तहसील - 4 पंचायत समिति - 3 संभाग - जोधपुर
जैसलमेर की स्थापना भाटी राजपुत राव जैसल द्वारा त्रिकुट पहाड़ी पर की।
मार्च 1949 में जैसलमेर रियासत को वृहद राजस्थान में शामिल किया गया और 6 अक्टूबर 1949 में जैसलमेर पृथक जिला बना।
जैसलमेर सुवर्णनगरी,रेगिस्तान का गुलाब, राजस्थान का अण्डमान, हवेलियों व झरोकों की नगरी के नाम से विख्यात है।
जनतांत्रिक व पूर्ण उत्तरदायी शासन की स्थापना न करने वाली रियासत - जैसलमेर।(एकीकरण)
माल/वल्ल - जैसलमेर का भौगोलिक नाम।
थार का मरूस्थल विश्व का सर्वाधिक आबाद व वनस्पति वाला मरूस्थल है।
ईश्वरी सिंह ने थार के मरूस्थल “रूक्ष क्षेत्र” कहा।
ओला व कुंडा (प्राचिन सभ्यताएं) - जैसलमेर।
राजस्थान का पश्चिमी विस्तार कटरा सम जैसलमेर तक है।
रेडक्लिफ रेखा से जैसलमेर की सीमा सर्वाधिक(464 किमी.) लगती है।
रेडक्लिफ रेखा पर क्षेत्रफल में सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है।
राजस्थान में जिले के क्षेत्रफल में सबसे कम वन जैसलमेर में है।
राजस्थान का सबसे शुष्क स्थान सम जैसलमेर है।
सर्वाधिक दैनिक तापान्तर वाला जिला जैसलमेर। (राजस्थान की जलवायु)
राजस्थान में न्यूनतम आर्द्रता वाला जिला जैसलमेर।
जिला स्तर पर न्यूनतम वर्षा वाला जिला जैसलमेर(10 सेमी.)
राजस्थान में होने वाली वर्षा के दिनों की न्यूनतम संख्या वाला जिला।
राजस्थान में सबसे कम वर्षा वाला स्थान सम जैसलमेर (5सेमी.)।
पश्चिमी रेगिस्तान क्षेत्र के जैसमेर व बाड़मेर जिले शुष्क सघनता वाले जिले हैं।
राष्ट्रीय मरूउद्यान - राजस्थान का सबसे बड़ा वन्यजीव अभ्यारण जो आकल(गांव का नाम) वुड फोसिल(जीवाश्म उद्यान) के लिए प्रसिद्ध है।.
इन्दिरा गांधी नहर परियोजना का द्वितिय चरण जैसलमेर के मोहनगढ़ कस्बे में पूरा हुआ इसलिए मोहनगढ़ कस्बे को इन्दिरा गांधी नहर परियोजना का जीरा पाइन्ट कहते हैं।
कावोद - खारे पानी की झील।
पोकरण - खारे पानी की झील।
चंदन नलकूप - जैसलमेर जिले के चांदन गांव में स्थापना की गई जिसे थार का घड़ा कहते हैं।
लाठी सीरिज क्षेत्र - जैसलमेर में पोकरण से मोहनगढ़ तक पाकिस्तानी सीमा के सहारे विस्तृत एक भूगर्भिक मीठे जल की पेटी। इस लाठी सीरिज पर सेवण घास उगती है। सोनार किला - पीले पत्थरों से बिना चुने के जोड़ के बना विशाल दुर्ग जो सुर्य की रोशनी में सोने समान आभा बिखेरता है, इसी कारण इसे सोनार का किला कहा जाता है। इसके अन्य नाम त्रिकूटगढ़, गोरहरागढ़, जैसाणगढ़ आदि।
रामदेवरा - लोक देवता बाबा रामदेव जी का तीर्थ स्थल, यहां रामदेव का जन्म स्थान, परचा बावड़ी रामदेव सरोवर आदि हैं।
तनोट माता - तनोट माता भाटी शासकों की कुल देवी मानी जाती है। इस देवी मंदिर में वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल के जवान पुजा करते हैं।
पटवों की हवेली - इसे पांच भाइयों ने मिलकर बनाया था। यह चित्रकारी व नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान में प्राकृतिक गैंस पर आधारित प्रथम विधुत संयंत्र रामगढ़ जैसलमेर है।
राजस्थान में सार्वजनिक क्षेत्र में प्रथम पवन ऊर्जा संयंत्र 1999 में अमर सागर जैसलमेर में लगाया।
राजस्थान में सौर ऊर्जा उपक्रम क्षेत्र(SEEZ) - जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर को घोषित किया गया है। जैसलमेर राजस्थान पर्यटन विकास की दृष्टि से मरू त्रिकोण में आता है।
अन्तर्राष्ट्रीय मरू महोत्सव - जैसलमेर।
पतंग महोत्सव - जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर।
नाचना ऊंट - सवारी व तेज दौड़ की दृष्टि से महत्वपूर्ण।
जैसलमेर जिले में गणगौर(चेत्र शुक्ल चतुर्थी) पर केवल गौर की सवारी निकाली जाती है। ईसर की नहीं ।
जैसलमेर जिले के घोटारू नामक स्थान पर हिलियम गैंस के भण्डार तथा तनोट, मनीहारी, टिब्बा स्थान पर प्राकृतिक गैंस के भण्डार मिले हैं।
यहां आप राजस्थान के मानचित्र से जिला चुन कर उस जिले से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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