तहसील - 5 पंचायत समिति - 5 संभाग - उदयपुर
प्रतापसिंह ने 1699 में प्रतापगढ़ कस्बे की स्थापना की। बाद में यह देवगढ़ की राजधानी बना।
प्रतापगढ़ राजस्थान के उदयपुर संभाग का जिला है, जो 26 जनवरी 2008 को राज्य का 33 वां जिला बना। 1 अप्रैल 2008 से जिले के रूप में कार्य शुरू किया।
कांठल - माही नदी के किनारे - किनारे प्रतापगढ़ का भू-भाग कांठल कहलाता है, इसलिए माही नदी को कांठल की गंगा कहते हैं।( भौगोलिक नाम)
छप्पन का मैदान - बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ के मध्य का भू-भाग छप्पन का मैदान कहलाता है।
माही नदी - माही नदी मध्यप्रदेश के अममोरू(धार) से निकलती है, राजस्थान में बांसवाड़ा के खांदू गांव से प्रवेश करती है। बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ की सीमा पर बहते हुए, डुंगरपुर, बांसवाड़ा की सीमा बनाते हुए गुजरात में प्रवेश करती है।
जाखम नदी - जाखम नदी प्रतापगढ़ जिले की छोटी सादड़ी में स्थित भंवर माता की पहाड़ी से निकलती है।
जाखम बांध - प्रतापगढ़।
जाखम परियोजना - जाखम परियोजना 1962 में प्रारम्भ की गई, यह चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ मार्ग पर अनुपपुरा गांव में बनी हुई है। यह राजस्थान का सबसे ऊंचाई पर स्थित बांध है।
सीतामाता अभयारण्य - सीतामाता अभयारण्य धरियावाद एवं चित्तोड़गढ़ की बड़ी सादड़ी तहसील में फैला है। यह राजस्थान का एकमात्र सागवान के वानों का अभ्यारण्य है। यह अभ्यारण्य चितल व उड़न गिलहरी के लिए प्रसिद्ध है। इसमें हिमालय के बाद अत्यधिक दुर्लभ औषधियां पाई जाती है। इस अभ्यारण्य में दो जल स्त्रोत हैं जिन्हें लव-कुश के नाम से जाना जाता है।
जाखम बांध - जाखम नदी पर प्रतापगढ़ में बना बांध।
निमाड़ी - प्रतापगढ़ के कुछ भाग में बोली जाती है, यह मालवी की उपबोली है।
थेवा कला(कांच पर हरे रंग की स्वर्णीम नक्काशी) - प्रतापगढ़।
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