तहसील - 8 पंचायत समिति - 6 संभाग - अजमेर
टोंक रियासत की स्थापना अमिर खां पिण्डारी ने 1817 ई. में की थी, तब यह राज्य की एकमात्र मुस्लिम रियासत थी।इसे ‘नवाबों का शहर‘ भी कहते हैं।
टोंक एक अन्तर्वर्ती जिला है, जिसकी सीमा किसी भी अन्य राज्य या देश से नहीं लगती है।
इस जिले की आकृति पतंगाकार मानी जाती है।
राजस्थान में शिकार पर प्रतिबन्ध सर्वप्रथम टोंक रियासत ने लगाया।
भारत में केवल दो मुस्लिम रियासतें टोंक व पालनपुर(गुजरात)।
टोंक रियासत एकीकरण के समय पाकिस्तान में मिलना चाहती थी।
चौरासी, नागर चोल बोली टोंक में बोली जाने वाली ढुढाड़ी की उपबोली है।
नगर सभ्यता - टोंक।
रेड सभ्यता - लोहे के भण्डार प्राप्त हुए थे, इसी कारण इसे भारत का ‘प्राचिन टाटा‘ नगर कहते हैं।
बीसलपुर परियोजना - टोंक जिले के टोडाराय कस्बे में बनास नदी पर बनी है, यह पेयजल की सबसे बड़ी परियोजना है।
बीसलपुर बांध - टोंक(बनास नदी पर)।
बीसलपुर टोंक में बनास, खारी व डाई नदियों का त्रिवेणी संगम है।
टोरड़ी सागर बांध - इस बांध के सभी गेट खोलने पर इसमें एक बुंद भी पानी नहीं बचता।
भूमगढ़ - इसे असीरगढ़ भी कहते हैं।
वनस्थली विद्यापीठ - 1935 में राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री ने स्थापना की।
डिग्गी के श्री कल्याण जी - इनका प्रमुख मेला भाद्र पद शुक्ला एकादशी।
राजस्थान के इस जिले में कोई वन्य जीव अभ्यारण्य नहीं है।
राजस्थान पर्यटन विकास की दृष्टि से यह ‘ब्रज मेवात‘ सर्किट में आता है।
केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान केन्द्र - अविकानगर, टोंक।
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान केन्द्र्र - अविकानगर, टोंक।
नमदा उद्योग - टोंक।
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