेर।
ऊनीं कंबल, दरियां अजमेर के प्रसिद्ध है।
तबीची - यहां देश का प्रथम बीज मसाला अनुसंधान केन्द्र स्थापित है।
राजस्थान का एक सरकारी पशु आहार केन्द्र तबीजी, अजमेर में है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सूती मिलें
महालक्ष्मी मिल्स ली. - ब्यावर।
एडवर्ड मिल्स ली. - ब्यावर।
विजय काॅटन मिल्स ली. - विजयनगर।
निजी क्षेत्र में द कृष्णा मिल्स ली., ब्यावर में है।
श्री सीमेन्ट - ब्यावर अजमेर।
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