राजस्थान की प्राचीन सभ्यताएँ
- प्रश्न 161 पुरातात्विक स्थल ‘रंग महल’ कहां स्थित है -
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- (अ) बीकानेर
- (ब) झालावाड़
- (स) हनुमानगढ़
- (द) उदयपुर
उत्तर : हनुमानगढ़
व्याख्या :
सन् 1952 से 1954 के बीच लुण्ड विश्वविद्यालय के स्वीडिश दल द्वारा पुरातत्व शास्त्री हन्ना राईड व होलगर अर्बमेन व के. एरिस्किन के नेतृत्व में रंगमहल के टीलों की खुदाई की गयी। इस खुदाई से ज्ञात हुआ है कि प्रस्तर युग से लेकर छठी शताब्दी ईस्वी पूर्व तक यह क्षेत्र पूर्णतः समृद्ध था।
- प्रश्न 162 सिंधु घाटी से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा स्थल राजस्थान में स्थित है -
Raj Police Constable Exam (7 Nov 2020 S-1) -
- (अ) कोटदिजी
- (ब) धोलावीरा
- (स) कालीबंगा
- (द) रोपन
उत्तर : कालीबंगा
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। हरियाणा में राखीगढ़ी एवं गुजरात में धौलावीरा के बाद राजस्थान में कालीबंगा देश का तीसरा सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थल है।
- प्रश्न 163 ‘कालीबंगा’ सभ्यता की खोज किसके द्वारा की गई -
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- (अ) अमलानंद घोष
- (ब) प. अक्षयकीर्ति व्यास
- (स) दयाराम साहनी
- (द) वीरेंद्र नाथ मिश्री
उत्तर : अमलानंद घोष
व्याख्या :
कालीबंगा प्राचीन सरस्वती नदी के बाएं तट पर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ से लगभग 25 किमी. दक्षिण में स्थित है। वर्तमान में यहाँ घग्घर नदी बहती है। कालीबंगा में पूर्व हड़प्पाकालीन, ‘हड़प्पाकालीन’ तथा ‘उत्तर हड़प्पाकालीन’ सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस स्थान का पता ‘पुरातत्व विभाग के निदेशक ए. एन. घोष’ ने सन् 1952 में लगाया था।
- प्रश्न 164 कौन सा पुरातात्विक स्थल अपने जिले से सही सुमेलित नहीं है -
Raj Police Constable Exam (8 Nov 2020 S-1) -
- (अ) कालीबंगा – हनुमानगढ़
- (ब) बागोर – भीलवाड़ा
- (स) गणेश्वर – नीम का थाना
- (द) बैराठ – उदयपुर
उत्तर : बैराठ – उदयपुर
व्याख्या :
बैराठ, कोटपूतली बहरोड में है। इस स्थल की प्रांरंभिक और सर्वप्रथम खोज का कार्य 1837 ई. में कैप्टन बर्ट द्वारा किया गया। प्राचीन मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (वर्तमान बैराठ) में ‘बीजक की पहाड़ी’, ‘भीमजी की डूँगरी’ मोती डूंगरी तथा ‘महादेवजी की डूँगरी’ आदि स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936-37 में तथा पुनः 1962-63 में पुरातत्वविद् नीलरत्न बनर्जी तथा कैलाशनाथ दीक्षित द्वारा किया गया।
- प्रश्न 165 राजस्थान के इन पुरातात्विक स्थलों में से कौन सा स्थल सिंधु घाटी सभ्यता का भाग नहीं था -
Raj Police Constable Exam (8 Nov 2020 S-2) -
- (अ) करनपुरा
- (ब) कालीबंगा
- (स) बिनजोर
- (द) अहार
उत्तर : अहार
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी।
- प्रश्न 166 निम्नांकित में से इतिहासवेत्ता ने कालीबंगा को सिंधु घाटी साम्राज्य की तृतीय राजधानी कहा है -
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- (अ) जी. एच. ओझाा
- (ब) श्यामल दास
- (स) दशरथ शर्मा
- (द) दयाराम साहनी
उत्तर : दशरथ शर्मा
व्याख्या :
यदि हड़प्पा और मोहनजोदड़ों को सैंधव सभ्यता की दो राजधानियां माना जा सकता है तो दशरथ शर्मा के अनुसार कालीबंगा को सैंधव सभ्यता की तीसरी राजधानी कहा जा सकता है।
- प्रश्न 167 जोती हुई कृषि भूमि का साक्ष्य प्राप्त हुआ है -
Police SI 14 September 2021 (Gk) -
- (अ) कालीबंगा से
- (ब) मोहनजोदड़ो से
- (स) बनवाली से
- (द) हड़प्पा से
उत्तर : कालीबंगा से
व्याख्या :
संसार भर में उत्खनन से प्राप्त खेतों में यह पहला है। इस खेत में दो तरह की फसलों को एक साथ उगाया जाता था, कम दूरी के सांचों में चना व अधिक दूरी के सांचों में सरसों बोई जाती थी। खेत में ‘ग्रिड पैटर्न’ की गर्तधारियों के निशान है और ये दो तरह के निशान एक दूसरे के समकोण पर बने हुए है।
- प्रश्न 168 अग्नि कुण्डों के साक्ष्य मिले -
Police SI 14 September 2021 (Gk) -
- (अ) मोहनजोदड़ो
- (ब) चन्हूदाडो
- (स) लोथल
- (द) कालीबंगा
उत्तर : कालीबंगा
व्याख्या :
कालीबंगा से ईटों से निर्मित चबुतरे पर सात अग्नि कुण्ड प्राप्त हुए है जिसमें राख एवम् पशुओं की हड्डियां प्राप्त हुई है।
- प्रश्न 169 पुरास्थल ‘आहड़’ से प्राप्त प्राचीन अवशेष संबंधित है -
Police SI 15 September 2021 (Gk) -
- (अ) पुरापाषाण युग से
- (ब) ताम्रपाषाण युग से
- (स) लौह युग से
- (द) काँस्य युग से
उत्तर : ताम्रपाषाण युग से
व्याख्या :
उदयपुर से तीन किलोमीटर दूर 500 मीटर लम्बे धूलकोट के नीचे आहड़ का पुराना कस्बा दवा हुआ है जहाँ से ताम्रयुगीन सभ्यता प्राप्त हुई है। यह सभ्यता बनास नदी पर स्थित है। ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध यह सभ्यता आयड़/बेड़च नदी के किनारे मौजूद थी। प्राचीन शिलालेखों में आहड़ का पुराना नाम ‘ताम्रवती’ अंकित है।
- प्रश्न 170 गणेश्वर सभ्यता का विकास किस नदी के किनारे हुआ -
Asst. Agriculture Officer - 2018 (Paper-1) -
- (अ) घग्घर
- (ब) कांतली
- (स) बनास
- (द) लूनी
उत्तर : कांतली
व्याख्या :
गणेश्वर का टीला, नीम का थाना में कांतली नदी के उद्गम स्थल पर अवस्थित है। गणेश्वर में रत्नचंद्र अग्रवाल ने 1977 में खुदाई कर इस सभ्यता पर प्रकाश डाला।
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