राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 151 निम्नलिखित में से कौन सा कथन बैराठ सभ्यता के बारे में सही नहीं है -
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- (अ) यह लूणी नदी के तट पर स्थित है।
- (ब) इसे अलवर के सिंह द्वार के रूप में भी जाना जाता है।
- (स) इसे पहली बार राय बहादुर दयाराम सहानी ने 1936 ई में खोजा था।
- (द) अशोक का शिलालेख भी वहां मिला।
उत्तर : यह लूणी नदी के तट पर स्थित है।
व्याख्या :
यह बाणगंगा नदी के किनारे स्थित है। यह शाहपुरा, जयपुर में स्थित है। इसे विराट नगर के नाम से भी जाना जाता है। यह जयपुर-अलवर की सीमा पर स्थित है। इसे अलवर के सिंह द्वार के रूप में भी जाना जाता है।
- प्रश्न 152 भव्य प्रकार के बर्तन किस सभ्यता में पाए गए थे -
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- (अ) ओझियाना
- (ब) चंद्रवती
- (स) बांका
- (द) ओला
उत्तर : ओझियाना
व्याख्या :
ओझियाना सभ्यता खारी नदी के किनारे पर स्थित है। इसके उत्खनक 2000 ई. में बी.आर.मीना और आलोक त्रिपाठी थे। गायों और बैल की मिट्टी की मूर्ति वहां मिली। पूरे मिट्टी के बर्तन भी वहां मिले, जिसे भव्य प्रकार के बर्तन के नाम से जाना जाता है।
- प्रश्न 153 निम्नलिखित में से कौन सा कथन रेढ़ सभ्यता के बारे में सही नहीं है -
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- (अ) यह ढील नदी के तट पर स्थित है।
- (ब) इसकी खुदाई वी.एन. मिश्रा ने 1938-40 ई में की।
- (स) एशिया का सबसे बड़ा सिक्का भंडार भी वहां पाया गया।
- (द) इसे प्राचीन भारत के टाटानगर के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर : इसकी खुदाई वी.एन. मिश्रा ने 1938-40 ई में की।
व्याख्या :
रेढ़ सभ्यता(टोंक) ढील नदी के तट पर स्थित है। इसकी खुदाई 1938-40 ई में केदार नाथ पुरी ने की थी। यह एक लौह युग की सभ्यता थी। गजमुखी यक्ष और मातृदेवी की मूर्तियाँ भी वहाँ मिलीं। एशिया का सबसे बड़ा सिक्का भंडार भी वहां पाया गया। इसे प्राचीन भारत के टाटानगर के नाम से भी जाना जाता है।
- प्रश्न 154 किस सभ्यता को खेड़ा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है -
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- (अ) नैनवा
- (ब) मलाह
- (स) कुरादा
- (द) नगर
उत्तर : नगर
व्याख्या :
नगर सभ्यता का प्राचीन नाम मालव प्रांत था। इसके उत्खनक डॉ एन.के. पुरी थे। यह उनियारा, टोंक में स्थित है। मालव, अहर सिक्के, और गुप्त का समय पाठ भी वहाँ पाया गया था। वर्तमान में, इसे खेड़ा सभ्यता के रूप में जाना जाता है।
- प्रश्न 155 निम्नांकित में से राजस्थान में किस स्थान से सैन्धव कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं -
Stenographer Comp. Exam - 2011 (Paper I) -
- (अ) बालाथल
- (ब) गणेश्वर
- (स) गिलुण्ड
- (द) कालीबंगा
उत्तर : कालीबंगा
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यदि हड़प्पा और मोहनजोदड़ों को सैंधव सभ्यता की दो राजधानियां माना जा सकता है तो दशरथ शर्मा के अनुसार कालीबंगा को सैंधव सभ्यता की तीसरी राजधानी कहा जा सकता है।
- प्रश्न 156 निम्नलिखित जिलों में से किस जिले से आहाड़ संस्कृति के अवशेष मिले हैं -
Stenographer Comp. Exam - 2011 (Paper I) -
- (अ) चित्तौड़
- (ब) बांसवाड़ा
- (स) उदयपुर
- (द) राजसमन्द
उत्तर : उदयपुर
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है।
- प्रश्न 157 राजस्थान की बालाथल सभ्यता की खोज निम्नलिखित में से किसके द्वारा की गई थी -
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- (अ) वी. एन. मिश्रा
- (ब) दया राम सहानी
- (स) बी. बी. लाल
- (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : वी. एन. मिश्रा
व्याख्या :
सन् 1993 में वी.एन. मिश्र द्वारा ई.पू. 3000 से लेकर ई.पू. 2500 तक की ताम्रपाषाण युगीन संस्कृति के बारे में पता चला है। बालाथल उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील में स्थित है।
- प्रश्न 158 शैल चित्र और पंचमार्क मुद्राओं के प्रमाण किस सभ्यता से मिले हैं -
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- (अ) बैराठ
- (ब) बागौर
- (स) आहड़
- (द) बालाथल
उत्तर : बैराठ
व्याख्या :
बैराठ से 36 चांदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं 36 में से 28 सिक्के हिन्द - युनानी राजाओं के है। 28 में से 16 सिक्के मिनेण्डर राजा(प्रसिद्ध हिन्द - युनानी राजा) के मिले हैं। शेष 8 सिक्के प्राचीन भारत के सिक्के आहत(पंचमार्क) है।
- प्रश्न 159 आहड़ सभ्यता के बारे में निम्न कथनों पर विचा कीजिए –
(A) आहड़वासी तांबा गलाना जानते थे।
(B) ये लोग चावल से परिचित नहीं थे।
(C) धातु का काम आहड़वासियों की अर्थव्यवस्था की एक साधन था।
(D) यहाँ से काले – लाल रंग मद्भाण्ड मिले हैं, जिन पर सामान्यतः सफेद रंग से ज्यामितीय आकृति उकेरी गई हैं।
सही विकल्प का चयन कीजिए –
RPSC Ras Pre. Exam 2021 -
- (अ) A, C एवं D सही हैं
- (ब) C एवं D सही हैं
- (स) A एवं B सही हैं
- (द) A, B एवं C सही हैं
उत्तर : A, C एवं D सही हैं
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यहां से तांबा गलाने की भट्टी मिली है। आहड़वासी चावल से परिचित थे। ये लोग कृषि व पशुपालन कार्य में भी संलग्न थे। यहाँ मिले बर्तनो में भोजन के बर्तन की पाश्र्वभूमि काली है, किनारा लाल तथा कुछ बर्तनो में सफेदी से चित्रकारी भी की गई है। यह मृदभांड आहड़ को लाल-काले मृदभांड वाली संस्कृति का प्रमुख केंद्र सिद्ध करते है।
- प्रश्न 160 पुरातात्विक स्थल और उनसे संबंधित जिले को सुमेलित कीजिए -
अ, ब, स, दअ. बरोर 1. जयपुर ब. गरदड़ा 2. श्रीगंगानगर स. मगरी 3. बूंदी द. जोधपुरा 4. भीलवाड़ा -
- (अ) 2, 3, 4, 1
- (ब) 3, 2, 4, 1
- (स) 4, 3, 2, 1
- (द) 1, 2, 3, 4
उत्तर : 2, 3, 4, 1
व्याख्या :पुरातात्विक स्थल जिला बरोर, डेरा तरखानवाला गंगानगर गरदड़ा बूंदी मगरी भीलवाड़ा जोधपुरा,चीथ वाड़ी जयपुर
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