तहसील - 12 संभाग - जोधपुर
बाड़मेर की स्थापना बाहड़ शासक राव पंवार या परमार ने की। बाड़मेर का नाम भी इन्हीं के बनाये हुए किले के नाम पर पड़ा बाड़मेर यानि बाड़ का पहाड़ी किला।
रेडक्लिफ रेखा राज्य के दक्षिण पश्चिम में बाड़मेर के बाखासर गांव(शाहगढ़) तक वितृत है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर से 228 कि.मी. सीमा लगती है।
सबसे कम अन्तराज्यीय सीमा बनाने वाला जिला बाड़मेर है।
गोड़वाड़ - बाड़मेर,सांचौर, जालौर, सिरोही।
इन्दिरा गांधी नहर परियोजना को हरिके बैराज से बाड़मेर के गडरा रोड़ तक नहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर व बाड़मेर को जलआपूर्ति हो सके।
नर्मदा घाटी परियोजना - 28 मार्च 2008 को नर्मदा नहर के माध्यम से नर्मदा नदी का पानी राजस्थान में पहुंचा इस परियोजना से वर्तमान में बाड़मेर की गुढा मलानी तहसील व सांचैर की सांचैर तहसील लाभान्वित हो रही है।
बायतु से 27 किमी. दुर बटाडू गांव है, जहां विश्व प्रसिद्ध संगमरमर का कुआं (बाटाडू कुआँ) है। इसका निर्माण ठाकुर गुलाब सिंह द्वारा क्षेत्र के निवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए किया गया था।
मरू उद्यान - जैसलमेर व बाड़मेर में।
किराडू - इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है। यहां पांच मंदिर विद्यमान है। यह विष्णु व शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, यहां सोमेश्वर मंदिर सबसे बड़ा व प्रमुख मंदिर है।
आलम जी का मेला - धोरीमना, बाड़मेर।
गडरा का शहीद स्मारक - 1965 के भारत-पाक युद्ध में शहिद हुए रेलवे कर्मचारियों की समृति में निर्मित स्मारक।
मलाणी घोड़े की नस्ल - बाड़मेर।
होली पर इलो जी की सवारी बाड़मेर जिले में निकाली जाती है।
अन्राष्ट्रीय थार महोत्सव - बाड़मेर।
बैलुन महोत्सव - बाड़मेर।
राजस्थान में लिग्नाइट गोयले पर आधारित प्रथम विधुत संयंत्र गिरल बाड़मेर में है।
बाड़मेर जिले के शिव बायतू, गुडा मलानी आदि क्षेत्रों में पैट्रोलियम के भण्डार मिले हैं।
बाड़मेर जिले का चौहटन क्षेत्र गोंद के लिए भारत भर में प्रसिद्ध है।
यहां आप राजस्थान के मानचित्र से जिला चुन कर उस जिले से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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