तहसील - 7 संभाग - जोधपुर
बाड़मेर जिले का पुनर्गठन कर नया जिला बालोतरा गठित किया गया है जिसका मुख्यालय बालोतरा होगा। नवगठित बालोतरा जिले में 7 तहसील (पचपदरा, कल्याणपुर, सिवाना, समदड़ी, बायतु, गिड़ा, सिणधरी) हैं। अभी तक जारी आधिकारिक मानचित्र और जानकारी के अनुसार बालोतरा को तहसील नहीं बनाया गया है।
उपनाम – बाला की ढाणी, वस्त्र नगरी, पोपलिन नगरी।
पचपदरा झील बालोतरा जिले की पचपदरा तहसील में स्थित है। पचपदरा झील देश की सबसे खारी झील है। इस झील का निर्माण पंचा नामक भील द्वारा दलदल को सुखा कर करवाया गया था।
श्रीमती सोनिया गांधी ने 22 सितम्बर 2013 को पचपदरा (बालोतरा) के साजियावाली गाँव में रिफाईनरी का शिलान्यास किया था। इसके बाद इस रिफाइनरी में कुछ परिवर्तन और अपग्रेड के बाद दूसरी बार उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2018 को किया। पंचपदरा में हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कोर्पोरेशन लिमिटेड(एचपीसीएल) व राजस्थान सरकार दोनों की सहायता रिफाइनरी लगाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट में केन्द्र व राज्य का हिस्सा 74:26 है।
बायतु तेल का कुंआ बालोतरा में है।
संत पीपा जी का मंदिर लुणी नदी के किनारे समदड़ी में है।
सिवाना दुर्ग (बालोतरा) का निर्माण राजा भोज के बेटे वीर नारायण पंवार ने 10वीं शताब्दी में करवाया था। इस दुर्ग को ‘जालौर दुर्ग की कुञ्जी’ कहते हैं। अलाउद्दीन खिलजी ने किले को जीतकर उसका नाम ‘खेराबाद’ कर दिया।
छप्पन की पहाड़ीयां पिपलुद/पीपलून (बलोतरा) में है। इन्हीं पहाडिय़ों के बीच स्थित है तीर्थ स्थान हल्देश्वर महादेव।
मल्लीनाथ पशु मेला पचपदरा तहसील के तिलवाड़ा नाम के गाँव में लगता है। यह राजस्थान के प्रसिद्ध पशु मेलों में से एक है जो कि लूनी नदी के किनारे आयोजित होता है। यहां पर चैत्र मास में पशु मेला भरता है।
आसोतरा, ब्रह्मऋषि संत खेताराम जी महाराज द्वारा निर्मित दुनिया का दूसरा ब्रह्मा मंदिर हैं। विश्व का सबसे बड़ा और पहला मंदिर पुष्कर में बना हुआ हैं।
नाकोड़ा पर्वत/छप्पन की पहाड़ीयां - बाड़मेर के सिवाणा ग्रेनाइट पर्वतीय क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ीयों का समुह नकोड़ा पर्वत या छप्पन की पहाड़ीयां कहलाता है।(भौगोलिक नाम)
मालानी - बालोत्तरा व जालौर के मध्य का भू-भाग।
लुणी नदी बालोतरा में दक्षिण में मुड जाती है। यहीं से इसका जल खारा हो जाता है। और बालोतरा से आगे लोग इसके किनारे पानी सुखाकर नमक तैयार करते हैं।
सुकड़ी नदी पाली के देसुरी से निकलती है, पाली और जालौर में बहते हुए बालोतरा के समदड़ी में यह लुणी में मिल जाती है।
नाकोड़ा - जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जिसे मेवनगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां के आदिनाथ व शांतिनाथ के मंदिर प्रसिद्ध है।
पालिया गाँव, तिलवाड़ा में राणी रूपादे मंदिर स्थित है।
श्री राणी भटियाणी मंदिर जसोल, पचपदरा में स्थित है।
गोयनेश्वर महादेव मंदिर डंडाली गाँव (बायतु) में स्थित है।
खेड़ वैष्णव सम्प्रदाय का तीर्थ स्थल है। लूनी नदी के किनारे स्थित इस स्थान पर श्री रणछोड़ राय जी का मंदिर है। यह स्थल रेबारी जाति के लिए आस्था का केंद्र है।
बाँकीदास का जन्म भान्डियावास,पंचपदरा हुआ, इन्हें मारवाड़ का बीरबल भी कहा जाता है।
अजरक प्रिन्ट - बालोत्तरा (लाल व नीले रंग की ओढ़णी)।
मलीर प्रिन्ट - बालोत्तरा (काला व कत्थई रंग लालीमा लिये हुए)।
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