तहसील - 13 पंचायत समिति - 17 संभाग - उदयपुर
उदयपुर नगर की स्थापना महाराणा उदयसिंह ने 1559 ई. में की। उदयपुर शहर शिशोदिया राजवंश द्वारा शासित मेवाड़ की राजधानी रहा।
इसे 'झीलों की नगरी', 'राजस्थान का कश्मीर' , 'पूर्व का वेनिस' के नाम से भी जाना जाता है।
गुहिल वंश - 6 वीं शताब्दी से 1303 तक।
सिसोदिया वंश - 1326 से 1947 तक।
गुजरात के साथ सर्वाधिक सीमा उदयपुर की लगती है।
सर्वाधिक अन्तर्राज्यीय सीमा बनाने वाला संभाग उदयपुर।
राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़(उदयपुर)।
आहड़ सभ्यता - उदयपुर।
बालाथल सभ्यता - उदयपुर।
धौलीमगरा सभ्यता - उदयपुर।
ईसबाल सभ्यता - उदयपुर।
झाडोल सभ्यता - उदयपुर।
भोराट का पठार - उदयपुर के कुम्भलगढ़ व गोगुंदा के मध्य का पठारी भाग।(भौगोलिक नाम)
भोराठ का पठार ऊंचाई में राजस्थान का तीसरा पठार है।
लासडिया का पठार - उदयपुर में जयसमंद से आगे कटा फटा पठारी भाग।
गिरवा - उदयपुर के चारों ओर की पहाडि़यां होने के कारण उदयपुर की आकृति एक तश्तरीनुमा बेसिन जैसी है, जिसे स्थानिय भाषा में गिरवा कहते हैं।
देशहरो - उदयपुर में जरगा व रागा पहाड़ीयों के बीच का क्षेत्र सदा हरा भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है।
मगरा - उदयपुर का उत्तरी पश्चिमी पर्वतीय भाग मगरा कहलाता है।
शिवी/मेदवाट/प्राग्वाट - उदयपुर व चित्तौड़गढ़।
चावण्ड - महाराणा प्रताप की राजधानी।
राज्यगीत - 'केसरिया बालम' - इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई द्वारा गाया गया था।
सोमनदी, उदयपुर के ऋषभदेव के पास बीछामेड़ा की पहाड़ी से निकलती है।
सोमकागदर बांध उदयपुर में है।
साबरमती, उदयपुर के कोटड़ा तहसील में स्थित अरावली की पहाड़ी से निकलती है।
बेड़च नदी, उदयपुर के गोगुंदा की पहाड़ीयों से निकलती है।
मानसी-वाकल परियोजना - उदयपुर।
अरावली पर्वत माला का विस्तार सर्वाधिक उदयपुर में है।
अरावली पर्वत माला की सर्वाधिक चौड़ाई उदयपुर जिले के दक्षिण पश्चिम में है।
अरावली पर्वतमाला का जरगा पर्वत(1431 मी.) इसी जिले में स्थित है।
जयसमंद झील(ढेबर) - महाराणा जयसिंह द्वारा निर्मित मीठे पानी की राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील।
पिछोला झील - इस झील का निर्माण चैदहवीं शताब्दी में महाराणा लाखा के समय पिच्छू नाम के एक बनजारे ने करवाया था।
जगमंदिर - पिछोला झील में स्थित इस महल का निर्माण जगतसिंह प्रथम ने 1651 में करवाया।
जगनिवास - पिछोला झिल में स्थित इस महल का निर्माण जगतसिंह द्वितिय ने 1746 में करवाया। वर्तमान में इसे लैक पैलेस होटल बना दिया गया है।
नटनी का चबूतरा - पिछोला झील में नटनी की स्मृति में बनाया गया चबूतरा है।
फतहसागर झील - इसका निर्माण जयसिंह ने 1678 में करवाया था। तब इसका नाम देवाली तालाब था। बाड़ के कारण देवाली तालाब के टुट जाने पर फतहसिंह ने इसका पुनःनिर्माण करवाया तथा इसका शिलान्यास ड्यूक आॅफ कनाॅट ने किया था। तब से इसका नाम फतहसागर झील हो गया।
सौर वेधशाला - फतहसागर झील में स्थित वेधशाला।
उदयसागर झील - इस झील का निर्माण महाराणा उदयसिंह ने 1559-65 के मध्य करवाया।
राजमहल(सिटी पैलेस) - पिछोला झीले के किनारे बने भव्य महल, जिन्हें इतिहासकार फग्र्यूसन ने राजस्थान के विण्डसर महलों की संज्ञा दी। इन महलों में मानक महल, दिलखुश महल, मोती महल, प्रताप कक्ष, बाडी महल आदि प्रसिद्ध हैं।
सहेलियों की बाड़ी - यहां राजकुमारियां अपनी सहेलियों के साथ मनोरंजन के लिए आती थी। इस कारण इसे सलेलियों की बाड़ी कहा जाता है। इसका निर्माण महाराणा संग्रामसिंह द्वितिय ने करवाया तथा इसका पुनःनिर्माण फतहसिंह ने करवाया।
जगत अम्बिका मंदिर - उदयपुर के पास जगत गांव में स्थित अम्बिका माता का मंदिर।
फुलवाड़ी की नाल अभयारण्य - इसमें स्थित मानसी - वाकल जल सुरंग भारत की अपनी तरह की सबसे लम्बी जल सुरंग है।
गुलाब बाग - इसका निर्माण महाराणा सज्जनसिंह ने करवाया। इसे सज्जननिवास उद्यान भी कहते हैं।
कुम्भलगढ़ अभ्यारण्य - उदयपुर, पाली, राजसमंद।
आरक्षित वन सर्वाधिक उदयपुर में है, जिन पर पुरा नियंत्रण सरकार का है।
सज्जनगढ़ जैविक उद्यान - उदयपुर।
जयसमंद अभ्यारण्य - उदयपुर।
फुलवारी की नाल - उदयपुर।
सज्जनगढ़ अभ्यारण्य - उदयपुर, क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राजस्थान का दुसरा छोटा अभ्यारण्य है।
उदयपुर का चिड़ीयाघर उदयपुर शहर के गुलाब बाग के निकट है।
राजस्थान में उदयपुर जिले की कोटड़ा तहसील में पाये जाने वाली कैथोड़ी जनजाति द्वारा खेर वृक्ष के तने से हाण्ड़ी प्रणाली द्वारा कत्था तैयार किया जाता है।
वर्तमान में राजस्थान में सर्वाधिक वन उदयपुर जिले में है।
राजस्थान पर्यटन विकास की दृष्टि से यह मेवाड़ सर्किट में आता है।
धींगा गौर का मेला, उदयपुर में बैसाख कृष्ण तृतिया को लगता है।
राजस्थान में सर्वाधिक बायो गैंस प्लांट उदयपुर में है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड(केन्द्रीय उपक्रम) - देबारी, उदयपुर।
जिंक स्मेल्टर(उर्वरक उद्योग) - देबारी, उदयपुर।
मेवाड़ महोत्सव - उदयपुर(अप्रैल)।
भैंस प्रजनन केन्द्र - वल्लभनगर, उदयपुर।
लाख के आभूषण उदयपुर के प्रसिद्ध हैं।
हाथि दांत की वस्तुएं उदयपुर की प्रसिद्ध हैं।
कठपुतली उदयपुर की प्रसिद्ध है।
तलवार उदयपुर की प्रसिद्ध है।
मशहूर ट्रेवल प्लस लेजर मैग्जीन के अनुसार झीलों का शहर उदयपुर एशिया का छठा सबसे खूबसूरत शहर बन गया है। जयपुर 10वें नंबर पर है।
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