राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 131 निम्नांकित प्राचीन नगरों में से किस स्थान पर नहर के अवशेष प्राप्त हुए हैं -
Agriculture Officer 2020 -
- (अ) कर्कोटनगर
- (ब) रंगमहल
- (स) नगरी
- (द) नांदसा
उत्तर : नगरी
व्याख्या :
चित्तौड़गढ़ के पास स्थित नगरी को पाणिनी की अष्टाध्यायी में उल्लिखित ‘माध्यमिका’ माना जाता है। जो बेड़च नदी के तट पर स्थित था। नगरी से नहर के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- प्रश्न 132 निम्नलिखित में से किस स्थल से मौर्यकालीन वास्तुकारी के अवशेष प्राप्त हुए हैं -
Agriculture Research Officer - 2020 -
- (अ) बैराठ
- (ब) रंगमहल
- (स) आहर
- (द) बड़ोपाल
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
इस स्थल की प्रांरंभिक और सर्वप्रथम खोज का कार्य 1837 ई. में कैप्टन बर्ट द्वारा किया गया। इन्होंने विराटनगर में मौर्य सम्राट अशोक का प्रथम भाब्रू शिलालेख खोज निकाला और यह 1840 ई. से एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल, कलकत्ता संग्रहालय में सुरक्षित है। इसे ‘भाब्रू शिलालेख’ और ‘बैराठ-कलकत्ता शिलालेख’ कहा जाता है।
- प्रश्न 133 गणेश्वर सभ्यता थी -
Agriculture Research Officer - 2020 -
- (अ) लौह युगीन
- (ब) ताम्र युगीन
- (स) कांस्य युगीन
- (द) पीतल युगीन
उत्तर : ताम्र युगीन
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला। ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में से प्राप्त तिथियों में यह प्राचीनतम् है। इस प्रकार गणेश्वर संस्कृति को निर्विवाद रूप से ‘भारत में ताम्रयुगीन सभ्यताओं की जननी’ माना जा सकता है।
- प्रश्न 134 राजस्थान का यह स्थान जो पहले विराटनगर से जाना जाता था जहाँ पर पांडवों ने अज्ञातवास का एक वर्ष बिताया था, आज किस नाम से जाना जाता है -
Stenographer Pre Exam (21 March 2021) (Paper I) -
- (अ) इनमें से कोई नहीं
- (ब) कोलायत
- (स) बैराठ
- (द) नागदा
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया।
- प्रश्न 135 आहड़ सभ्यता किस अन्य नाम से भी जानी जाती है -
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- (अ) आहड़पुर
- (ब) अगछपुर
- (स) आघाटपुर
- (द) आधमपुर
उत्तर : आघाटपुर
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है। दसवीं व ग्याहरवीं शताब्दी में इसे ‘आघाटपुर’ अथवा ‘आघट दुर्ग’ के नाम से जाना जाता था। इसे ‘धूलकोट’ भी कहा जाता है।
- प्रश्न 136 किस पुराविद् को प्रथम बार ‘काली बंगा’ सम्भ्यता को प्रकाश में लाने का श्रेय दिया जाता है -
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- (अ) अमलानन्द घोष
- (ब) बी. बी. लाल
- (स) बालकृष्ण थापड़
- (द) आर. सी. अग्रवाल
उत्तर : अमलानन्द घोष
व्याख्या :
कालीबंगा का पता ‘पुरातत्व विभाग के निदेशक ए. एन. घोष’ ने सन् 1952 में लगाया था। सन् 1961-69 तक नौ सत्रों में बी. के. थापर, जे. वी. जोशी तथा बी. बी. लाल के निर्देशन में इस स्थल की खुदाई की गयी। कालीबंगा स्वतंत्र भारत का वह पहला पुरातात्विक स्थल है जिसका स्वतंत्रता के बाद पहली बार उत्खनन किया गया तत्पश्चात् रोपड़ का उत्खनन किया गया।
- प्रश्न 137 धूलकोटा कहां स्थित है -
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- (अ) कालीबंगा
- (ब) बालाथल
- (स) बैराठ
- (द) आहड़
उत्तर : आहड़
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है। दसवीं व ग्याहरवीं शताब्दी में इसे ‘आघाटपुर’ अथवा ‘आघट दुर्ग’ के नाम से जाना जाता था। इसे ‘धूलकोट’ भी कहा जाता है।
- प्रश्न 138 गिलुण्ड सभ्यता के अवशेष किस युग के हैं -
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- (अ) ताम्रप्रस्तर युग
- (ब) लौहप्रस्तर युग
- (स) मृद्भांड युग
- (द) प्रस्तर युग
उत्तर : ताम्रप्रस्तर युग
व्याख्या :
सन् 1957-58 में प्रो. बी.बी. लाल ने गिलूण्ड (राजसमन्द) पुरास्थल का उत्खनन किया। गिलुण्ड सभ्यता के अवशेष ताम्रप्रस्तर युग के हैं।
- प्रश्न 139 निम्नलिखित संस्कृति में से किसे बनास संस्कृति के नाम से भी जाना जाता है -
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- (अ) आहड़ संस्कृति
- (ब) सरस्वती संस्कृति
- (स) द्रव्यवती संस्कृति
- (द) दृषद्वती संस्कृति
उत्तर : आहड़ संस्कृति
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है।
- प्रश्न 140 चंद्रावती सभ्यता निम्नलिखित में से किस जिले में स्थित है?
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- (अ) उदयपुर
- (ब) कोटा
- (स) सिरोही
- (द) जैसलमेर
उत्तर : सिरोही
व्याख्या :
चंद्रवती सभ्यता सिरोही में सेवाणी नदी के तट पर स्थित है। चंद्रावती की खोज 1822 में कर्नल जेम्स टॉड ने की थी।
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